मनोबल और घर की गरीबी से निपटने की ललक ने बनाया धन की देवी

Loading

मनोबल और घर की गरीबी से निपटने की ललक ने बनाया धन की देवी 

चंडीगढ़ / देवभूमि ;  24 अगस्त ;  आरके शर्मा विक्रमा /करण शर्मा ;— गरीबी और लाचारी और अभाव की जिंदगी का दंश कितना भयावह बना रहता ये तो वो वो ही जानता है जिसके पांव फ़टी हो विवाई ! लेकिन अपने बुजुर्गों के लिए कुछ अच्छा और अलग कर दिखाने की ठानी जाये तो परिणाम में फल वही मिलता है जो हिमाचल प्रदेश की कबड्डी की खिलाडी कविता ठाकुर को मिला ! कविता ठाकुर कुल्लू के मनाली से छह किलोमीटर्स दूर गाँव जगतसुख की रहने वाली है जो अपने बचपन में अपने मांबाप के साथ उनके घरेलू ढाबे पर हाथ बंटाती रही ! गरीब की लड़की हमेशा जंगली घास की तरह बढ़ती है सो कविता की कद काठी खूब मजबूत और लम्बी आकर्षक है ! खेलों के प्रति ललक यहाँ वाहन लड़कों को खेलते देखते बनी और स्कूल में भी इक दो बार ऐसे ही अच्छा कबड्डी खेली तो ये सफर जिंदगी की राह बन गया ! अपनी मेहनत केबलबुते पर कविता ठाकुर ने आज इज्जतदार और शानदार लाइफ् स्टाइल भरा जीवन पा लिया है ! तीन भाई बहिन कविता ठाकुर अब खुशहाल परिवार के सदस्य हैं ! ये सब धुनकी कविता की अथक परिश्रम की बदौलत है जब प्रदेश ने कबड्डी में खूब मुकाम पाया है !  और अपने मातापिता सहित प्रदेश और देश का नाम रोशन करने की प्रबल लालसा का फल ही तो है !  

    कुछेक उपलब्धियां ;—–   थाईलैंड को  एशियाई गेम्स कबड्डी में भारतीय कबड्डी टीमने जिसमे कविता और प्रियंका हिमाचली खिलाडी शुमार थी ने 33–23 से शिकस्त दी थी ! ईरान में 5 वीं एशियाई गेम्स महिला कबड्डी चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता था उसमे भी कविता ठाकुर का खूब अच्छा योगदान रहा ! असम गोवाहटी में 6 से 16 फरवरी को हुए साऊथ एशियाई गेम्स में कविता ठाकुर और प्रियंका नेगी ने कबड्डी में खूब तगड़े जौहर दिखाए थे ! दक्षिण कोरिया में 17 वीं एशियाई गेम्स में स्वर्ण पदक जितने वाली टीम की खिलाडी कविता ठाकुर सहित प्रियंका नेगी तात्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह ने बीस बीस लाख रूपये देकर सम्मानित किया था ! जहाँ भी खेली वहीँ जीत का ताज अपनी टीम के सर सजाया और खुद को भी कविता ठाकुर ने क़ाबलियत के पायदान पर सिद्ध किया ! 
यादगार पल ;—- बकौल कविता ठाकुर ने एक प्रेस वार्ता में भावुक होकर बताया वैसे तोदेश के लिए अपने प्रान्त के लिए कोई भी पडकल और शाबाशी जीतने से ज्यादा कोई ख़ुशी नहीं हो सकती है ! लेकिन जब अपनी नेक और ईमानदारी की मेहनत से कमाई से बनाये नए घर में अपने भाई बहिन सहित माता पिता को लेकर प्रवेश किया ये यादगार पल जिंदगी के हमेशा स्मरणीय पल बन कर रहेगा ! 

 कबड्डी  खिलाडी कविता ठाकुर हिमाचली को शिकायत है कि ;——-हिमाचली खिलाडिय़ों को देश के अन्य प्रांतों केमुकाबले बड़ी छोटी  सुविधाएं तक भी कम मिलती है और बदले में मलाल की बात तो ये  है कि 2012 के बाद राज्य स्तरीय परशुराम अवार्ड किसी भी खिलाड़ी को नहीं दिया गया है ! जबकि देवभूमि हिमाचल प्रदेश के खिलाडिय़ों ने चार अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक प्रदेश की गोद में डाले  हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

116237

+

Visitors