एसबीआई के बरामदे में रात को युवक का बेरहमी से कत्ल,पुलिस की मुस्तैदी पर उठे सवाल

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एसबीआई के बरामदे में रात को युवक का बेरहमी से कत्ल,पुलिस की मुस्तैदी पर उठे सवाल 
चंडीगढ़ ; 29 मई ; अल्फा न्यूज इंडिया टीम  ;——स्थानीय सेक्टर 17 बी में भारतीय स्टेट बैंक के बरामदे में रात को सोने वाले एक रिक्शा चालक की बेरहमी से हत्या किये जाने के समाचार से शहर सिहर उठा है ! पुष्ट सूत्रों के मुताबिक सवेरे एसबीआई के स्वीपर ने सबसे पहले बरामदे में किसी को देर  तक सोते देखा तो सफाई करने के लिए उसे उठाने गया ! पर जब पास जाकर नजर जो आया तो कांप सा उठा और युवक की लहूलुहान लाश को देख कर तुरंत पुलिस को इत्तला की ! पुलिस ने आकर मौके वारदात का खूब बारीकी से मुआइना किया और लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेजा ! और मामला अज्ञात के खिलाफ हत्या का दर्ज करके अगली कार्यवाही शुरू कर दी है ! घटना स्थल पर दूर दूर तक लहू के छींटे पड़े हुए हैं और बैंक की दीवार के साथ लहू काफी ज्यादा मात्रा में जमा हुआ है ! बैंक के कैमरे की दिशा दूसरी और थी पर पीएनबी बैंक की और बैंक के बरामदे में सीसीटीवी कैमरे में तीन युवकों के आने की साफ फोटो मिलने की बात की जा रही है ! पुलिस अभी कुछ भी बोलने से बच रही है ! अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक मृतक यूपी का रहने वाला बताया गया ! आशंका के तहत पुराणी रंजिश साफ दिखती है ! कत्ल बेरहमी से अंजाम दिया गया है ! ध्यान भटकाने के लिए तीनों कथित कातिलों हमलावरों के तीनों दिशों में थोड़ी थोड़ी दुरी तक जूतों के धूमिल निशान और खून के धब्बे छींटे बिखरे पड़े हैं ! हैरत तो ये है कि शहर के दिल इस सेक्टर में पुलिस की मुस्तैदी को क्या हुआ है ! यहाँ हर दफ्तर बैंक दुकानों के आगे के बरामदों में कई सैंकड़ों प्रवासी जिनमे अधिकतर तो रिक्शाचालक ही हैं रात को यहीं अपना खाना पकाते और फिर  सोते हैं ! सवेरे बड़ी सवेरे ये लोग फिर सार्वजनिक नलों पर स्नानादि से निवृत होकर अपने बोरिया बिस्तर समेत कर बरामदों में एक तरफ सटा देते हैं ! लेकिन क्या इन सब की तफ्तीश पुलिस ने कर रखी है तो ये तुरंत ज्ञात हो जायेगा इस बरामदे में कोण कोण सोते हैं ! और रात को वारदात के वक़्त किसी ने भी जागने की जेहमत किन नहीं उठाई और नहीं पुलिस को सूचित किया ! सवाल अहम है और जाँच को प्रभावित भी करने वाला है ! मृतक के पर अगर कोई आया और उसपर बेरहमी से हमला किया तो क्या मृतक चीखा चीत्कारा होगा और कोई उसे बचाने क्यों नहीं आया ! दुसरा अहम सवाल कि बैंकों के इस क्षेत्र में एक दो नहीं बल्कि कई दर्जनों रिक्शा पुलर सोते हैं किया किसी ने मृतक की पुकार तक न सुनी ये कैसे सम्भव होगा ! और रात को पुलिस की सेक्टर 17 के चप्पे चप्पे पर गश्त के दावे का क्या हश्र हुआ ये सब जघन्य कत्ल को हिलाकर रखने में खूब सबब बनते हैं ! पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक प्रतीक्षा करेगी ! वारदात स्थल के समीप ही बैंकों की पेड़ पार्किंग का लोहे का बड़ा सा शेड बूथ बना हुआ है जिसमे ये रिक्शाचालक अपने बोरियाबिस्तर और वस्त्र आदि रखे हुए हैं ! तो क्या पुलिस ने कभी इनको खंगालने की जेहमत क्यों नहीं उठाई ! बैंक अधिकारीयों ने इन सैंकड़ों अप्रवासी लोगों को यहाँ सोने की और रहने की परमिशन क्यों किसके आश्वासन पर बैंक की  करोड़ों अरबों रुपए की धनराशि व् पूंजी दांव पर लगा कर दे  दी है !   क्या कत्ल के लिए नैतिक और कानूनन जिम्मेवारियां और जवाबदेहियाँ निर्धारित नहीं की जाएँगी ! खबर लिखे जाने तक तो पुलिस ने किसी की भी ग्रिफ्तारी की पुष्टि नहीं की थी ! हाँ घटना स्थल पर पुलिस के जवान अभी भी कई तरह से टोह लेने में इधर उधर विचरते देखे गए हैं ! 

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