भंगड़ा नृत्य के अलावा सेहत फिट रखने का भी नायब जरिया ; दीपेश सेखड़ी
चंडीगढ़ ; 15 अप्रैल ; आरके विक्रमा शर्मा /एनके धीमान ;——आज सब की अहम और बुनियादी जरूरत सिर्फ शरीर को तंदरुस्त रखने की है ! जद्दोजहद वाली ये जीवन शैली थकावट लिए रहती है ऐसे में गीत नृत्य दिलो दिमाग तो दो पल में तरोताजा करने में अहम भूमिका अदा करते हैं ये विचार शहर के युवा कोरियोग्राफर दीपेश
सेखड़ी ने भंगड़ा विद ढोल वर्कशॉप के दौरान सांझे किये ! जैसे दिल करे वैसे उछलने कूदने से मोटापे से छुटकारा और दिल की बीमारी से दुरी बन जाती है और भोजन जल्दी पचता है थकावट काम होती है और सबसे बड़ी बात दिमाग पूरी तरह से तंदरुस्त रहता है ! रक्तचाप से भी निजात मिल जाती है ! दीपेश सेखड़ी के मुताबिक रोजाना लम्बी सैर और जॉगिंग थकावट भरी उछलना कूदना परे रखते हुए 15 से 30 मिंट रोजाना भंगडा करें और सुखद सेहत के साथ जियें ! इस सब से बॉडी की वसा क्षीण होती है ! दीपेश के मुताबिक भंगड़ा सिर्फ और सिर्फ ढोल के साथ सजता है डीजे ने तो इसकी असलियत ही खो और धो डाली है ! ये वर्कशॉप स्थानीय पिकाडली स्कायर मॉल में आयोजित किया गया ! माल के शॉपिंग करने वाले लोगों ने भी खूब आनंद लिया ! और दुरुस्त रहने के नुक्ते और नुस्खे सीखे ! वर्कशॉप में महिला फिटनेस ट्रेनर निति भाटिया नेहा आदि ने सब को ढोल की थाप पर दीपेश की अगुवाई में खूब थिरकाया ! बच्चों ने तो दिल भर करके एन्जॉय किया ! इस अवसर पर अदिति कलाकृति की प्रिंसिपल आर्टिस्ट मोनिका शर्मा ने कहा कि वर्कशॉप में आकर सुखद अनुभव रहा ! उनके दोनों बच्चों अदिति और रक्षत शर्मा ने खूब भंगड़ा किया और कई नए अच्छे आकर्षक स्टेप्स सीखे ! मोनिका शर्मा के मुताबिक ये जानकर प्रेरणा मिली कि 45 मिंट के ही भंगड़ा से हम 450 कैलोरी बर्न कर सकते हैं ! जबकि जॉगिंग से 425 कैलोरी ही बर्न होती है ! दीपेश सेखड़ी ने वर्कशॉप में भाग लेने वालों को भंगड़ा करने के प्राम्भिक वाकिफ करवाया ! पर साथ भी भंगड़े के बेसिक गुर और गुण भी सांझे किये !