दोस्ती दिवस के बाद भाई बहिन का पवित्र पर्व रक्षा बंधन
चंडीगढ़ ; 5 अगस्त ; आरके शर्मा विक्रमा ;—–दोस्तों की दोस्ती अब वन डे सेलिब्रेशन के एकदिन की माक़िफ़ जिंदगी से अलविदा हो रही है ! दोस्ती धन स्वार्थ की नींव पर हो रही है ! सुदामा और भगवान श्री कृष्ण महाराज और सुग्रीव और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र महराज सहित दुर्योधन और दानवीर कर्ण की और श्री राम और विभीषण की दोस्ती की दरकार है आज का संदर्भ को ! लेकिन आधुनकिता की शिक्षा और विकास शील जनरेशन अब कदम कदम पर स्वार्थ और नीचता के भाव को अहमियत देती जा रही है ! ऐसा भी नहीं है कि एक ही हाथ की पांचों उँगलियाँ एक समान हैं ! खैर भारत देश संस्कृति निष्ठ आज मदर डे फादरड़े और फ्रैंडशिप डे के पाश्चातय परिवेश के सेलिब्रेशन में डूब रहा है ! ये सब सोचनीय विषय अब आज की शिक्षा की प्राथमिकता का सबब होना लाजिमी है ! सोचना विचारणा सब को होगा कि दायित्त्व सब के हैं !! **************************************************************************************************************************************************सोमवार को सावन माह का आखिरी सोमवार है सो शुभदिवस को ही रक्षाबंधन भी है ! मंदिरों को खूब सजाया गया है भव्यता का परिदृश्य ऐसा बनाया गया कि नजर पड़े तो जम कर वहीँ रह ही जाये ! मंदिरों में ईश महिमा गुणगान भजन नृत्य और जयघोषों से वातावरण धार्मिक आवरण लिए वंदनीय बन रहा है ! शिव भक्तों की ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं है ! भगवान शिव का द्रव्य अभिषेक होगा और अनेकों मंदिरों में भंडारे आयोजित किये जायेंगे ! भक्ति रस के सागर में विशाल जनसमूह हर सीमाएं पार करके ही परम् आनंद को पाएंगे ! मंदिरों में भजन संध्या, ईश्वर के नामित चौंकियाँ और भंडारे आयोजित की जा रही हैं ! शिव का माह सावन ही भगवान को प्रिय है सो भक्त इसी माह सब कुछ होता है ! ऋद्धियाँ सिद्धियां नाम जाप तप योग सहित दान पुण्य आदि सब करने का सरल और सहज महीना ही सावन है ! ***********************************************************************************************************************************************