चंदौली:- 10 अक्टूबर:- आरके विक्रमा शर्मा+ करण शर्मा+ अनिल शारदा प्रस्तुति:– पड़ाव। मानसिक बीमारियों तथा डिप्रेशन जैसी समस्याओं का समाधान प्रकृति में समाहित है, वृक्ष पृथ्वी का आभूषण है, यदि हम धरती को मां का दर्जा देते हैं तो हमें कोशिश करना चाहिए कि मां का आभूषण वृक्ष से पूरी दुनिया हरी भरी रहे। उक्त बातें प्रोफेसर मोहम्मद आरिफ राजनीति शास्त्र काशी विद्यापीठ वाराणसी ने अपने संबोधन में शाह एजुकेशनल सेंटर रतनपुर चंदौली में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कहा। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का आरंभ 10 अक्टूबर 1992 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूरी दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए किया गया। हमारे जीवन शैली में बदलाव, सामाजिक जीवन से जुड़ी चिंता, डिप्रेशन जैसी कई गंभीर समस्याएं और बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करके इसे पूरी तरह समाप्त करना ही इसका उद्देश्य है।
⚡उक्त कार्यक्रम में बच्चों के द्वारा स्वागत गान, प्राणायाम, योगासन इत्यादि प्रस्तुत किया गया। उसके बाद मुख्य अतिथि के करकमलों द्वारा वृक्षारोपण किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रधानाचार्य श्री कृष्ण दत्त त्रिपाठी, प्रधानाचार्य बी राम तथा विद्यालय के प्रबंध निदेशक हाजी वसीम अहमद उपस्थित रहे।
⚡अतिथियों का स्वागत करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ सेराज अहमद ने अपने वक्तव्य में कहा कि वृक्ष इंसान को मानसिक शक्ति, छाया, फल तथा अनेकों लाभ देते हैं इंसान को प्रकृति के प्रति संवेदनशील होना चाहिए प्रकृति इंसान का मौलिक शिक्षक होता है।
⚡धन्यवाद ज्ञापन देते हुए विद्यालय के प्रबंध निदेशक हाजी वसीम अहमद ने अपने वक्तव्य में कहा कि वृक्ष परोपकार की भावना को प्रेरित करता है। उक्त कार्यक्रम में उमेश पांडे, शम्स तबरेज खान, इरफान सिद्दीकी, हौसला यादव, श्याम जी, रवि शंकर, हेमंत, अब्दुल, तौसीफ, विजयता, गीतांजलि, तरन्नुम इत्यादि अध्यापक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन इम्तियाज ने किया।
⚡क्लाउन टाइम्स “ब्रेकिंग न्यूज़” चंदौली