शारीरिक और आत्मिक मानसिक शुद्धि हेतु योग व व्रत अनिवार्य -ज्योतिषआचार्य विवेक वशिष्ठ

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चंडीगढ़ 21 जून 25 आरके विक्रमा शर्मा रक्षत शर्मा अनिल शारदा —-योग इच्छाओं को नियंत्रण में रखता है नाना प्रकार की भौतिक इच्छाओं के प्रति जिज्ञासाओं को शांत करता है जीवन के ध्येय अध्याय को लक्षित करता है। आत्मा पर और दैहिक प्रलोभनों पर नियंत्रण रखने का नाम ही योग है। यह सात्विक विचार श्री सिद्ध बाबा बालक नाथ जी मंदिर सेक्टर 30 के पुजारी और ज्योतिष आचार्य पंडित विवेक शास्त्री जी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के साथ-साथ वर्ष के सबसे लंबे दिन 21 जून और योगिनी एकादशी दिवस के उपलक्ष्य में अल्फा न्यूज़ इंडिया के माध्यम से जनमानस के साथ साझा किए हैं। पंडित विवेक वशिष्ठ जी ने बताया कि सोमवार 23 जून को सोम प्रदोष व्रत है जिसकी अपनी महत्व है इस दिन व्रत करके निराहार रहने से आत्मा और शरीर की शुद्धि का रास्ता बनता है। योग और व्रत से आत्मिक वह मानसिक शारीरिक शुद्धि होती है।

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