चंडीगढ़ : 4 जून : आरके शर्मा विक्रमा :— महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कांग्रेस विधायक के तौर पर अपना इस्तीफा सौंप दिया है| लेकिन हाल ही में लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को जो पटखनी भारतीय जनता पार्टी ने दी है उसी से हार के बने फफोले अभी तक भी टीस रहे हैं। और टीस की कसक चंडीगढ़ संसदीय सीट पर भाजपा नेत्री से शिकस्त खाई कांग्रेस पार्टी की स्थानीय इकाई सहन कर रही है। उक्त सीट की जीत पर कांग्रेस अपनी जीत शत प्रतिशत निर्धारित किए थी। तभी तो पार्टी दूसरे में मीन मेख करने की बजाए अपने गिरेबां को टटोलने लग जाती है। विधायक के इस्तीफे से स्थानीय इकाई कुलबुला उठी है। पार्टी अध्यक्ष पीके छाबड़ा कुछ भी टिप्पणी करने से बच रहे हैं। पर अब पार्टी के वो बयान देने वाले दिन लद गये जब पार्टी छोड़ने वाले के जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है।। उन्होंने कहा कि कि अब पार्टी हर फर्क को समझती है। ये महाराष्ट्र की सियासी परिस्थितियों को अलग देखने का वक्त नहीं है।। कानाफूसी के चलते यह खबर सामने आ रही है कि विधायक जी ने दूर की गोटी खेलते हुए भारतीय जनता पार्टी में ही जाने का अब मन बना ही लिया है।। खबरची सोच का सच्चा पक्का कयास कि कांग्रेस छोड़ कर विधायक भाजपा की गोद में बैठेंगे।। वे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं| उन्हें मंत्री बनाए जाने की भी अटकलें तेज हैं|
विधायक बाप से पहले उनके बेटे सुजय विखे पाटिल पहले ही बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं| बेटा सुजय विखे पाटिल अहमदनगर से सांसद चुने गए हैं| राधाकृष्ण विखे पाटिल आज ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से मुलाकात करेंगे| माना जा रहा है कि उनके साथ कांग्रेस और एनसीपी के कुल दस विधायक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं| यह आज की चल रही सियासी आंधी में आगे चलकर विधानसभा चुनाव में निर्णायक मील का पत्थर साबित होगा।।