जैन धर्म की खुदाई से दर्जन से ज्यादा मूर्तियां मिलने से जैन धर्मियों में हर्ष की लहर
चंडीगढ़ /अजमेर ; 29 अप्रैल ; आरके शर्मा विक्रमा शर्मा /चंद्रभान सोलंकी ;—–अजमेर की धर्म ऐतिहासिकता से हर कोई बखूबी जानकर है ! ये अजमेर अपने पुरातन इतिहास की भी मुंह बोलती तस्वीर प्रस्तुत करने में अग्रणी है ! यहाँ चारों ओर बंजरता पसरी है पर शौर्य पराक्रम और वीरता ढृढ़ता और परोपकार यहाँ की थाती है ! जिला के अरांईं क्षेत्र में हुई भूमि खोदाई ने इस मर्तबा अजमेर के संबंध सीधे जैन धर्म से भी जोड़ने के भगीरथी प्रयास सफलता से किये हैं ! ये उपलब्धि जैन धर्म समाज सब देश वासियों के लिए गर्व का विषय है कि वीर भूमि में सदैव हथियारों की ही टंकार और चुनौतियों की ललकार ही नहीं बल्कि ये भूमि धर्म कर्म प्रभु आस्था श्रद्धा का भी संगम स्थली रही है ! एक आमुक नींव को खोदने के दौरान यहाँ से प्राचीन कालीन मूर्तियां मिलने से खुदाई करने वालों के चेहरे ख़ुशी से खिल उठे ! अभी तक नींव खुदाई के कार्य के जारी रहते जैन धर्म के तीर्थकर देवताओं से जुडी एक दर्जन से ज्यादा मूर्तियां मिलने से इतिहास वेताओं के भी चेहरे खिल उठे हैं ! खबर जंगल की आग की तरह फ़ैल रही और जैन धर्म समाज को गर्व दिला रही है ! खबर की पुष्टि के वक़्त मौके पर क्षेत्र के पुलिस स्टेशन के प्रभारी आयूब खान और सहायक सब इंस्पेक्टर मुकेश कुमार और दीवान मोहनराम आदि उपस्थित हैं ! यही नहीं, नैराज देवी भी अवसर पर हाजिर हैं ! ये 14 मूर्तियां और कुछेक जैन मंदिरों के अवशेष मिलने से जैन धर्म आस्थावाओं की अब यहाँ पहुंच बढ़ेगी और क्षेत्र के विकास में ने कहानी लिखी जाएगी ! क्षेत्र के लोगों को पर्यटन बढ़ने से रोजगार बढ़ने की भी आस बंधी है ! अरांईं क्षेत्र के प्राचीन किले [दुर्ग] के समीप त्रिलोक चदन गौड़ के निजी प्लाट से नींव खुदाई के चलते ये सौभाग्य अजमेर को मिला है और समूचे जैन समाज को अजमेर से जुड़ने का अपना मूल और प्रोटान संदर्भ मिला है !