चंडीगढ़ :- 16 मई अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क :— दुनिया के साथ-साथ हमारा देश भी कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है देश में संक्रमित ओं की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और ठीक होने वालों की तादाद कम होती जा रही है। मरने वालों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। ऐसी विकट विषम परिस्थिति में समुचा भारत अपने देश के दूरदर्शी और देश को समर्पित जुझारू कर्मठ और हरिश्चंद्र सत्यवादी सा व्यक्तित्व रखने वाले नरेंद्र दामोदर मोदी माननीय प्रधानमंत्री की ओर आस लगाए हुए विश्वास की टेक पर टकटकी बांधे बैठे हैं।। सबको खुद से ज्यादा अपने देश के मेधावी प्रधानमंत्री पर विश्वास है। और इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि नरेंद्र मोदी आज सफलता की कसौटी पर खरे उतर रहे हैं। अपने देशवासियों को महामारी से बचाने के लिए रात-दिन एक किए हुए हैं। इसी क्रम में देश की अर्थव्यवस्था की चरमरा रही दशा को फिर से पटरी पर लाने के लिए मोदी जी ने आकर्षक आर्थिक पैकेज और आयुष तकनीकों का सराहनीय कदम उठाए हैं।।
#मोदी_का_भाषण (1)
पहले कह रहे थे कि करोना से जीतना है। अब कह रहे हैं कि करोना के साथ रहना सीखना होगा।
इन दो बातों के बीच करोड़ों लोगों की ज़िंदगी बर्बाद करने वाले मोदी निहायत ही अदूरदर्शी नेता हैं। ये जो कहें उस पर भरोसा करना नादानी है।
#मोदी_का_भाषण (2)
पहले बोले कि लोकल माल खरीदने पर गर्व करना सीखो। फिर बोले कि हम विदेशी निवेश को आकर्षित करने पर विशेष ज़ोर देंगे।
विरोधाभासी बातें करने वाले मोदी जनता को बातों में उलझा कर वक्त बर्बाद करने वाले नेता हैं, इन के जाल में अब और न फंसें!
#मोदी_का_भाषण (3)
पहले बोले कि बीस लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज है। फिर बोले कि इसमें पहले घोषित राहत पैकेज शामिल होगा। आर्थिक विशेषज्ञों ने तो यहां तक बताया है कि यह रकम असल में लगभग चार लाख करोड़ रुपए तक ही सीमित रहेगी।
आंकड़ों को गलत तरीके से पेश कर जनता को मूर्ख बनाने वाले मोदी बेहद चालाक नेता हैं, इनकी चालाकी से बचिए।
#मोदी_का_भाषण (4)
पहले कहते थे कि सत्तर साल में कुछ नहीं किया। अब कह रहे हैं कि पोलियो और टीबी जैसी बीमारियों पर नियंत्रण कर लिया।
मोदी समय के अनुसार अपने भक्तों की बुद्धि में कुछ भी भर देने वाले बाजीगर नेता है। इन की बाजीगरी से बचिए।
#मोदी_का_भाषण (5)
पहले करोड़ों मजदूरों को बर्बाद कर सड़कों पर ला दिया, फिर श्रम कानूनों पर रोक लगा कर उनके शोषण का रास्ता साफ किया और फिर उनके पसीने की खुशबू की महिमा गा दी, उन पर संकट थोप कर उन्हें तपस्वी बता दिया।
मोदी जनता को मरवा कर उसकी मूर्ति बना पूजा करवा कर लोगों को नशे में रखने वाले नेता हैं, इनके नशे से बचिए!
#मोदी_का_भाषण (6)
करोड़ों लोगों को भूखा, बेरोजगार, बीमार और तड़पते हुए सड़कों पर चलने को मजबूर करने के बाद बोले कि हमारी व्यवस्था अधिक सक्षम, अधिक समर्थ नजर आई है।
सफेद झूठ बोलने वाले मोदी आम जनता के दुखों से बेपरवाह नेता हैं, इन को राजनीति से विदा कीजिए।
#मोदी_का_भाषण (7)
प्रधान मंत्री के 4 एल पैकेज का सच यह है –
लैंड (जमीन), लेबर (मजदूर), लिक्विडिटी (तरलता), और लॉ (कानून) उनके पैकेज के महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यानी अब कोरोना संकट के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की आड़ में
1 – लैंड – कारपोरेट कंपनियों और उद्योगपतियों के लिए देश के किसानों की जमीनों का बड़े पैमाने पर फिर अधिग्रहण होगा।
2 – लेबर – उद्योग पतियों के लिए सस्ते और अधिकार विहीन श्रमिकों की आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
3 – लिक्विडिटी – उद्योगपतियों को पूंजी दिलाने के लिए लिक्विडिटी (तरलता) के नाम पर बैंकों के जरिये ज्यादा पूंजी की व्यवस्था की जाएगी।
4 – लॉ – मजदूरों के ट्रेड यूनियन अधिकार, न्यूनतम वेतन अधिकार, काम के घंटे, फैक्ट्री कानून आदि सब को बदल कर मजदूर वर्ग के लिए कानूनन गुलामी की बाध्यता लागू की जाएगी।
किसानों की जमीन की कारपोरेट लूट को बढ़ाने के लिए भूमि अधिग्रहण कानून बदले जाएंगे।
सप्लाई चेन को ठीक करने के नाम पर फसलों की खरीद और भंडारण को पूरी तरह निजी क्षेत्र को सौंप जाएगा।
रिटेल क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय और कारपोरेट कंपनियों का बड़े पैमाने पर प्रवेश होगा।
नागरिक अधिकार और मौलिक अधिकारों की परिभाषा कानून में बदली जाएगी।
सत्ता और कारपोरेट के विरोध की हर लोकतांत्रिक आवाज को कानूनन देश द्रोही करार दिया जाएगा।
इस तरह कोरोना बाद देश में गुलामी के एक नए दौर की शुरुआत होगी, जहां करोड़ों लोगों को उसके नागरिक होने के अधिकार से भी वंचित करने की तैयारी है।
#मोदी_का_भाषण (8)
अप्रैल 2020 में विश्व बैंक से 1.5 बिलियन डॉलर (यानि करीब 1 खरब 14 अरब रुपए) का कर्ज लेने के बाद मोदी हम भारतवासियों को आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाते हैं।
देश से झूठ बोलने वाले मोदी भ्रामक नेता हैं, इन से सावधान रहिए।
@सुबाष यादव कोलाबा मुम्बई से साभार।।।।।