तेरे बिन जी न सकूंगी ओ साथी रे, जन्म जन्म का साथ हमारा तुम्हारा

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तेरे बिन जी न सकूंगी ओ साथी रे, जन्म जन्म का साथ हमारा तुम्हारा 
चंडीगढ़; 7 फरवरी ; आरके शर्मा विक्रमा /मोनिका शर्मा ;—–कहते हैं कि जोड़ियां तो भगवान स्वर्ग में ही बनाता है ! तभी तो एक बार शादी के बंधन में बंधने पर सात जन्मों का साथ बन जाता है ! फिर जीने या  मरने में फर्क ही क्या है….. हिन्दू रीतियों रिवाजों में शादी तो सीधे सीधे सात जन्मों का ऑटो बंधन बन जाता है ! लेकिन करनी और कथनी में जमीन आसमान का फर्क व्याप्त होता है ! लेकिन सागर खुरई की 48 वर्षीय महिला ने अपने पति बलबीर सिंह राजपूत उर्फ़ मुनी के हार्ट अटैक से हुई मौत से लगे सदमे की ताव न झेलते हुए खुद भी भौतिक संसार को अलविदा बोल दिया !  घटना पिपरिया  गौंड गाँव के वासी जोकि भारतीय जनता पार्टी के नेता भी है के घर घटी ! जिसने भी  सुनी दातों तले उँगलियाँ दबाने को बेबस नजर आया ! 54 वर्षीय बलबीर सिंह उर्फ़ मुनी पिछले हफ्ते  हार्ट अटैक का बुरी तरह शिकार हुए ! दर्द की ताव न  सहते हुए अच्छे खासे  देहधारी बलबीर सिंह ने शरीर तज दिया ! बीबी अपने पति का वियोग सहन ही नहीं कर पाई ! सवेरे अगले दिन बलबीर सिंह का अंतिम संस्कार करना था पर इससे पूर्व ही धर्मपत्नी ने खुद को कमरे में बंद किया और खुद को आग के सुपुर्द कर दिया ! जब तक कोई कुछ् समझता या भागदौड़ करता तब तक बहुत देर हो चुकी थी ! गांव में दोहरा मातम पसरा और घरों में चूल्हा तक भी न जले ! बलबीर सिंह की मौत से गांव अभी उबर भी नहीं पाया था कि बलबीर सिंह ने घरवाली ने पति से दूर न रहते हुए उनकी ही यात्रा की हमसफ़र बन गई ! क्षेत्र में इस दर्दनाक इहलीला की खूब चर्चा व्याप्त है ! जो भी सुनता कराह सा उठता ! इसको कहते हैं दो बदन इक जान और प्रणय बंधन एक जन्म का नहीं अपितु दो तीन का नहीं बल्कि सात जन्मों का साथ बन जाता है ! बशर्ते की कोई दिल से ये रिश्ता निभाने की कवायद तो छेड़े ! 

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