चंडीगढ़ ; 4 जून ; करणशर्मा /एनके धीमान ;—–चंडीगढ़ प्रशासन के ब्यूरोक्रेट्स बहुत ही सजगता से और दूरदर्शिता से सरकारी ड्यूटी को अंजाम देते हैं ये जगजाहिर है ! लेकिन दूसरे अधिकारी भी इनसे किसी मामले में कम नहीं हैं ! बड़े अफसरों का अक्सर कनिष्ठ अधिकारी अक्षरत पालना करते हैं ! अब ये सब बातें इनकी की जेबो से जुडी हैं या स्वभाव से ये ही बेहतर जानते हैं ! सरकारी सुविधा के नाम पर तो ये एक पिन भी छोड़ दें हो ही नहीं सकता ! हाँ सभी अधिकारी पांचों अंगुलियाँ बराबर नहीं की बात को भी पुष्ट करते है ! प्रशासन का कभी सरताज विभाग रहा आज बदनामी के झटके खा रहा है ! क्योंकि कहते हैं कि जब सर का साईं न रहे तो विधवा के सब सहारे बन जाते हैं बेशक ही लूट खसूट के लिए ! देश में कभी अलग पहचान और नाम सहित एम्प्लाइज स्ट्रेंथ और लार्जेस्ट यूनियन के नाते जाने जाते विभाग की दुर्दशा का के लिए जवाबदेह और जिम्मेवार सर के साईं ही हैं ! आज, इस विभाग की गोद में प्रशासन के कई और विभाग आ धसे हैं ! लेकिन, अब भी अनेकों बुनियादी सांझी जरूरतों के लिए ये विभाग भी इसी विभाग का मुंह ताकता है ! अब, एक साईं किस किस के हिस्से की पीड़ाएँ झेलें ! इक बारगी निगाह समूचे परिसर पर डालें, तो आज की तारीख में यहाँ अग्निशमन यंत्र टंगे जरूर हैं पर अगर आग की इक चिंगारी भी भड़कती है तो बुझाने के लिए कुछ भी उपलब्ध नहीं होगा ! और तो और अग्निशमन हेतु बड़ी पाइप लाइन भी सफेद हाथी के सिवा कुछ नहीं अभी तक साबित हुई ! सभी टंगे अग्निशमन यंत्र कागजी खानापूर्ति के सिवा कुछ् भी राहत देने में नाकाम ही रहेंगे ! क्या जवाबदेही के मामले में कोई उचित कार्यवाही होगी, ये तो प्रशासन के आला अधिकारी ही जानें ! और अभी तक ये अग्निशमन तंत्र फिर किस फायदे के लिए हैं ये जानना कितना सार्थक है सब समझ रहे हैं !