- *चंडीगढ़ :15 अक्तूबर : मधुर शर्मा / अल्फा न्यूज इंडिया डेस्क:— कड़वा सच तो यह है कि जैसे कभी कांग्रेस इलैकशन जीतने के लिए जनता को आगाह करती थी कि भारतीय जनता पार्टी रजवाड़ों की रजवाड़ों के लिए पार्टी है जिसका आम जनता से दूर का भी वास्ता नहीं है आज खुद पिछले चुनावों से अभी तक यही सार्थक यथार्थ स्थापित करने के अलावा भाजपा व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुछ और कर भी नहीं रहे हैं।।
दिल्ली पुलिस की प्रिंटिंग प्रेस के साथ साथ देश की सोलह बड़ी प्रिंटिंग प्रेसों को बिना बताए ही बंद कर दिया गया है। पंजाब व हरियाणा प्रांतों की राजधानी चंडीगढ़ की कभी देश की बड़ी अग्रणी प्रेसों में शुमार रही राजकीय मुद्रण और लेखन सामग्री विभाग युटी प्रैस को मोदी की अज्ञात रोजगार बढ़ाओ नीति के तहत 265 कर्मचारियों वाले विभाग को बीती 30 सितंबर 2019 को बंद कर दिया गया है। संबंधित केबिनेट सचिव ने दो टूक सच उगल दिया कि पाण्डिचेरी की व चंडीगढ़ की युटी प्रैस के चलते उत्पादन को यकलखत रोक कर बंद कर देने के आदेश विशाल भारत के जन जन द्वारा चुने गए नरेंद्र मोदी की हर हाथ को काम के महा अभियान के तहत अमल में लाये गये हैं।
बताते चलें कि पाण्डिचेरी की प्रिंटिंग प्रेस में 400 और चंडीगढ़ युटी प्रैस में 265 कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर भाजपा अभिनीत मोदी सरकार ने लात मारकर कांग्रेस की आजादी से लेकर अब तक चलाई जा रहीं 16 प्रेसों को बंद कर खुद को जन जन को रोजी-रोटी का अधिकार देने वाली क्रुरतम सरकार स्थापित कर दिया गया है। हैरत तो ये है कि चंडीगढ़ के पूर्व सांसद सत्यपाल जैन व दूसरी बार सांसद बनी मौजूदा भाजपा नेत्री किरण खेर ने भी कर्मचारियों की रोजी-रोटी बचाने के लिए हठधरमी मोदी से विनय गुहार लगाई हैं।
और यह डंडा अब योगी आदित्यनाथ के प्रांत यूपी में क्रुरता पूर्वक होमगार्डों की रोजी-रोटी का सत्यानाश कर देने केलिए फेरा गया है। आदमी के चले जाने के बाद ही उसकी अहमियत पता चलती है अब करोड़ों वोटर्स कांग्रेस के बारे में यही सोच रहे हैं।
तभी तो वोटर्स व कांग्रेस सभी विधानसभा चुनावों के इंतजार में है और अब रोजगार से बेकार हो जाने के बाद हजारों प्रेस कर्मचारियों की एड़ी चोटी वोटर्स को लुभाने में नहीं बल्कि समझाने की कवायदों में स्वेच्छा से घिसेंगी ।
लखनऊ यूपी सरकार द्वारा 25 हजार होमगार्ड जवानों की सेवाएं लेने से इनकार करने के बाद प्रदेशभर के होमगार्डस में बैचेनी बढ़ गई है। इस बीच डीजीपी ओपी सिंह ने राहत देते हुए कहा है कि होमगार्डों को बेरोजगार नहीं किया गया है। कुछ समय के लिए ड्यूटी खत्म की गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बढ़े वेतन और बजट को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। हालांकि, उन्होंने यह अभी नहीं बताया कि होमगार्डों की ड्यूटी कब तक नहीं लगेगी।
डीजीपी ने कहा, होमगार्ड हमारी सुरक्षा व्यवस्था का मजबूत स्तंभ हैं। वो किसी भी मामले में पुलिस जवान से कम नहीं हें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनका दैनिक वेतन बढ़कर 672 रुपए कर दिया गया। दुर्भाग्यवश ऐसी स्थिति पैदा हुई कि हम फिलहाल ये मानदेय देने में असमर्थ हैं, जिसकी वजह से 25 हजार जवानों को सेवाओं से हटा दिया गया है। लेकिन उन्हें बेरोजगार नहीं किया गया। अस्थायी रूप से उनकी सेवाएं हटा दी गई हैं। आने वाले दिनों में जब शासन की तरफ से बजट की व्यवस्था होगी, तो दोबारा से उन्हें ड्यूटी पर लगाया जाएगा।
*लखनऊ -*(अल्फा न्यूज इंडिया डेस्क) :—–
-विभागीय मंत्री होने के नाते आश्वासन देता हूं कोई भी होमगार्ड बेरोजगार नहीं होगा-चेतन चौहान
-औपचारिक तौर पर कोई लिखित प्रस्ताव या पत्र हमें नहीं मिला- चेतन चौहान
-होमगार्ड्स का मानदेय बढ़ने की वजह से कुछ बड़ा बजट जरूर गड़बड़ हुआ है- चेतन चौहान
-किसी होमगार्ड को निकाला नहीं जाएगा- चेतन चौहान
-25 हजार होमगार्ड की ड्यूटियां लगाई जाएंगी – चेतन चौहान
-ड्यूटी कुछ कम की जा सकती है- चेतन चौहान
-होमगार्ड को हटाने के लिए लिखित तौर पर कोई पत्र अभी तक नहीं- चेतन चौहान
-मुख्यमंत्री जी संवेदनशील है, कोई रास्ता निकलेगा- चेतन चौहान
– विभागीय बैठक में विचार-विमर्श करेंगे-चेतन चौहान
– पुलिस विभाग को होमगार्ड की आवश्यकता है-चेतन चौहान
-होमगार्ड विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई है-चेतन चौहान
-500 के बजाए अब ₹672 मानदेय दिया जा रहा है-चेतन चौहान
-सरकार नौकरी देने वाली है, किसी की नौकरी लेने वाली नहीं-चेतन चौहान
-होमगार्ड अपनी दीपावली अच्छे से मनाएं-चेतन चौहान !
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का बयान आया है कि सरकार के सहायक रहे हैं होमगार्ड्स औऱ पुलिस से ब्रह्तर भी किया है कई जगह पर लेकिन वित्तीय संकट अपनी जगह है और सेवा अपनी जगह।
15 दिनों का ही काम लिया जाएगा उनका जिसपर तनख्वाह बनेगी अब 600 रुपये के आसपास को प्रतिदिन से गुना कर लीजिए और सोचिए क्या फीस भी भर पाएंगे होमगार्ड्स???