चंडीगढ़ /पिंजौर : 12 जुलाई : अल्फा न्यूज इंडिया डेस्क :—-कालका के सरकारी कॉलेज ग्राऊंड में स्टेडियम का निर्माण करवा हरियाणा सरकार आगे दौड़ पीछे छोड़ की कहावत को पूरी तरह से चरितार्थ कर रही है क्योंकि कालका से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर पपलोहा में स्थित खेल स्टेडियम अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। सरकार लाखों रूपये कॉलेज ग्राऊंड के स्टेडियम पर तो खर्च करने जा रही है पर पपलोहा गांव के उक्त स्टेडियम के रख रखाव पर किसी का ध्यान नहीं है। प्रेस की टीम ने पपलोहा स्थित उक्त स्टेडियम का दौरा किया तो ऐसी कई खामियां मिलीं जो चीख-चीख कर सरकार द्वारा खेलों को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही नीतियों की जमीनी हकीकत को ब्यां कर रही थीं।
पूरा मैदान है ऊबड़ खाबड़
लगभग 5 एकड़ में फैला खेल मैदान पूरी तरह से समतल नहीं है। खेल मैदान जगह-जगह ऊबड़ खाबड़ है, जिससे मैदान के चारों ओर दौड़ लगाने वाले कभी भी गिरकर किसी दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। नाम न छापने की शर्त पर गांव के एक युवक ने बताया कि वह अक्सर सुबह जल्दी दौड़ लगाने मैदान में आया करता था, परंतु एक दिन अंधेरा होने की वजह से इस ऊबड़ खाबड़ मैदान में गिरकर बुरी तरह से चोटिल हो गया तथा उस दिन से उसने अंधेरे में आकर उक्त मैदान में दौड़ लगाने से तौबा कर ली। ऊबड़ खाबड़ होने के साथ ही मैदान में कई जगह उगी हुई झाडिय़ां भी मैदान में दौड़ लगाने वालों के लिए अवरोधक सिद्ध होती हैं।
शौचालय बदहाल, टूटी पड़ी है टयूबलाईट व इलैक्ट्रिल बोर्ड
एक तरफ सरकार जिला पंचकूला को खूले में शौचमुक्त घोषित कर चुकी है तथा दूसरी तरफ स्टेडियम के अंदर बनाए गए शौचालय पूरी तरह से बदहाल मिले। शौचालयों की हालत देखकर लग रहा था कि पिछले काफी समय से ये प्रयोग में नहीं है। अब खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्टेडियम में प्रैक्टिस करने के लिए आने वाले खिलाड़ी शौच के लिए कहां जाते होंगे। इसके साथ ही स्टेडियम हॉल में लगी टयूबलाईट भी गायब मिली व इलैक्ट्रिक बोर्ड भी टूटा हुआ था। वहीं हॉल में लगाए गए कुल 11 पंखों में से केवल 4 ही चालू हालत में थे।
जिम के सामान की सुरक्षा का नहीं कोई प्रबंध
स्टेडियम में निर्मित हॉल तथा कमरों में रखे जिम के कीमती सामान की सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं है। मेन गेट पर भी कोई ताला नहीं लगाया गया तथा साथ ही हॉल के बाहर लगाए गए दरवाजों को भी कपड़े के टुकड़े से बांधकर बंद किया हुआ था जिसे खोलकर कोई भी चोर आसानी से कीमती सामान तक पहुंच सकता है। इसके अलावा अंदर निर्मित कमरों में भी ताला नहीं लगा मिला तथा न ही कोई चौकीदार सामान की सुरक्षा के लिए स्टेडियम में उपलब्ध था। उधर स्टेडियम की चारदिवारी भी टूटी हुई है जिसे झाडिय़ों से ढका हुआ था। इसके साथ ही स्टेडियम के अंदर पशु भी घूमते नजर आए।
कचरे में फैंका हुआ है कीमती सामान
वहीं स्टेडियम के अंदर स्वच्छता अभियान की भी पोल खुलती नजर आई। स्टेडियम के अंदर ही एक छोटे से कमरे में काफी टूटा फूटा सामान जमा कर रखा है। इसके साथ ही टूटे हुए लकड़ी के दरवाजे व खिड़कियों के कांच को भी एक कोने में फैंका गया है। इसी सामान में बिजली के ऐसे उपकरण भी फैंके गए हैं जिसे रिपेयर कर उपयोग में लाया जा सकता था। लापरवाही के चलते लोगों के खून पसीने की कमाई से दिए गए टैक्स से खरीदा गया सामान कबाड़ में परिवर्तित होकर रह गया है।
यह ब्लॉक का एकमात्र खेल स्टेडियम होने के बावजूद भी अनदेखी का शिकार है। सरकार को इसकी ओर ध्यान देकर इसकी स्थिति में सुधार करवाना चाहिए। हमारे क्षेत्र के खिलाडिय़ों में काफी प्रतिभा छुपी हुई परंतु साधनों की कमी के चलते यह प्रतिभा दबकर रह जाती है। कालका तथा आसपास के क्षेत्र में फुटबाल खेलने के लिए इससे बढिय़ा ग्राऊंड नहीं है अलका कालका के खेल प्रेमियों में लोगों ने सरकार से इस स्टेडियम की हालत को जल्द सुधारने की मांग की है।। साभार अग्रजन पत्रिका से –