मातृ पितृ पूजा दिवस फेस्टिवल ऑफ़ अनकंडीशनल लव कल

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चंडीगढ़ ; 13 फरवरी ; आरके विक्रमा शर्मा /मोनिका शर्मा ;—- माता पिता भगवान से भी बड़े हैं जिन्होंने जीवन जन्म दिया ! और भगवान से बड़ा गुरु इसलिए क्योंकि गुरु उस परमपिता परमेश्वर से मिलने की राह का प्रदर्शन करता है !

 जब गुरु और मातपिता की पूजा की जाये तो भगवान खुद इस अलौलिक दृश्य का मनभावन मोक्षदायी अवलोकन करने धरा पर अवतरित होने को विवश हो जाता है ! ऐसी ही विवशता भगवान के आगे 14 फरवरी मंगलवार को सोहनी सिटी के स्थानीय सेक्टर 34 के एग्जीबिशन ग्राउंड में उपस्थित होगी ! क्योंकि शहर फेस्टिवल ऑफ़ अनकंडीशनल लव के तहत मातृ पितृ पूजा दिवस का बड़े स्तर के यादगारी आयोजन का गवाह बनेगा ! 14  फरवरी को शाम को 05-00 बजे गुरु वर और मातपिता सहित परमशक्ति ईश्वर की इच्छा तक आयोजित होगा !  

उक्त धर्म कर्म संस्कार समागम में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित  किये जायेंगे ! ट्राइसिटी के  अनेकों स्कूलों के छात्र छात्राओं के अपने अपने मातपिता सहित आकर अपनी अनन्य पूजा आस्था सहित संस्कार दर्शन प्रस्तुत करेंगे ! स्मरण करवाते चलें कि जहाँ भारत देश पश्चिमी सभ्यता की नकल पर प्रेमी प्रेयसी दिवस  के रूप में वेलनटाइन डे का मुरीद बनता जा रहा था तब धर्मगुरु हरिबोल आसाराम जी ने राहभटकती युवा पीढ़ी को अपने मातपिता सहित गुरु  चरणी लगाने हेतु मातृपितृ पूजा दिवस की अनुकरणीय गौरवमयी संस्कार की परम्परा का पुनः आधुनिक युग में स्थापन किया ! इसी परम्परा को अविलम्ब और अबाध रूप से  बापू आसाराम के लाखों आस्थावान बनाये और चलाये हुए हैं !  

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