अबोहर नगर काउंसल की भ्रष्टाचार की निरंतर बहती काली बेई की जाँच हो
अबोहर: 14 मई ; राजू शर्मा /अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;---- अबोहर निवासी पिछली 4 मई को हुई दो घटनाओं से इस पशोपाश में है कि वह अबोहर शहर को देश का सबसे गंदा शहर घोषित होने का मातम मनाएं या पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सुनील जाखड़ की नियुक्ति का जशन! नगर कौंसल में पिछले 10 सालों से बह रही भ्रष्टाचार की गंगा में 2002 से 2007 के दौरान कांग्रेसी बोर्ड द्वारा किए गए कारनामे धूल गए हैं। चाहे *मृतक पशुओं के ठेके का सिलसिला हो या सड़क निर्माण या सफाई व्यवस्था ठेके का मामला हो*हर जगह भाजपा ने कांग्रेसियों को पीछे छोड़ दिया है। आज भी नगर कौंसल में लोगों के खून पसीने से दिए जाने वाले टैक्स से आने वाले विकास कार्य के सरकारी फंड में नगर कौंसल द्वारा *15% कमीशन काटकर ठेकेदारों को दिया जा रहा है *इसमें 3% कार्यकारी अधिकारी, 3% एम् इ, 3% जे इ, 1.5 अकाउंटेंट, 1.5% ऑडिट* के अलावा 2002 से 2007 दौरान कांग्रेस बोर्ड में सक्रिय भूमिका निभाने वाला व क्लर्क भी शामिल है जो कांग्रेसियों के टैक्ट भाजपा नेताओं को बताने के बदले 1% कमीशन अपनी जेब में पिछले 10 सालों से डाल रहा है। *15% कमीशन में से 2% कमीशन नगर कौंसल अध्यक्ष को वंगारे भुगतने के लिए दिया जाता है। आज शहरवासी राजनीतिक उदासीनता के चलते देश के सबसे गंदे शहर का निवासी होने का दंश झेल रहे हैं। *शहर मन्दे की मार में है, कुछ सट्टेबाज और कुछ शिक्षा के क्षेत्र में गुमराह करने वाले और कुछ समाजसेवी संस्थाओं की आड़ में धंधा करने वाले लोगों को छोड़कर* हर व्यापारी दुकानदार परेशान है। आज जिस तरह से लोगों ने जोश के साथ सफाई अभियान चलाया है आज इस सफाई अभियान में जुड़े लोगों को अपने निजी हितो की बली दे़कर नगर कौंसल में फैले व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी होगी,ताकि भ्रष्टाचार समापत होने पर सरकार द्वारा आये फन्डो का सही उपयोग हो सके और सफाई कर्मचारियों को उनका वेतन सही समय पर मिल सके। भ्रष्टाचार का परिणाम यह है कि कौंसल में सफाई कर्मचारी से काम करवाने में अधिकारी कन्नी काटते हैं। अंत में इन परिस्थितियों पर यह किसी ने ठीक ही कहा है *जिसका काम उसी को साजे।*