चंडीगढ़ /छत्तीसगढ़ : 29 सितम्बर ; आरके शर्मा विक्रमा / लौंग दास महंत ;—-आज विजयदशमी का पर्व इस लिए बड़े स्तरों पर आयोजित किया जा रहा ताकि संदेश जाये कि परस्त्री को अपहरण करके, अपने गैरकानूनी कब्जे में, उसकी इच्छा के विरुद्ध रखने की कीमत परिवार ही नहीं अपितु समूची सत्ता व् शासन तक का नाश के रूप में होता है ! नव दिवस देश भर में शक्तिस्वरूपिणी कंजकों कन्याओं की खोज खोज के पूजा भक्ति करके उनके कोमल हाथ अपने सिरों पर रखवा कर आशीर्वाद लिए जाते रहे; लेकिन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रायपुर में विजय और शक्ति और आराध्य नारी शक्ति विसर्जन दिवस को उजागर हुई गैंगरेप की खबर ने देश को सकते में डाल दिया ! आधुनिक भारतीय समाज की ओछी मानसिकता का दोमुंहा चेहरा सामने आया ! 18 वर्षीय लड़की दुर्गा स्वरूपों को निहारने और डांडिया [गरबा] देखने के बाद घर लौट रही थी तो रस्ते में घात लगाए बैठे उस के ही जानने वाले दोस्त और उसके दोस्तों ने जब्री उसको अपहरण करके जंगल में ले गए ! सारी रात बारीबारी उसके साथ सामूहिक बलात्कार करते रहे और बाद में जालिम उसको जंगल में अकेली और तड़पती हालत में छोड़ कर चले गए ! अगले दिन नग्न अवस्था में एक बुजुर्ग ग्रामीण ने जंगल में देखा और मदद की ! पुष्ट खबरों के मुताबिक दोस्त का नाम अंचल और उसके ही भाई का नाम चंदन जोकि दोनों लड़की को जब्री पतई गाँव के पड़ते घने जंगल में ले गए ! पचपेड़ी थाना क्षेत्र के गाँव धुर्वाकारी की रहने वाली पीड़िता की आयु १८ वर्ष बताई गई है ! लहूलुहान हाल में नग्न लड़की जंगल में रात भर तड़पती रही और किसी ने उसकी चीख पुकार तक न सुनी ! घटना 24 सितम्बर रात की बताई जा रही है !
को लाने का फरमान सुना दिया और इंसानियत के बनते फर्जों से हायतौबा कर ली ! अगले दिन पीड़िता की हालत ज्यादा बिगडऩे पर परिवार के लोग पीड़िता को जिला अस्पताल ले गए । शर्मनाक बात यहाँ ये रही अस्पताल के बाहर पीड़िता छटपटाती रही कराहती रही पारा डाक्टरों ने एक बार भी उसकी सुध लेने की जेहमत नहीं उठाई ! ऊपर से पीड़िता का इलाज करने से साफ इंकार कर दिया ! बूढी माँ और मूकबधिर भाई के सहारे पीड़िता अस्पताल प्रबंधन और डाक्टरों से इलाज की भीख मांगती रही ! सारा दिन तड़पती रहने के बाद रात दस बजे के करीब महिला थाना प्रभारी [लेडी एसएचओ] इंस्पेक्टर विनोदनी तांदी और सब इंस्पेक्टर किरण राजपूत ने दर्द में तड़पती पीड़िता के ब्यान लिए तब जाकर 24 सितम्बर से जबरजिन्नाह का दाग व् दर्द लिए इलाज व् इंसाफ के भटकती पीड़िता का मामला दर्ज किया गया ! मामला रजिस्टर्ड पर आरोपी खुलेआम वर्दी को मुंह चिढ़ाते ;–अभी तक किसी भी आरोपी की महिला पुलिस थाना ग्रिफ्तारी तक न कर सकी ! पर पुष्ट सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने अंचल जोकि ब्राह्मण जाति का बताया गया उसे थाने ले आई थी पर फिर सवेरे पकड़ा और शाम को क्यों छोड़ा ये सवाल वर्दी पर अभी भी बरकरार हैं ! उधर आरोपियों की माँ और बहन ने मिलकर पीड़िता की बूढी माँ और मूकबधिर भाई आदि को पीट डाला ! पुलिस की सब इंस्पेक्टर किरण राजपूत के मुताबिक पीड़िता तीन वर्ष पूर्व जांजगीर चांपा जिला के पामगढ़ के तहत गाँव बोरसी वासी मिथुन से ब्याही बताई गयी पर आपसी राजीनामे के बाद छोड़छुड़ाई के बाद बूढी माँ के पास रहती है ! अंचल भारद्वाज शुरू से ही उसके साथ प्रेम प्रसंग बनाये हुए है ! अपहरण और गुमराह करके जब्री पतई के जंगलों में ले जाने के से पूर्व वह दुर्गा माँ का जागरण और झांकियां निहारने गाँव वालों के संग ही आई थी ! जंगल में अंचल भरद्वाज उसके भाई चंदन और इनके चार अन्य दोस्तों ने रात भर बलात्कार किया और लहूलुहान छोड़कर फरार हो गए ! पीड़िता किस जाति से संबंधित है ये भी किरण राजपूत बता नहीं रही !लेकिन क्या चारों अन्य आरोपी बलात्कारी की शिनाख्त कर ली गयी, के जवाब में भी किरण राजपूत एसआई निरुत्तर रही ! पीड़िता से अभी तक कोई महिला संगठन की सदस्य और पुलिस की बड़ी महिला पुलिस अफसर ने कुशल क्षेम पूछने आई इसका भी कोई जवाब नहीं मिला !