सत्यार्थ प्रकाश हिंदू हिंदुत्व के प्रभाव, महत्व व औचित्य को समझने का सरल मार्ग

Loading

चंडीगढ़:- 21 जून:- आरके विक्रमा शर्मा करण शर्मा राजेश पठानिया अनिल शारदा प्रस्तुति:—*ओ३म्**सत्यार्थप्रकाश पढ़ने से लोग क्यों मना करते हैं ?*पौराणिक पंडित – सत्यार्थ प्रकाश कभी मत पढ़ना भाई ! नहीं तो पाप लगेगा, मुल्ले बन जाओगे, शिवलिंग व देवी देवताओं की मूर्ति पूजा से विश्वास उठ जाएगा और नास्तिक बन जाओगे !*

*पादरी – सत्यार्थ प्रकाश मत पढ़ना, दिमाग उलट जाएगा । पढ़ने की वस्तु नहीं है यह। फिर यीशु, परमेश्वर और बाईबिल सभी गलत लगने लगेगा !*

*मौलवी – सत्यार्थप्रकाश मत पढ़ना। सुना है जो पढ़ता है, वह काफिर बन जाता है । कुरान में गलतियाँ नजर आने लगती है। आर्य समाजी लोग सबसे बड़े काफ़िर है। हमारे अल्लाह के लिये मत पढ़ना। हम जो कहते हैं बस वही पढ़ो।*

*वाममार्गी – जिसमें तान्त्रिक, वामपंथी, जैनी, बौद्ध, भीमवादी, ओशोवादी, रामपालिये आदि आते हैं, का भी यही कहना है कि सत्यार्थप्रकाश मत पढो़, क्योंकि इसे पढ़ कर तुम वेदों को ईश्वरीय ज्ञान मानने लग जाओगे और यज्ञादि कर्मकाण्डों में उलझ कर अपने जीवन का कीमती समय व कीमती घी को बर्बाद करने लगोगे !*

*वैदिक धर्मी आर्य – तन्त्र, पुराण, कुरान, बाइबल सब पढ़ कर देख लो, जो बुद्धि के अनुकूल हो और तर्क संगत लगे उसे मान लेना। हमें बुद्धि मिली है, सोचने विचारने के लिये, आँख मूंद कर बात मानने के लिए नहीं !*

*वास्तव में सत्यार्थप्रकाश में एक ओर वेदों, उपनिषदों, मनु-स्मृति न्यायदर्शन गीता आदि का सरल भाषा में सार है तो दूसरी ओर तन्त्र पुराण कुरान बाईबल जैसे ग्रन्थों की पोल खोली गई है ! इस कारण ये सब लोग घबराते हैं, सत्यार्थ प्रकाश को कचरा बताते हैं, उसे पढ़ने को मना करते हैं, और यज्ञ जैसी उपयोगी व वैज्ञानिक प्रक्रिया को तो ये लोग जानना ही नहीं चाहते !*

*यदि आप आर्यवर्त्त (भारत) को पुनः विश्वगुरु बनाना चाहते हो, हिन्दू जाति की ठंडी रंगों में उष्ण रक्त का संचार करना चाहते हो, धर्मान्तरण को रोकना चाहते हो, अन्धविश्वास पाखंड का समूल नाश करना चाहते हो, राम राज्य लाना चाहते हो तो वेदों पर आधारित महर्षि दयानन्द के क्रांतिकारी ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश का स्वाध्याय कर उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करो ! सत्यार्थ प्रकाश वेद, उपनिषद, दर्शन और हमारे ऋषि मुनियों के सिद्धान्तों का निचोड़ है !*

*यह वह ग्रंथ है, जिसको भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, चन्द्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय जैसे अनेकों क्रांतिकारी पढ़ते थे, जो उनमें उर्जा का नया जोश जगाता था !*

*जिन भी विचारशील मित्रों को सत्यार्थ प्रकाश चाहिए, वे आर्य समाज से संपर्क करे आपको यह पुस्तक मिल जायेगी।*

👆👆👏👏🙏🙏यह वह पुस्तक है जो पंडितमदन मोहन मालवीयजी और आदित्य नाथ योगिजी पढ़ने को देते हैं. इस पुस्तक को स्वतंत्रता सैनिक पारसी – दादा भाई नेरोज़ी ने पढ़ा। अगर हिंदू पढ़ेगा तो क्रांतिकारी अग्निवीर राष्ट्र रक्षक देव बन जाएगा ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

159070

+

Visitors