चंडीगढ़:-1 मई:- आरके शर्मा विक्रमा/ करण शर्मा:– कोरोनावायरस महामारी ने समाजिक और परिवारिक, अर्थव्यवस्था, कृषि व खेल जगत, शिक्षा, पुलिस सहित प्रशासन सब कुछ को बुरी तरह प्रभावित किया है। लोगों को अपने पेट की भूख मिटाने के लिए हाथ तक फैलाने पड़े हैं। कई कई जून भूखे ही सोना पड़ा है! लॉक डाउन के चलते लोग डिप्रेशन तक के शिकार होकर रह गए हैं! इलाज के नाम पर सिर्फ संक्रमित को ही चिकित्सा सुविधा मिल रही है! बाकी गंभीर से गंभीर बीमारियों वाले भी छटपटा रहे हैं! सामान्य अस्पतालों, सिविल अस्पतालों में डिस्पेंसरीओं में किसी तरह की भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है। महामारी के फैलने का ही सीधा मतलब है कि भगवान इंसान के अपराधों, कुकर्मों, व्यभिचारी व्यवहारों से क्षुुुबध है। और उन्होंने मानव समाज से ही भौतिक संसार से ही मुंह फेर लिया है। तभी तो इंसान कर्म छोड़कर कुसित राहों की ओर अग्रसर है।। लोगों को पेट की भूख से ज्यादा नशे के लिए तड़पते और तरसते देखा गया है। इसके लिए लोगों ने सदाचार जीवन दांव पर लगा दिया है। ऐसी ही एक घटना साहिबगंज के अहियापुर की सामने आई है। जहां मंदिर के पुजारी ने भगवान के मुकुट ही बेच डाले। और शराब की खरीद कर अपने नशे की जठराग्नि को शांत किया। भगवान शिव मंदिर का यह पुजारी धीरज मिश्र है। और भगवान के मुकुट किराना दुकानदार धनंजय कुमार को बेचे और 3 बोतल शराब के लिए तीन मुकुटों का सौदा कर दिया है। मंदिर की कमेटी के लोगों ने 17 अप्रैल को जब धीरज मिश्र से सख्त पूछताछ की।। तो उसने मुकुट टूटने पर उसकी रिपेयर का बहाना बना दिया।। ग्रामीणों ने कमेटी वालों के साथ मिलकर खोज शुरू की। तो गांव के दुकानदार धनंजय कुमार से मुुुकुट भी बरामद हो गए। और उधर धीरज मिश्र से शराब की खाली और भरी बोतलें भी बरामद हुई।।