रुह जब रोई, तो कलम ने कमान संभाली

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खामोशी मेरी से जो ❤️ की दास्तां पढ़ लें
शै वो खुदा नहीं, मेरी मां ही तो है।।। आरके शर्मा विक्रमा अल्फा न्यूज इंडिया।।🌹🙏🏼

जिंदगी में रोज़ ठोकरों का सिलसिला बढ़ रहा।
यकीं अब हुआ मेरा खैर-खबाह साथ ही है।।🙏🏼🌹आरके शर्मा विक्रमा/अल्फा न्यूज इंडिया।।।।

धोखों से रूबरू आम बात हो गई।
दोस्तों ने चेहरे पर नकाब जो ओढ़ लिए हैं।।👀आरके शर्मा विक्रमा//अल्फा न्यूज इंडिया।।
💘❤💘❤💘❤💘

हाथ जो “उसने” कसकर थामा है।
लगता कोई तूफान बड़ाआने वाला है।।🌹🕉🌹आरके विक्रमा शर्मा//अल्फा न्यूज इंडिया।।

ऐ खुदा अब मेरा नसीबा ना संवार।
जिंदगी मेरी ने गर्दिशों से मोहब्बत कर ली है।। आरके शर्मा विक्रमा/अल्फा न्यूज इंडिया।।🤲🏼

‘मैं’ पीछे नहीं रहा,
बस अपने ही आगे निकल गए।
मैं “जमीं” से देख रहा हूं
वो आसमां चूम रहे हैं।।
🤔आरके शर्मा विक्रमा/ अल्फा न्यूज इंडिया।।

दिन में सोते रात में जागते हैं यह किस वहम पर फ़िदा हो रहे हैं।
यकीं के साथ कह रहे, एक नए छल से रूबरू हो रहे हैं।।🤗आरके शर्मा विक्रमा/अल्फा न्यूज इंडिया।।

किसको कहोगे
आओ अब चलें।
हम ही,
जब चले जाएंगे।।
👨🏻‍🦯आरके शर्मा विक्रमा/अल्फा न्यूज इंडिया।

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