_पंचमी का श्राद्ध  विशेष महत्त्व और फलदाई होता: पंडित कृष्ण मेहता

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चंडीगढ़:14 सितंबर:—- आरके विक्रमा शर्मा/करण शर्मा/अनिल शारदा प्रस्तुति:— 10 सितंबर से श्राद्ध पक्ष प्रारंभ हो गए हैं जो 25 सितंबर 2022 तक चलेंगे। तिथि घट बढ़ के अनुसार कुछ लोगों के अनुसार द्वितीया और तृतीया एक दिन थी तो कुछ के अनुसार नहीं। पंचमी का श्राद्ध 14 सितंबर को रखा जाएगा।

*_पितृ पक्ष पंचमी तिथि श्राद्ध 2022_*

*_पितृ पक्ष पंचमी तिथि |14 सितम्बर 2022 को सुबह 10:25 बजे से लेकर अगले दिन 15 सितम्बर 2022 सुबह 11:00 तक।_*

*_कुतुप काल : सुबह 11.58 – दोपहर 12.47_*

*_पंचमी के श्राद्ध की विशेषता_*

*_पंचमी का श्राद्ध कुतुप काल, रोहिणी काल या मध्यान्ह काल में करें।_*

*_जिस किसी भी जातक की मृत्यु कृष्ण या शुक्ल पक्ष की पंचमी को हुई है उसका श्राद्ध इस तिथि को करते हैं।_*

*_पंचमी का श्राद्ध उनके लिए भी किया जाता है जिनकी मृत्यु गत वर्ष ही हुई हो।_*

*_पंचमी तिथि को श्राद्ध करने वाला उत्तम लक्ष्मी की प्राप्ति करता है।_*

*_जिनकी मृत्यु अविवाहित स्थिति में हुई है उका पंचमी को श्राद्ध करते हैं। इसीलिए इसे कुंवारा पंचमी भी कहते हैं।_*

*_पंचमी के दिन काले तिल, वस्त्र, अन्न, गुड़ घी, जूते, छाता, आदि यथाशक्ति दान करें।_*

*_श्राद्ध में मिर्च, मांसाहार, बैंगन, प्याज, लहसुन, बासी भोजन, सफेद तील, मूली, लौकी, काला नमक, सत्तू, जीरा, मसूर दाल, सरसो साग, चना वर्जित है।_*

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