नदी में प्रवाहित विपरीत दिशा में पाषाण मूर्ति का रहस्य

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चंडीगढ़:- 29 अगस्त: अल्फा न्यूज इंडिया डेस्क:- मध्यप्रदेश के देवास जिले का हाटपिपलिया गाँव में सदियों पुराना भगवान विष्णु का चौथा अवतार नृसिंह भगवान का मंदिर है। जहाँ पर जलझूलणी एकादशी पर हर वर्ष नरसिंह भगवान की पहाड़ी पत्थर से बनी हुई पाषाण प्रतिमा को स्थानीय भमोरी नदी में स्नान के लिए ले जाते हैं।पंडित जी पूजा करने के बाद पानी में साढ़े सात किलोग्राम की पाषाण प्रतिमा को नदी में बहा देते हैं। परंतु परमपिता परमेश्वर की अतुलनीय महिमा से प्रतिमा बिना डूबे हुए बहते हुए पानी के विरुद्ध दिशा में सीधी बहते हुए पंडितजी के पास आती है। यह दृश्य देखने के लिए देश विदेश से हर साल लाखों हजारों की संख्या में सनातनी आते हैं।ॐ विष्णवै नमः के जयघोषों से माहौल गूंज उठता है।।

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