चंडीगढ़ 14 ््*यहडाँ.कैलाश शर्मा पाटोदा की आपको एक आवश्यक अपील*
*देश के सम्माननीय प्रधानमंत्री जी और हमारे प्रदेशों के सम्माननीय मुख्यमंत्री जी की अपील को गम्भीरता से लेते हुए निर्देशों की अक्षरश पालन करें*
*कोरोनावायरस को लेकर अफवाह नहीं फैलाएं क्योंकि फैलाई गई अफवाह के कारण हमारे देश की मेडिकल टीम को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ता है और समय भी अनावश्यक खर्च करना पड़ता है अतः सहयोग करें।।*
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*प्रातः आठ बजे दोपहर दो बजे और रात्री सात बजे यहां बताई गई धूप पूरे देश प्रदेश शहर नगर ग्राम और ढाणी ढाणी के प्रत्येक घर मे होनी ही चाहिए।*
*प्रत्येक घर मे यह धूप बना कर काम मे ले :—
*नीम के सूखे पत्ते, अजवायन, हींग, सरसों का तैल, थोड़ी कालीमिर्च का पाउडर व उपलब होतो थोड़ा गुगल आदि सभी को6 इच्छानुसार मिलाकर जले हुए 4 – 5 अंगारों पर डाल कर पूरे घर व आसपास मे धुंआ करे, इससे किटाणूओं का नाश होता है*
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*यह पोस्ट मैने सर्वप्रथम 06 फरवरी 2020 को ही आमजन के हित मे सोशियल मिडिया पर सेंड कर चुका हूं*
*कोरोना वायरस से घबराये नहीं इस की दवा भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा ग्रंथों में वसाका नाम से वर्णित है -*
चीन में फैला हुआ कोरोना वायरस जो कि एक खतरनाक रूप में सामने आ रहा हैं, अब यह भारत मे भी फैल रहा हैं
*कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण*
1. तेज बुखार
2. बुखार के बाद खांसी का आना
3. बेचैनी, सिरदर्द और मुख्य रूप से श्वसन संबंधी परेशानी महसूस होना
भारतीय लोगों को कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसके रोग के लक्षणों का वर्णन हमारे प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में दिया हुआ है
आयुर्वेद में दवा का नाम वसाका (अरडूसा) नाम से उपलब्ध है।
*आयुर्वेदिक निदान -*
आयुर्वेद के सभी कफ सिरफ में वसाका का उपयोग होता है इसलिए आप किसी भी कंपनी का आयुर्वेदिक कफ सिरफ ले सकते है।
*आयुर्वेदिक निदान -*
(1) गोजिव्हादि क्वाथ 10 ग्राम, महासुदर्शन चूर्ण 01 ग्राम, गिलोय की हरी ताजा लकड़ी 12 ईंच बड़ी, तुलसी पत्र 5 – 7, कालीमिर्च 3 – 4, सोंठ पाऊडर 1 ग्राम, अरडुसा के ताजा पत्र 4 – 5, हल्दी पाउडर 1 से 2 ग्राम
इन सबको मिलाकर 250 ML पानी मे मंद आंच मे धीरे धीरे ऊबाले शेष 15 – 20 ML बचने पर सूती सफेद वस्त्र से छान कर गुनगुना गुनगुना ही पीना है।
लक्षणों से पिड़ित व्यक्ति को दिन में तीन चार बार दिया जा सकता है और स्वास्थ्य व्यक्ति को बचाव की दृष्टि से दिन मे एक बार ले सकता है।
(2). नमक या सफेद फिटकरी के पानी की भाप दिन में तीन चार बार लेनी चाहिए।अथवा गरारे करे।
(3). प्रत्येक व्यक्ति को प्रति दिन तीन से पांच बार सरसों का तेल नांक के अंदर अंगुली से लगाते रहना चाहिए।
(4). गिलोय की हरी लकड़ी 12 ईंच, तुलसी के 8 – 10 पत्र , शुद्ध शहद एक चम्मच, एक ग्राम हल्दी पाउडर, एक ग्राम सोंठ पाउडर, 3 – 4 कालीमिर्च का पाउडर, इन सबको मिलाकर दिन में दो से तीन बार चाटना या पीना है।
(4). तालिसोमादि चूर्ण 1 ग्राम,यष्ठिमधु चूर्ण 1 ग्राम. गोदंती भस्म 250 MG, सर्वज्वरहर लौह 250 MG, शिर:शुलादि वज्र रस 250 MG, श्वासकुठार रस 250 MG, चंद्रामृत रस 250 MG, श्रृंगाराभ्र रस 250 MG, इन सबका मिश्रण शहद के साथ दिन मे तीन चार बार लेवें।
(5). Tab – Fifatrol (Amil) एक एक गोली दिन मे तीन से चार बार गर्म पानी से लेवे।
(6). एलादि वट्टी या मरिच्यादि वट्टी मे से कोई एक तरह की टेबलेट दिन में चार से छ बार चूसनी है।
(7). Sup – वसाकासव की तीन तीन चम्मच गुनगुना पानी के साथ दिन में तीन से चार बार लेनी है।
(8). कंटकारी अवलेह या च्यवनप्राश अवलेह की एक एक चम्मच दिन मे दो बार लेनी चाहिए।
*यह सावधानियां अप्रैल माह तक रखें और स्वस्थ रहे*
(1). आईसक्रीम, कुल्फी, सभी प्रकार की कोल्ड ड्रिंक्स, सभी प्रकार के प्रिज़र्वेटिव फूड्स, डिब्बा बंद भोजन, मिल्क शेक, कच्चा बर्फ यानी गोला चुस्की, मिल्क शेक या मिल्क स्वीटनर 48 घंटे पुराने खाने से बचे क्योंकि कोरोना वायरस गर्मी से निष्क्रिय हो जाता है इस लिए तेज़ गर्मी यानी 35℃ से ज्यादा होने तक रुके।
(2).किसी से भी हाथ नहीं मिलाए, हाथ जोड़कर ही अभिवादन करे, ओर स्वीकार करें।
(3).नांक पर हर व्यक्ति मास्क लगाकर रखें।
(4).भोजन में नोनवेज (मांसाहार) से बचे।
शुद्ध शाकाहारी भोजन का ही सेवन करें।
(5).भीड़ भाड़, मेले, धरने, प्रदर्शन जैसी जगहों से बचे या दूर रहें।
(6) यात्रा जहां तक संभव हो नहीं करे।
*🙏यह पोस्ट अधिक से अधिक लोगों में शेयर कर सहयोग करें – डॉ. कैलाश शर्मा पाटोदा 🙏*
प्रत्येक औषधि चिकित्सक की सलाह से ही लेवे तथा औषधि की मात्रा आयु के अनुसार ही निर्धारित करे। इसमे लिखी गई मात्रा सामान्य युवा व्यक्ति के लिए लागु है।
अगले 30 दिन बहुत ही निर्णायक है !
अगर हमने पर्याप्त प्रयत्न किया तो हम एक बहुत बड़ी महामारी को फैलने से बच जायेंगे . जैसा की आप सभी जानते है की एक बहुत ही बड़ी मुसीबत भारत जैसे विशाल देश के सामने सुरसा की तरह मुँह फैलाये खड़ी है और सरकार के साथ अगर आपने भगीरथ प्रयत्न नहीं किया गया तो ये कितनी ज़िंदगिया लील जाएगी ये सोचना भी बहुत मुश्किल है . यह बीमारी देखते देखते ही सैंकड़ो फिर हज़ारो और फिर लाखो में फ़ैल सकने में सक्षम है . क्यों की स्कूल और अन्य संस्थान बंद है ये सोच कर पर्यटन पर निकलना एक बहुत बड़ी बेवकूफी साबित हो सकती है .
अभी तक जो हुआ वो ठीक है और प्रशासन और सरकार ने मिल के भरसक प्रयत्न कर इस महामारी को एक सीमा में बांध कर रखा हुआ है , पर अब ये प्रयत्न काफी नहीं होंगे अब जनता को भी इस लड़ाई में कूदना पड़ेगा और जितना हो सके सावधानी रख कर इस बीमारी से निजात पानी पड़ेगी .
सर्वप्रथम ध्यान रखे की किसी भी अवस्था में “PANIC” न करे , सोशल मीडिया पर आये हुए भ्रामक संदेशो को न फैलाये , मुझे कुछ नहीं होगा सोच कर अपने भाग्य को न आजमाए , सावधानी रखे एहतियात बरते और किसी भी अफवाह को फैलने से रोके और खुद कोई अफवाह न फैलाये .
अगर कोई भी स्थिति आन खड़ी होती है तो नज़दीकी सरकारी हॉस्पिटल में तुरंत जाए और प्रशासन को अवगत करवाए ,
प्रशासन के निर्देशों का पालन करें व
ध्यान रखे
बात पते की #हैंड_सेनेटाइजर
हैंड सेनेटाइजर अब इनसे कोरोना का वायरस मरता भी है या नहीं पता नहीं, लेकिन इसकी बिक्री बेहद बढ़ चुकी है। टीवी पर आने वाले डॉक्टर गर्म पानी या नींबू के रस से हाथ धोना भी बता सकते थे, देश के वासियों को लेकिन कोई बताएगा नहीं। क्योंकि यहाँ भी लोगों को प्रोडक्ट की बिक्री करनी है।
दो रुपये का नींबू साथ रखिये, उसे थोड़ा सा ऊपर से काट लें। अब जब भी ज़रूरत हो उसकी कुछ बूंदें हाथ पर टपकाएं और उससे हाथ साफ करलें…
यक़ीन कीजिए यह उतना ही असरदार है जितना कि 600 रुपये लीटर के टीवी स्क्रीन पर 99% जर्म्स मारने वाले ब्रांडेड हैंड सेनेटाइजर…
इसके अलावा साबुन सो हाथ धोंये।
प्रत्येक घर दुकान संस्था जो भी है उसके मुख्य द्वार पर गर्म पानी का वाटर कैन भरकर रखे और वहीं पर साबुन रखे। जो अंदर आए पहले हाथ मुंह धोकर ही अंदर आए।
नीम के पत्ते व फिटकरी को पानी मे ऊबाल कर रखे इससे भी हाथ मुंह धो सकते हैं।
हास्पिटलों में या अन्य स्थानों पर लाईन लगाकर नही खड़े हो। फिर भी लाईन लगानी पडे तो कमसे कम एक मीटर की दूरी बना कर रखे।
किसी भी प्रकार की यात्रा अगले पंद्रह दिन तक बंद करदे। आप सभी अपने अपने परिवार को घर से बाहर जाने रोके। बैंक आदि मे भी आनाजान बंद करदे।
रुपए आदि गिनते समय मुंह से थूंक लगाकर नहीं गिने तथा रुपए गिनते ही हाथ धोएं चाहे बारबार धोना पड़े।
*डाँ. कैलाश शर्मा पाटोदा*,सहायक निदेशक
आयुर्वेद विभाग सीकर(राज.)
मो. नं. 09414291928