बर्फानी बाबा की यात्रा पर पड़ी कोरोनावायरस की कठोर दृष्टि

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चंडीगढ़/ जम्मू कश्मीर:- 24 अप्रैल:- आरके विक्रमा शर्मा/ अजीत चौहान:– समूची दुनिया कोरोनावायरस वैश्विक बीमारी की चपेट में है मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च सब पूजनीय स्थल लॉक डाउन के चलते बंद हैं। भगवान ने भी मानस समाज से उसकी बेपरवाहियों  और मनमर्जियां ज्यादतियों कर्मों से मुंह मोड़ लिया है। इसी क्रम के चलते इस महामारी से बचने के लिए सटीक कदम उठाए जा रहे हैं। अभूतपूर्व निर्णय लिए जा रहे हैं। इसी को मद्देनजर रखते हुए वर्ष 2020 में बाबा अमरनाथ जी की बर्फानी यात्रा हर सूरते हाल में रद्द कर दी गई है।
कश्मीर के एलजी और श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के चेयरमैन गिरीश चंद्र मुर्मू की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि पूरी कश्मीर घाटी में जहां-जहां से होकर अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालु गुजरते हैं वहां 77 कोरोना रेड जोन हैं। इसकी वजह से लंगरों की स्थापना,मेडिकल सुविधाएं,कैंप लगाना,सामानों की आवाजाही,रास्ते पर पड़े बर्फ को हटाना संभव नहीं है।।
कोरोना महामारी के कारण इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा रद्द कर दी गई है।। अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने साल 2020 के लिए अमरनाथ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया है।।
अमरनाथ यात्रा के रास्ते में 77 कोरोना रेड जोन
जम्मू-कश्मीर के एलजी और श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के चेयरमैन गिरीश चंद्र मुर्मू की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि पूरी कश्मीर घाटी में जहां-जहां से होकर अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालु गुजरते हैं वहां 77 कोरोना रेड जोन हैं इसकी वजह से लंगरों की स्थापना,मेडिकल सुविधाएं, कैंप लगाना,सामानों की आवाजाही, रास्ते पर पड़े बर्फ को हटाना संभव नहीं है
एलजी जीसी मुर्मू ने कहा कि हालांकि सरकार लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया है, लेकिन अभी तक ये तय नहीं है कि कोरोना वायरस की वजह से देश में सारी गतिविधियां कबतक बंद रहेंगी उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार और प्रशासन की सबसे बड़ी प्राथमिकता है परंपरागत तरीके से होगी प्रथम और समापन पूजा
मौजूदा हालात के मद्देनजर बोर्ड ने एकमत से फैसला लिया कि साल 2020 में अमरनाथ यात्रा कराना संभव नहीं होगा हालांकि बोर्ड ने यह भी तय किया है कि बाबा बर्फानी की प्रथम पूजा और समापन पूजा पारंपरिक हर्ष और उल्लास के साथ की जाएगी ऑनलाइन दर्शन देंगे बाबा बर्फानी
बोर्ड की मीटिंग में यह भी तय किया गया कि बोर्ड इस संभावना की भी तलाश करेगा कि पूजा और शिवलिंग दर्शन को दुनिया भर में फैले बाबा के भक्तों तक ऑनलाइन पहुंचाया जाए अमरनाथ यात्रा हर साल जून के महीने में शुरू होती है और करीब 2 महीने तक लाखों की तादाद में श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं कश्मीर के इतिहास में पहली बार होगा जब अमरनाथ यात्रा को कैंसिल करना पड़ा है।। साभार डीआर एस एन २४एल।।

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