भरतदीप को मिल रही योगराज के बाद खूब वाहवाही “कच्चे धागे” में
चंडीगढ़ ; 25 नवम्बर ; आरके विक्रमा शर्मा /मोनिका शर्मा/एनके धीमान ;—–देशो विदेशों में फिल्माई गई सामाजिक और पारिवारिक सरोकारों से सजी पुश्तैनी दुश्मनी और युवा प्रेम प्रसंग सहित पुनर्जन्म से जुडी सच्ची कहानी से सजी कच्चे धागे फिल्म आज से बड़े पर्दे पर रिलीज हुई ! फिल्म में बतौर फ़िल्मी कलाकार अपना सफर शुरू करते हुए अभिनेता भरतदीप और अभिनेत्री श्रेया चावला ने मंझे सधे और स्थापित कलाकारों की हाजिरी में खुद के अभिनय को कहीं भी इक्कीस से उन्नीस नहीं होने दिया ! कच्चे धागे पुनर्जन्म और गांवों में पुष्तैनी दुश्मनी को दर्शाती फिल्म है जो खूब सरे समाजक और पारिवारिक सरोकारों से जुड़े अच्छे बदलाव के मैसेज देती है ! भले ही श्रेया चावला की अदाकारी फीकी रही पर भरतदीप ने अपनी जीवट अभिनय से और डायलॉग्स अदायगी से सब का मन मोह लिया ! कहीं भी भरतदीप ने अपने भूमिका से खिसकने का मौका नहीं बनने दिया ! फाइटिंग सीन्स में भी मन्झापन और फुकरापंती सहित फौरापन नहीं घुसने दिया ये हीरो की लग्न और गहरापन से अभिनय के गुर और गुण सिखने को दर्शाता है ! योगराज सिंह एक मंझे चरित्र अभिनेता हैं और आज भी अपने बलबूते पर फिल्म को टिकट खिड़की पर खड़ा रखने का दम रखते हैं ! कच्चे धागे फिल्म में योगराज सिंह माँ के रोल में उधर नीटू पंधेर की माँ ने अपने 2 रोल से बखूबी इंसाफ किया है ! बेशक फिल्म का पहला भाग धीमी गति से सरकता रहा पर इंटलवल के बाद तो फिल्म में गति भी आई और दर्शकों को कई मर्तबा सांसें भी थमती रहीं ! योगराज के दमदार अभिनय के आगे नीटू पंधेर [होशियारपुरी] ने अपने हुनर भरे अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध रखा ! फिल्म में गोलीबारी और शराब का सेवन कुछ कम दिखाते तो हजम हो सकता है इतने खर्चे और हद लांघने से जरूरत से बचा जा सकता था ! पुलिस के मघर सिंह ने सस्पेंड होकर हथियार न उठाते हुए समाज और जनसेवा का बीड़ा उठाया होता तो इक अच्छा सन्देश जा सकता था ! योगराज सिंह ने हर औरत की इज्जत आबरू को सबकी सांझी आबरू और इज्जत मुकरर रखना समाज में नारी शक्ति को प्रणाम देता है ! फिल्म ने मारधाड़ ठीक है कुछ ज्यादा है पर उबाऊ नहीं है ! योगराज और भरतसिंह सहित नीटू पंधेर की सम्वाद अदायगी ने सब को तटस्थ किये रखा ! फिल्म कच्चे धागे का पीमियर शो मीडिया के नाम रहा और मीडिया के मुताबिक कच्चे धागे परिवार जनों के साथ एक लायक फिल्म है ! अनुमनु और मुख्तियार सहोता के संगीत से सजे गीत कर्णप्रिय हैं ! प्रोड्यूसर ग्रुप के बलदेवराज के मुताबिक फिल्म एक करोड़ रूपये के बजट शानदार सिनेमेटोग्राफी के स्तर पर खूब अच्छी बनी है ! सस्ती लागत के उतर में बलदेवराज चावला सहित निर्देशक व् स्क्रिप्ट राइटर बूटा सिह ने कहा कि फिल्म में तकरीबन हर कलाकार ने अपनी ड्रेसज पर खुद ही खर्च किया और निर्माता के धन का दुरूपयोग नहीं होने दिया ! बूटा सिंह के निर्देशन कल से भला कौन वाकिफ नहीं है ! दो गांवों की दुश्मनी और प्यार की ताकत सहित दो औरतों की दुश्मनी मिटाने की ठानी गई जिद्द का ऐसा उदाहरण समाज और परिवारों में बहूबेटियों और पुत्रों को नई सीख देगा ! सही मायनों में पहली मर्तबा की नए कलाकारों की मेहनत टिकट के खर्चे दाम पुरे करने वाली है ! इंडिया और कैनेडा में फिल्म को इक साथ रिलीज किया गया है ! योगराज सिंह ने फिल्म की शूटिंग्स के एक्सपीरियंस सांझे करते हए कहा कि कलाकार धरती पर सोते रहे और हाथों पर भी खाना कहकर भी फिल्म को पूरा करने में जुटे रहे ! इससे बड़ी पारिवारिक एकता और एकदूसरे के लिए समर्पण की मिसाल ऐसे ही बनती है ! प्रीमियर शो को मीडिया और सभी स्टार कास्ट सहित उनके फैन्स और कला जगत से जुडी हस्तियों व् उनके परिवारजनों आदि ने एक साथ बैठ कर एन्जॉय किया !