राष्ट्रीय दिवसों पर रिवार्ड अवार्ड विजेताओं को असली हकीकत ही अडंगा !!!!

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राष्ट्रीय दिवसों पर रिवार्ड अवार्ड विजेताओं को असली हकीकत ही अडंगा !!!!

चंडीगढ़ ; 31 दिस्मबर ; मोनिका शर्मा /आरके शर्मा विक्रमा ;—–नया साल नए सपने साकार करने का सु अवसर लेकर आया है ! देश 26 जनवरी को गणतंत्रता दिवस मनाने की भी तैयारियों में जुटा है ! हर महकमा अपनी बनती ड्यूटी को जिम्मेवारी से अंजाम तक पहुंचा रहा है ! अब ये बात अलग है कि लड़ेगी फ़ौज और अवार्ड और रिवार्ड कप्तान को मिलेगा ! आम मेहनतकश को कौन पूछेगा और उसकी खून पसीने की कदर कौन करेगा ! हर साल चंडीगढ़ प्रशासन गणतंत्रता दिवस के मौके पर अपने बेहतरीन नागरिकों को जो गैर सरकारी क्षेत्र से संबंधित होते हैं और लीक से हटकर समाजसेवा का कार्य अंजाम करते हैं उनको ठीक वैसे ही सम्मानित करते हैं जैसे सरकारी बाबुओं और अफसरों को सम्मानित किया जाता है ! ये सम्मानित होने वाले बाबू अपनी सरकारी ड्यूटी के अलावा किस जिम्मेवारी को अलग जवाबदेही से निभाते यहीं इसका जवाब आज तलक किसी भी स्तर के प्रशासनिक अधिकारी के पास नहीं होता है ! कई अधिकारी तो कई कई बार सम्मानित हो चुके हैं हालाँकि उनकी कार्यशैली से समूचा शहर भी वाकिफ है ! लेकिन ये रिवार्ड और अवार्ड इनको किन सेवाओं के लिए दिए जाते हैं इन सब की भी कोई रुपरेखा और मापदंड आज तलक तय ही नहीं हैं !

       इस मर्तबा फिर रिवार्ड्स को देने के मसले में खूब पेंच फंस रहे हैं ! मामला ऑटो में सवार में देहरादून की लड़की से हुए सामूहिक कथित बलात्कार के दोषियों को लम्बी मुशाकत के बाद तीन थानों की फ़ौज द्वारा हिरासत में लेने का है ! उक्त फ़ौज में तीन दर्जन पुलिस अफसर और उनके जवान आदि शामिल रहे हैं ! हालाँकि दोषियों ने इन सब को जीभर के अपनी मुस्तैदी से वाकिफ  करवाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी ! इन सभी का नाम रिवार्ड हेतु भेजा गया ! उहापोह और कश्मकश ये बनी कि इनमे कौड़ियां तो हैं नहीं जो जिसको मर्जी उठाओ और दे डालो ! इनमे कुछेक पर अनेकों सवालियां निशान भी हैं ! मेन काम अशोक कुमार सिपाही ने किया था जिसने मुख्य दोषी को दबोचा था जिसकी शिनाख्त इरफ़ान के नाम से हुई थी ! बाकि के दो मोहम्मद गरीब और किस्मत अली थे जो इरफ़ान के साथ 17 नवमबर को ऑटो में सवार  लड़की के साथ जबरजिन्नाह में शामिल रहे थे ! उच्च अफसर किस किस को रिवार्ड देकर शाबासी दें ये ही भीष्म सवाल अजगर बन गया है ! मजेदार बात ये है कि इक थाना दूसरे पर बिना बजह रिवार्ड लेने की बात कह रहा है ! और दूसरा तीसरे को रिवार्ड देने के पक्ष में दिल से तो नहीं लगता है ! तीनों ने उक्त सवारी लड़की से 42–53 सेक्टर्स की सुनसान सड़क किनारे में झाड़ियों  में रेप को अंजाम दिया था ! 
                                            जब रिवार्ड के उक्त संबंधित मैटर की भनक मीडिया सहित कई और दफ्तरों के बाबुओं को लगी तो सब खूब चटखारे ले ले कर चर्चाओं और मिलीभगत के सगूफों को हवा देते नजर आये ! रिवार्ड के जिन तीन थानों की फेहरिस्त है उनमे सेक्टर 36 व् सेक्टर 49 सहित मलोया पुलिस थाना भी शामिल है ! देखते हैं किस की कितनी मेहनत  और ईमानदारी काम आती और रिवार्ड से अपने थाने का नाम रोशन करती ! 
                                                          [sabhar;2016 rashtriy parv mahaj reward ceremony drshane hetu]

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