चंडीगढ़:20 मई:- आर के विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा/ राजेश पठानिया+ अनिल शारदा प्रस्तुति:–– हिन्दू धर्म कितना पुराना हैं ये तो किसी को भी ज्ञात नहीं पर यह ज़रूर कहा जाता हैं कि सबसे पुराना सनातन धर्म हैं और कई सदियों से चले आ रहे इस धर्म को मानने वाले कई ऐसे व्यकित भी हुए जिन्हें हम ऋषि-मुनि कहते हैं।
आज की ज़ुबान में इन ऋषि-मुनियों को वैज्ञानिक कहा जाता हैं।
इन ऋषियों के द्वारा पुरातन काल में कई ऐसे अविष्कार हुए जो दुनिया में पहले किसी ने नहीं किये।
*आज हम ऐसे ही हिन्दू ऋषियों द्वारा किये वैज्ञानिक अविष्कार के बारे में बात करेंगे..*
*1. ऋषि पतंजलि-*
हम सब ने पतंजलि का नाम ज़रूर सुना हैं। बाबा रामदेव द्वारा चलाई जाने वाली एक योग संस्था जो कि हरिद्वार में स्थित हैं। लेकिन ये पतंजलि वह संस्था नही बल्कि ऋषि पतंजलि हैं जिन्होंने ने “योगशास्त्र” लिखा था। आज पुरे विश्व में जिस योग की क्रांति हुई है, वह ऋषि पतंजलि का ही अविष्कार हैं।
*2. आचार्य चरक-*
आचार्य चरक के द्वारा ही “चरकसंहिता” लिखी गयी थी। चरक संहिता को “आयुर्वेदग्रन्थ” के नाम से भी जाना जाता हैं।
*3. महर्षि सुश्रुत-*
महर्षि सुश्रुत को शल्यचिकित्सा का आविष्कारक माना जाता हैं। शल्य चिकित्सा को सर्जरी भी कहा जाता हैं। महर्षि सुश्रुत द्वारा लिखे गए “सुश्रुतसंहिता” में उन्होंने करीब 300 तरह की शल्य क्रिया का उल्लेख किया हैं। उनके द्वारा ही सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण और उन के उपयोग की विधि महर्षि सुश्रुत द्वारा ही लिखी गयी थी।
*4. आचार्य कणाद-*
आचार्य कणाद को “परमाणुशास्त्र” का रचयिता माना जाता हैं। इनके द्वारा ये पता लगाया गया था कि द्रव्य यानि लिक्विड के भी परमाणु होते हैं।
*5. आचार्य विश्वामित्र-*
वैसे तो आचार्य विश्वामित्र अपने मेनका प्रसंग के लिय बहुचर्चित हैं पर इनके द्वारा प्रक्षेपात्र यानि मिसाइल का अविष्कार किया गया था। आचार्य विश्वामित्र ने यह विद्या भगवान् शिव से प्राप्त की थी।
*6. आचार्य भारद्वाज-*
हवाई जहाज के अविष्कार की बात जब भी हो तो राईट बंधू का नाम लिया जाता हैं! लेकिन विमान निर्माण के पीछे के पूरी खोज आचार्य भारद्वाज द्वारा लिखे गए “विमानशास्त्र” में कई सदी पहले ही कर दी गयी थी।
*7. गर्ग मुनि-*
जब ग्रह-नक्षत्रों की बात आती हैं तो हम ज्योतिषियों के पास जाते हैं पर इस पूरी विद्या के पीछे गर्ग मुनि द्वारा लिखे गए नक्क्षत्र विद्या का शास्त्र हैं। जिसे स्वयं गर्ग मुनि ने लिखा था।
*8. भास्कराचार्य-*
आप ने “सिद्धांत शिरोमणि” सुना हैं? शायद ही सुना होगा। लेकिन गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत ज़रूर सुना होगा जिसे न्यूटन के सिद्धांत के नाम से ज्यादा जाना जाता हैं। लेकिन “सिद्धांत शिरोमणि” में भास्कराचार्य ने पहले ही इस सिद्धांत की व्याख्या कर दी थी जिसमें कहा गया था कि “आकाश से प्रथ्वी की ओर आने वाली कोई भी वस्तु गुरुत्वाकर्षण के कारण नीचे ही आएगी” इस सिद्धांत को स्वयं आचार्य ने लिखा था।
*9. बौद्ध्यन ऋषि-*
बौद्ध्यन ऋषि ने त्रिकोणमिति का सिद्धांत का अविष्कार किया था। जिसे आज पईथागोरस प्रमेय के नाम से ज्यादा जाना जाता हैं ।
*10. आचार्य चाणक्य-*
चाणक्य को हम सभी अखंड भारत के रचियता के रूप में पहले से जानते हैं लेकिन आज हम जिस ‘अर्थशास्त्र” को पढ़ते हैं उसकी रचना स्वयं आचार्य चाणक्य ने की।