अहंकार को तजकर निरंकार को हृदय में बसायें :—- सत्गुरु माता सुदीक्षा

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चंडीगढ़/पंचकूला/मोहाली:– 30 जनवरी 23: आरके विक्रमा शर्मा करण शर्मा+अनिल शारदा/हरीश शर्मा/अश्वनी शर्मा प्रस्तुति:—--अहंकार को तजकर निरंकार को हृदय में बसा कर वास्तविक जीवन जीते चले जायें |” यह प्रतिपादन निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने औरंगाबाद के बिडकीन डीएमआयसी इलाके में चल रहे महाराष्ट्र के 56वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के दूसरे दिन देश-विदेशों से आये लाखों के विशाल मानव परिवार को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए |

      सत्गुरु माता जी ने आगे फरमाया कि अहंकार के वश में होकर मनुष्य अपने आप को सबसे श्रेष्ठ मानता रहता है और अपने मन में ईश्वर से अधिक भौतिक वस्तूओं की अहमियत रखता है जिससे एक वास्तविक जीवन जीने से वंचित रह जाता है | इसके विपरीत अगर वह ब्रह्मज्ञान के द्वारा ईश्वर के साथ नाता जोड़कर हर समय ईश्वर का अहसास रखते हुए जीवन जीता है तो उसका जीवन मूल्यवान हो जाता है |
      सत्गुरु माता जी ने आगे कहा कि जिस प्रकार से एक बूंद सागर में मिल जाती है तो सागर ही कहलाती है उसी प्रकार से मनुष्य जब अपनी मिथ्या ‘मैं’ की अलग पहचान को तजकर शाश्वत ईश्वर ‘तू’ में विलीन हो जाता है तब उसे ईश्वर स्वरूप होने का ऊँचा रुतबा सहज ही में मिल जाता है |
      अंत में माता जी ने यही समझाया कि जिस प्रकार से साबून और पानी का संग करने से मैला कपड़ा साफ-सुथरा बन जाता है उसी प्रकार पावन परमात्मा के साथ नाता जोड़कर उससे अभिन्नता प्राप्त कर लेते हैं तब हम अंदर बाहर से एक हो जाते हैं और हमारे जीवन में सहज ही रुहानियत और इंसानियत संग संग चलने लगती है |
माननीय मुख्य मंत्री द्वारा शिष्टाचार भेंट
      महाराष्ट्र के माननीय मुख्य मंत्री नामदार एकनाथ जी शिंदे द्वारा रविवार अपरान्ह इस निरंकारी सन्त समागम को शिष्टाचार भेंट किया गया और सदगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी का आशीर्वाद प्राप्त किया | इस अवसर पर संत निरंकारी मिशन के आध्यात्मिक एवं सामाजिक कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि संत-महात्मा हमेशा मानव के जीवन में खुशहाली लाने का प्रयास करते रहते हैं | इसी प्रकार वर्तमान समय में यह मिशन मानवता के कल्याण में सक्रिय है | आपने मिशन द्वारा कोविड के दौरान एवं बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान की गई सेवायें तथा स्वच्छता अभियान जैसी चलाई जा रही गतिविधियों की प्रशंसा की | मुख्य मंत्री जी के साथ औरंगाबाद के पालक मंत्री श्री संदीपान भुमरे, मंत्री श्री अब्दुल सत्तार एवं अन्य गणमान्य सज्जन उपस्थित थें |

3 thoughts on “अहंकार को तजकर निरंकार को हृदय में बसायें :—- सत्गुरु माता सुदीक्षा

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