दीपक तले ही होगा अँधेरा तो कैसे होगा और कहीं सवेरा

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दीपक तले ही होगा अँधेरा तो कैसे होगा और कहीं  सवेरा 
चंडीगढ़ ; 10 मार्च ;  आरके शर्मा “VIKRAMA” / मोनिका शर्मा ;—-   अँधेरा जब दीपक तले ही रहेगा तो अन्यत्र सवेरा होने की बात मिथ्या प्रतीत होगी; ये बात डॉ नवनीत कौर [मेडिसन] एमबीबीएस ने स्थानीय डिस्पेंसरी सेक्टर 45 सी में लोगों को “”गर नहीं स्वच्छ्ता सफाई तो जीवन में है तबाही”” के बारे जागरूक करती सिविल हॉस्पिटल की सीनयर मेडिकल ऑफिसर डॉ कृष्णा चौधरी के बारे में बताते हुए कही ! डॉ नवनीत कौर ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि डिस्पेंसरी अब अच्छे खासे स्थापित सिविल हॉस्पिटल का रूप ले चुकी है!  एसएमओ डॉ कृष्णा चौधरी हमेशा हॉस्पिटल परिसर सहित यहाँ आने वाले मरीजों और उनके हजारों तीमारदारों को बड़े स्तर पर खुद  सभी  डाक्टरों की व् मिनिस्ट्रियल और टेक्निकल स्टाफ की मदद से जागरूक करती रहती हैं !  डॉ नवनीत कौर [मेडिसन] सेक्टर 18 स्थित डिस्पेंसरी की भी प्रभारी डाक्टर हैं और वहां के समूचे परिसर की सफाई अभियान  पर कड़ी निगरान हैं ! 
स्थानीय सिविल हॉस्पिटल 45 परिसर में सफाई और स्वछता देखते ही बनती  है !  हॉस्पिटल प्रभारी डॉ कृष्णा चौधरी के मुताबक डॉक्टर्स और बाकि समूचा स्टाफ,  सफाई  कर्मचारी वर्ग आदि खूब समर्पण और मेहनत से काम करने में मशगूल रहते हैं !   इस अवसर पर मरीज लक्ष्मी देवी शर्मा और उनके पति पंडित रामकृष्ण शर्मा जोकि जानेमाने समाजसेवी और मानवता प्रेमी हैं ने हमारे संवाददाता को बताया कि हॉस्पिटल जब खुद बीमार होगा, अपने इलाज की करता पुकार होगा, तो  भगवान ही वहां आने वाले मरीजों का रखवारा होगा! लेकिन उक्त सेक्टर 45 सी डिस्पेंसरी का नक्शा ही बदला हुआ देखा ! हर डॉक्टर अपनी ड्यूटी व् सीट पर मुस्तैद है ! सिक्योरिटी गार्ड्स अपाहिज और निशक्त मरीजों को डॉक्टर्स तक ले जाते मदद करते देखे ! वरना अन्यत्र अस्पतालों डिस्पेंसरीज में तो लड़ते और तीमारदारों सहित मरीजों की फटकारते धकियाते ही देखे जाते हैं ! सफाई कर्मचारी हर वक़्त सफाई के लिए डटे हैं ! ये वरिष्ठ और कनिष्ठ के बीच एक अच्छी तालमेल का बेहतरीन नमूना है ! स्टाफ कर्मचारी कमलेश का मृदुल व्यवहार एसएमओ  के मिलनसार और स्नेही व्यवहार का दर्पण लगा ! 
           अब ऐसा भी बिलकुल नहीं कि सब डॉक्टर्स या कर्मचारी आदि सब इतने ही मीठे स्वभाव के हों कई डाक्टर तो सीट पर काबिज होते हैं  पर नौ बजे की बजाए अपनी ड्यूटी अपनी हाजिरी दर्ज करने के भी अज्ञात कारणों से एक डेढ़ घंटे बाद शुरू करते हैं ! और अपने सिफारिशी मरीजों को निपटाने में मशगूल दिखाई देते हैं  ! चिड़चिड़ेपन से लबरेज डाक्टर की शिकायतें अक्सर यहाँ वहां सुनी जाती हैं  पर एसएमओ तक को इसकी जानकारी नहीं होगी ये जरूर हैरत भरा लगता है ! कुछेक शिकायतकर्ताओं ने खफा अंदाज में कहा कि इस बाबत जल्दी ही प्रशासक बदनौर साहब के एडवाइजर परिमल राय आईएएस के संज्ञान में ये लापरवाही और मनमर्जी लाइ  जाएगी !
                     

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