सक्रांति से आषाढ़ मास का हुआ श्री गणेश

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  • आषाढ़ मास में संक्रांति के दिन हर ओर लगे जय कारे

चंडीगढ़ : 15 जून : आरके शर्मा विक्रमा :—इस मर्तबा दिनकर देव खूब तमतमा रहे हैं। यह स्वाभाविक भी है क्योंकि देवी देवताओं ऋषियों मुनियों तपस्वियों गुरूओं की धरती पर पापाचार व्याभिचार कलूषिता झूठ फरेब नन्हीं बच्चियों से सामूहिक बलात्कार जैसे कुकर्मों वासनाओं के नंगे ताणडवों की जलन ईष्र्या की तपिश रविकर को खूब तपा रही है।।

चारों ओर गर्मी ने त्राहि-त्राहि मचवा रखी है।। दो प्रांतों की राजधानी में तो गर्मी सिर चढ़कर बोल रही है।। राहत के लिये भौतिक संसार की बात बाद में धर्म समाज तक बेबसी की माला जप रहे हो।

इसी तपतपाती दोपहर में आज संक्रांति के दिन भगवान सूर्य देवता ने आषाढ मास में प्रवेश किया।। हिंदू धर्म व सिख धर्म के अनुयायी समाज ने इष्टों के आगे माथे टेके व धागे तावीज टोटकों के चलते भजन गायन से जीवन जीने की अटल शक्ति का निवेदन किया।। कीर्तन दरबार सजे। सब ने लंगर भण्डारो में प्रसाद छके।।।। आज आषाढ़ माह का पहला दिन दिल लगा कर गर्म रहा। तापमान तेज बना रहाऔर उमस ने भी अपने तेवर तेज करने शुरू कर दिए हैं

 

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