असाध्य महामारियों का ज़ड मूल नाश करने में सिद्धहस्त हैं भक्त शिरोमणि श्री हनुमान नाम सुमिरन

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चंडीगढ़:- 9 अप्रैल:- आरके शर्मा विक्रमा प्रस्तोता :— हिंदू धर्म शास्त्रों में, उपनिषदों व धर्म ग्रंथों में विभिन्न प्रकार की महामारी से पार पाने के अत्यंत सरस और सरल श्लोक व मंत्र मनन, पठन व उच्चारण, आचरण हेतु विद्यमान हैं। बड़ी से बड़ी मुसीबत टालने में श्री प्रभु सिमरन से बड़ा और सफल साधन इस दुनिया में कोई और हो ही नहीं सकता है। अजर अमर और जागृत भक्त शिरोमणि भगवान हनुमान जी हर प्रकार की विपत्ति विपदा कष्ट आदि आदि को दूर करने वाले हैं। उनके नाम मात्र स्मरण से ही असाध्य रोग जड़ से खत्म हो जाते हैं। धर्म में रत आस्थावानों का मत है कि कोरोनावायरस जैसी विकराल विषधर और विषम महामारी से निपटने के लिए एकमात्र औषधि श्री हनुमान जी का नाम सुमिरन है। हर बंधन हर प्रखंड हर हद से ऊपर उठकर कुछ श्लोकों का चौपाइयों का सच्चे सुच्चे और समूचे भाव से देह दिल और दिमाग से चिंतन करें। सब कुछ सामान्य अपने मूल स्वरूप में आ जाएगा।‌ शपथ लेकर जग प्राणी हित यह सिमरन करें। जब आप किसी के लिए सुमिरन करते हैं। किसी का ख्याल रखते हैं। तो आपका ख्याल सर्व व्यापक सर्व व्यापत परम परमेश्वर रखते हैं। यह धर्म वत विचार धर्मरत पंडित रामकृष्ण शर्मा ने मानस कल्याण हेतु व्यक्त किए हैं इनका अनुसरण ही सर्व पीड़ा हारी है।

सवा लाख हनुमान चालिसा जाप का संकल्प लें।
श्री हनुमान जी इस कलयुग के जीवित जागृत देवता हैं उनके आशीर्वाद और कृपा से सभी कार्य सफल हो जाते हैं।

हनुमान चालीसा का पाठ पूरे परिवार के साथ बैठकर करे, और एक माला यानी 108 बार करें।

दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते”।।
इस मंत्र का जाप करें ।

हम सब को  संकल्प लेना  है कि  सभी  बंधुओं और हनुमान भक्तों ने इस कार्यक्रम में संयुक्त रुप से भाग लिया  तो ढाई लाख श्री हनुमान चालीसा के जाप उस दिन के दौरान हो जाएंगे ।
पूरब दिशा में मुख कर श्री हनुमान जी की आरती करें।
छोटे से प्रयास से, इस प्रकार  जाप किया तो सवा लाख से ढाई लाख जाप एक दिन में संभव हो जाएंगे।
“नासे रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा।”
वायुपुत्र श्री हनुमान जी दैहिक दैविक और भौतिक तापो को नाश करने वाले देवता हैं । सभी के कल्याण की मंगल कामना करते हुए.. हनुमान चालीसा की चौपाइयों का निरंतर शुद्ध मन से मनन करें और शुभ लाभ कमाएं।।

 

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