चंडीगढ़ -21 फरवरी- आरके शर्मा विक्रमा प्रस्तोता— महाशिवरात्रि के पावन मंगलमय महापर्व पर विशेष पूजन विधि विधान का संकलन आपके लिये पंडित कृषण मेहता प्रस्तुत कर रहे है,,,
👉🏼 *_21 फ़रवरी फाल्गुन कृष्ण पक्ष की उदया तिथि त्रयोदशी और शुक्रवार का दिन है| त्रयोदशी तिथि आज शाम 5 बजकर 22 मिनट तक ही रहेगी। उसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी और प्रत्येक वर्ष की फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव को अत्यंत ही प्रिय महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है। इसके साथ ही सर्वार्थसिद्धि योग यानि कि सारे काम बनाने वाले योग सुबह 08:16 से 22 फरवरी को दोपहर पहले 11:19 तक रहेगा। जानें पंडित कृषण मेहता के अनुसार कैसा रहेगा आपका दिन।_*क्या क्या कीजियेगा आज महापर्व महाशिवरात्रि पर भोले की सेवा मे जाने साथ ही।चार प्रहर की पूजा क्यु है जरूरी कैसे करे,,,
महाशिवरात्रि :प्रहर पूजा ——-
शिव सामान्य फूल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। बस भाव होना चाहिए। इस व्रत को जनसाधारण स्त्री-पुरुष , बच्चा, युवा और वृद्ध सभी करते है। धनवान हो या निर्धन, श्रद्धालु अपने सामर्थ्य के अनुसार इस दिन रुद्राभिषेक, यज्ञ और पूजन करते हैं। भाव से भगवान आशुतोष को प्रसन्न करने का हर संभव प्रयास करते हैं।
महाशिवरात्रि का ये महाव्रत हमें प्रदोष निशीथ काल में ही करना चाहिए। जो व्यक्ति इस व्रत को पूर्ण विधि-विधान से करने में असमर्थ हो, उन्हें रात्रि के प्रारम्भ में तथा अर्धरात्रि में भगवान शिव का पूजन अवश्य करना चाहिए।
शिवपुराण के अनुसार व्रत करने वाले को महाशिवरात्रि के दिन प्रात:काल उठकर स्नान व नित्यकर्म से निवृत्त होकर ललाट पर भस्मका त्रिपुण्ड तिलक और गले में रुद्राक्ष की माला धारण कर शिवालय में जाना चाहिए और शिवलिंग का विधिपूर्वक पूजन एवं भगवान शिव को प्रणाम करना चाहिए। तत्पश्चात उसे श्रद्धापूर्वक महाशिवरात्रि व्रत का संकल्प करना चाहिए।
महाशिवरात्रि के प्रथम प्रहर में संकल्प करके दूध से स्नान व ॐ ओम हीं ईशानाय नम: का जाप करना चाहिए।
द्वितीय प्रहर में दधि स्नान करके ॐ ओम हीं अधोराय नम: का जाप व
तृतीय प्रहर में घृत स्नान एवं मंत्र ॐ ओम हीं वामदेवाय नम: तथा
चतुर्थ प्रहर में मधु स्नान एवं ॐ ओम हीं सद्योजाताय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
चार प्रहर पूजा मुहूर्त—–
महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती की पूजा 4 प्रहरों में बांटी गई है. देखें शुभ समय:
पहले प्रहर की पूजा: 21 फरवरी को शाम 06:26 से रात 09:33 तक
दूसरे प्रहर की पूजा: 21 फरवरी को रात 09:33 से रात 12:40 तक
तीसरे प्रहर की पूजा: 21 फरवरी को रात 12:40 से 22 फरवरी सुबह 03:48 तक
चौथे प्रहर की पूजा: 22 फरवरी को सुबह 03:48 से सुबह 06:55 तक
बेहद शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि पर पूजा का बेहद शुभ मुहूर्त काल 50 मिनट का रहेगा. ये समय होगा 22 फरवरी को मध्य रात्रि 12:15 बजे से 01:05 बजे तक. ये 50 मिनट बेहद शुभ हैं।
महाशिवरात्रि का पावन पर्व
देवों के देव भगवान् भोलेनाथ के भक्तों के लियें महाशिवरात्रि का व्रत विशेष महत्व रखता हैं। यह ध्यात्मिक महापर्व तीनों लोकों के मालिक भगवान् शिवजी का सबसे बड़ा त्योहार है, कहते हैं महाशिवरात्रि ऐसा दिन होता है जब भगवान् शंकरजी स्वयं माता पार्वतीजी के साथ पृथ्वी पर होते हैं, जहाँ उनके जितने शिवलिंग हैं।
देवों के देव भगवान् भोलेनाथ के भक्तों के लिये महाशिवरात्रि का व्रत विशेष महत्व रखता हैं, ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकरजी एवम् माँ पार्वतीजी का विवाह सम्पन्न हुआ था, और इसी दिन प्रथम शिवलिंग का प्राकट्य हुआ था, इसके अलावा ये भी मान्यता है की महाशिवरात्रि के दिन भगवान् शिवजी ने कालकूट नामक विष को अपने कंठ में रख लिया था, जो समुद्र मंथन के समय बाहर से निकला था।
इस महाशिवरात्रि के व्रत रखने से भगवान भोले नाथ शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं, उपवासक की मनोकामना पूरी करते हैं, इस व्रत को सभी स्त्री-पुरुष, बच्चे, युवा, वृ्द्धों के द्वारा किया जा सकता हैं, महाव्रत को विधिपूर्वक रखने पर और शिवपूजन, शिव कथा, शिव स्तोत्रों का पाठ व “उँ नम: शिवाय” का पाठ करते हुए रात्रि जागरण करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता हैं।
व्रत के दूसरे दिन यानी चतुर्दशी को यथाशक्ति वस्त्र-क्षीर सहित भोजन, दक्षिणादि प्रदान करके भगवान् शिवजी को संतुष्ट किया जाता हैं, इस व्रत के विषय में यह मान्यता है कि इस व्रत को जो शिव-भक्त करता है, उसे सभी भोगों की प्राप्ति के बाद, मोक्ष की प्राप्ति होती है, यह व्रत सभी पापों का क्षय करने वाला है, एवम् इस व्रत को लगातार चौदह वर्षो तक करने के बाद विधि-विधान के अनुसार इसका उद्धापन करना शुभ माना गया है।
पहला व्रत करते समय इस व्रत का संकल्प करना चाहियें, सम्वत, नाम, मास, पक्ष, तिथि-नक्षत्र, अपने नाम व गोत्रादि का उच्चारण करते हुए संकल्प के साथ महाशिवरात्रि का व्रत करना चाहिये, महाशिवरात्री के व्रत का संकल्प करने के लिये हाथ में जल, चावल, पुष्प आदि सामग्री लेकर शिवलिंग पर छोड दी जाती है।
उपवास की पूजन सामग्री में पंचामृ्त (गंगाजल, दुध, दही, घी, शहद), सुगंधित फूल, शुद्ध वस्त्र, बिल्व पत्र, धूप, दीप, नैवेध, चंदन का लेप, ऋतुफल तथा नारियल का उपयोग करना चाहिये, महाशिवरात्री व्रत को रखने वालों को उपवास के पूरे दिन, भगवान भोले नाथ का ध्यान करना चाहियें, प्रात: स्नान करने के बाद भस्म का तिलक कर रुद्राक्ष की माला धारण की जाती है।
ईशान कोण दिशा की ओर मुख कर शिवजी का पूजन धूप, पुष्पादि व अन्य पूजन सामग्री से पूजन करना चाहियें, इस व्रत के रात्रि में चारों पहर में पूजन किया जाता है. प्रत्येक पहर की पूजा में “उँ नम: शिवाय” व ” शिवाय नम:” का जाप करते रहना चाहियें, अगर शिव मंदिर में यह जाप करना संभव न हों, तो घर की पूर्व दिशा में, किसी शान्त स्थान पर बैठकर इस मंत्र का जाप किया जा सकता हैं।
चारों पहर में किये जाने वाले इन मंत्र जापों से विशेष पुन्य प्राप्त होता है, इसके अतिरिक्त उपावस की अवधि में रुद्राभिषेक करने से भगवान शंकर अत्यन्त प्रसन्न होते है, महाशिव रात्रि के दिन शिव अभिषेक करने के लिये सबसे पहले एक मिट्टी का बर्तन लेकर उसमें पानी भरकर, पानी में बेलपत्र, आक धतूरे के पुष्प, चावल डालकर शिवलिंग को अर्पित किये जाते है।
व्रत के दिन शिवपुराण का पाठ सुनना चाहिए और मन में असात्विक विचारों को आने से रोकना चाहियें, शिवरात्रि के अगले दिन यानी चतुर्दशी को सवेरे जौ, तिल, खीर और बेलपत्र का हवन करके व्रत समाप्त किया जाता है, महाशिवरात्री के दिन शिवभक्त का जमावडा शिव मंदिरों में विशेष रुप से देखने को मिलता है, भगवान् भोलेनाथ अत्यधिक प्रसन्न होते है।
जब उनका पूजन बेल- पत्र धतुरा का फल एवम् पंचामृत चढाते हुयें पूजन किया जाता है, व्रत करने और पूजन के साथ जब रात्रि जागरण भी किया जाये, तो यह व्रत और अधिक शुभ फल देता है. इस दिन भगवान् शिवजी की शादी हुयीं थी, इसलिये रात्रि में शिव की बारात निकाली जाती है, सभी वर्गों के लोग इस व्रत को कर पुन्य प्राप्त कर सकते हैं।
एक बार एक गाँव में कोई शिकारी रहता था, पशुओं की हत्या करके वह अपने कुटुम्ब को पालता था, वह एक साहूकार का ऋणी था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका, क्रोधवश साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया. संयोग से उस दिन शिवरात्रि थी शिकारी ध्यानमग्न होकर शिव संबंधी धार्मिक बातें सुनता रहा. चतुर्दशी को उसने शिवरात्रि की कथा भी सुनी. संध्या होते ही साहूकार ने उसे अपने पास बुलाया और उसे ऋणमुक्त कर दिया।
अपनी दिनचर्या की भाँति वह जंगल में शिकार के लिए निकला, लेकिन दिनभर बंदीगृह में रहने के कारण भूख-प्यास से व्याकुल था, शिकार करने के लिए वह एक तालाब के किनारे बेल वृक्ष पर पड़ाव बनाने लगा, बेल-वृक्ष के नीचे शिवलिंग था जो बिल्वपत्रों से ढँका हुआ था, शिकारी को उसका पता न चला, पड़ाव बनाते समय उसने जो टहनियाँ तोड़ीं, वे संयोग से शिवलिंग पर गिरीं।
इस प्रकार दिनभर भूखे-प्यासे शिकारी का व्रत भी हो गया और रात्रि में एक पहर रात्रि बीत जाने पर एक गर्भिणी मृगी तालाब पर पानी पीने पहुँची, शिकारी ने धनुष पर तीर चढ़ाकर ज्यों ही प्रत्यंचा खींची तब मृगी बोली- मैं गर्भिणी हूँ, शीघ्र ही प्रसव करूँगी, तुम एक साथ दो जीवों की हत्या करोगे जो ठीक नहीं है? मैं अपने बच्चे को जन्म देकर शीघ्र ही तुम्हारे सामने प्रस्तुत हो जाऊँगी, तब तुम मुझे मार लेना, शिकारी ने प्रत्यंचा ढीली कर दी और मृगी झाड़ियों में लुप्त हो गयी।
शिकार को खोकर उसका माथा ठनका, वह चिंता में पड़ गया. रात्रि का अगला पहर बीत रहा था, तभी एक अन्य मृगी अपने बच्चों के साथ उधर से निकली, शिकारी के लिए यह स्वर्णिम अवसर था, उसने धनुष पर तीर चढ़ाने में देर न लगायी, वह तीर छोड़ने ही वाला था कि मृगी बोली- हे पारधी! मैं इन बच्चों को पिता के हवाले करके लौट आऊँगी. इस समय मुझे मत मारो, शिकारी हँसा और बोला, सामने आए शिकार को छोड़ दूँ, मैं ऐसा मूर्ख नहीं।
इससे पहले भी मैं अपना शिकार खो चुका हूँ. मेरे बच्चे भूख-प्यास से तड़प रहे होंगे, उत्तर में मृगी ने फिर कहा, ‘जैसे तुम्हें अपने बच्चों की ममता सता रही है, ठीक वैसे ही मुझे भी, इसलिए सिर्फ बच्चों के नाम पर मैं थोड़ी देर के लिए जीवनदान माँग रही हूँ, हे पारधी! मेरा विश्वास करो, मैं इन्हें इनके पिता के पास छोड़कर तुरंत लौटने की प्रतिज्ञा करती हूँ।
मृगी का दीन स्वर सुनकर शिकारी को उस पर दया आ गयी और उसने उस मृगी को भी जाने दिया, शिकार के आभाव में बेलवृक्ष पर बैठा शिकारी बेलपत्र तोड़-तोड़कर नीचे फेंकता जा रहा था, पौ फटने को हुई तो एक हष्ट-पुष्ट मृग उसी रास्ते पर आया, शिकारी ने सोच लिया कि इसका शिकार वह अवश्य करेगा, शिकारी की तनी प्रत्यंचा देखकर मृग विनीत स्वर में बोला- हे पारधी भाई! यदि तुमने मुझसे पूर्व आने वाली तीन मृगियों और छोटे-छोटे बच्चों को मार डाला है तो मुझे भी मारने में विलंब न करो।
ताकि उनके वियोग में मुझे एक क्षण भी दुःख न सहना पड़े, मैं उन मृगियों का पति हूँ, यदि तुमने उन्हें जीवनदान दिया है तो मुझे भी कुछ क्षण जीवनदान देने की कृपा करो, मैं उनसे मिलकर तुम्हारे सामने उपस्थित हो जाऊँगा, मृग की बात सुनते ही शिकारी के सामने पूरी रात का घटना-चक्र घूम गया, उसने सारी बातें उस मृग को सुना दी, तब मृग ने कहा, ‘मेरी तीनों पत्नियाँ जिस प्रकार प्रतिज्ञाबद्ध होकर गई हैं, मेरी मृत्यु से अपने धर्म का पालन नहीं कर पाएँगी।
अतः जैसे तुमने उन्हें विश्वासपात्र मानकर छोड़ा है, वैसे ही मुझे भी जाने दो, मैं उन सबके साथ तुम्हारे सामने शीघ्र ही उपस्थित होता हूँ, उपवास, रात्रि जागरण और शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से, तथा जितनी बार बैल वृक्ष पर हिलने से जलपात्र से जल निकल कर शिवलिंग पर चढ़ने के कारण शिकारी का हिंसक हृदय निर्मल और पवित्र हो गया, उसमें भगवद् शक्ति का वास हो गया था, धनुष और बाण उसके हाथ से सहज ही छूट गये।
भगवान शिव की अनुकम्पा से उसका हिंसक हृदय कारुणिक भावों से भर गया, वह अपने अतीत के कर्मों को याद करके पश्चाताप की ज्वाला में जलने लगा, थोड़ी ही देर बाद मृग सपरिवार शिकारी के समक्ष उपस्थित हो गया, ताकि वह उनका शिकार कर सके, किंतु जंगली पशुओं की ऐसी सत्यता, सात्विकता एवं सामूहिक प्रेमभावना देखकर शिकारी को बड़ी ग्लानि हुई, उसके नेत्रों से आँसुओं की झड़ी लग गयीं।
उस मृग परिवार को न मारकर शिकारी ने अपने कठोर हृदय को जीव हिंसा से हटा सदा के लिए कोमल एवं दयालु बना लिया, देव लोक से समस्त देवता भी इस घटना को देख रहे थें, घटना की परिणति होते ही देवी-देवताओं ने पुष्प वर्षा की, तब शिकारी तथा मृग परिवार मोक्ष को प्राप्त हुयें।
जिस प्रकार शिकारी और मृग परिवार को मोक्ष देकर कल्याण किया, उसी प्रकार भगवान् भोलेनाथ आप सभी भाई-बहनों के ताप-संताप हर कर शिव-भक्तों का कल्याण करें, जो अमृत पीते हैं उन्हें देव कहते हैं, और जो विष को पीते हैं उन्हें देवों के देव महादेव कहते हैं, भगवान् भोलेनाथ आपकी सारी मनोकामनायें पूर्ण करें।
21 फरवरी 2020 , फाल्गुन कृष्ण 13 —-
क्या है शिवरात्रि और महाशिवरात्रि?
यूं तो शिव की उपासना के लिए सप्ताह के सभी दिन अच्छे हैं, फिर भी सोमवार को शिव का प्रतीकात्मक दिन कहा गया है। इस दिन शिव की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। सोमवार चंद्र से जुड़ा हुआ दिन है। शैव पंथ में चंद्र के आधार पर ही सभी व्रत और त्योहार आते हैं।
हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि कहते हैं। लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी पर पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है, जिसे बड़े ही हषोर्ल्लास और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
शिवरात्रि बोधोत्सव है। ऐसा महोत्सव, जिसमें अपना बोध होता है कि हम भी शिव का अंश हैं, उनके संरक्षण में हैं। माना जाता है कि सृष्टि की शुरुआत में इसी दिन आधी रात में भगवान शिव का निराकार से साकार रूप में (ब्रह्म से रुद्र के रूप में) अवतरण हुआ था। ईशान संहिता में बताया गया है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात आदि देव भगवान श्रीशिव करोड़ों सूर्यों के समान प्रभा वाले लिंगरूप में प्रकट हुए।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि में चंदमा सूर्य के नजदीक होता है। उसी समय जीवनरूपी चंद्रमा का शिवरूपी सूर्य के साथ योग-मिलन होता है। इसलिए इस चतुर्दशी को शिवपूजा करने का विधान है।
प्रलय की बेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से भस्म कर देते हैं। इसलिए इसे महाशिवरात्रि या जलरात्रि भी कहा गया है। इस दिन भगवान शंकर की शादी भी हुई थी। इसलिए रात में शंकर की बारात निकाली जाती है। रात में पूजा कर फलाहार किया जाता है। अगले दिन सवेरे जौ, तिल, खीर और बेल पत्र का हवन करके व्रत समाप्त किया जाता है।
🐑 *_मेष राशि आज आपका काम मन-मुताबिक होगा। मित्रों के साथ किसी खास विषय पर बातचीत होगी, जिससे आपको फायदा होगा। किसी भी काम को करने में मन अधिक लगेगा। दाम्पत्य जीवन मधुरता बढ़ेगी। करोबारीओं को कुछ अच्छे अवसर मिलेंगे। आज खुद को शांत बनाये रखेंगे। आज आपको नया अनुभव मिलेगा। कोई रचनात्मक काम आपके दिमाग में आ सकता है। छात्रों को परिक्षा में सफलता मिलेगी। लक्ष्मी जी के सामने घी का दीपक जलाएं, आपके धन में बढ़ोतरी होगी।_*
🐂 *_वृष राशि आज आप खुद को एनर्जी से भरा महसूस करेंगे। आप जिस काम को करेंगे, वो समय से पहले पूरा हो जायेगा। इस राशि के इंजीनीयर्स अपने अनुभव का प्रयोग सही दिशा में करेंगे। किसी जरूरी काम में जीवनसाथी की सलाह लेना फायदेमंद रहेगा। प्राइवेट जॉब करने वाले लोगों के लिए आज का दिन फायदेमंद है। अधिकारियों से खास मामलों पर बातचीत होगी। सोचे हुए सभी काम समय पर पूरे होंगे। आपके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी। कन्या के पैर छूकर आशीर्वाद लें, काम में सफलता मिलेगी।_*
👨❤️👨 *_मिथुन राशि आज थोड़ी सी मेहनत से बड़ा मुनाफा मिलेगा। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। रूका हुआ काम अगर फिर से शुरू करेंगे, तो फायदा हो सकता है। जीवनसाथी के साथ घूमने जा सकते है। इस राशि के कंप्यूटरस्टूडेंट्स के लिए आज का दिन बेहतर है। आप जितनी मेहनत करेंगे, आपको उतने ही बढ़िया नतीजे भी मिलेंगे। कुछ स्थितियां आपके फेवर में होंगी। किसी जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करके आपको काफी अच्छा महसूस होगा। चिड़ियों को दाना डालें, पूरे दिन मन प्रसन्न रहेगा।_*
🦀 *_कर्क राशि आज आपका दिन सामान्य रहेगा। अधिकारियों के साथ आपको अपने व्यवहार में थोड़ी सावधानी रखनी चाहिए। आज धन लाभ होने के अवसर बन रहे है। आपको परिवार के किसी काम से यात्रा करना पढेगी। किसी ऐसे पुराने मित्र से मुलाकात होगी, जिससे आपको भविष्य में बड़े फायदे होंगे। दिनभरके कामों से आलस्य महसूस होगा। पूराने विवाद भी सामने सकता हैं, आपको उनसे बचना चाहिए। माता दुर्गा की धूप, दीप से पूजा करें, कार्यक्षेत्र में सफलतामिलेगी।_*
🦁 *_सिंह राशि आज आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। इस राशि के स्टूडेंट्स को आज कड़ी मेहनत करने की जरुरत है। किसी भी काम को शुरूआत करने से पहले जीवनसाथी से सलाह लेना अच्छा रहेगा। आपको कहीं लंबी यात्रा पर जाना पड़ेगा। कुछ मामलों में आप अपनी बातों को कॉन्फिडेंट से नहीं कह पायेंगे। आपका मन पूजा-पाठ में अधिक लगेगा। आज कोई नया दोस्त बनेगा। किसी कठिन परिस्थिति में आपको पड़ोसियों से मदद मिलेगी। माता-पिता का आशीर्वाद ले, पारिवारिक रिश्ते बेहतर होंगे।_*
👰🏻 *_कन्या राशि आज आपका मन आध्यात्म के प्रति अधिक रहेगा। परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान पर दर्शन के लिए जायेंगे। ऑफिस में किसी काम को लेकर आपकी तारीफ़ होगी। इस राशि के विवाहितों के लिए आज का दिन काफी अच्छा है। रचनात्मक काम से आपको धन लाभ होगा। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। परिवार वालों का साथ मिलेगा। किसी काम में थोड़ी सी कोशिश करने से ही किस्मत का पूरा-पूरा सहयोग मिलेगा। परिवार के साथ बेहतर समय बितायेंगे। आज के दिन माँ दुर्गा को लाल चुनरी चढ़ाएं, करियर में और आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे।_*
⚖️ *_तुला राशि आज आपका दिन अनुकूल रहेगा। इस राशि के लवमेट वालों के लिए आज का दिन बेहतर रहेगा। जरूरतमंद मित्रों की तरफ आप मदद का हाथ बढ़ायेंगे। आज आपकी आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। छात्रों को अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है। सारे काम आपके इच्छा अनुसार होने में परेशानी आ सकती है। अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए नये कदम उठायेंगें। किसी काम में अनुमान से ज्यादा ही मेहनत और समय लगेगा। बेडरूम में अपने बैड के पास एक लव बर्ड का स्टेचू रखने से, जीवनसाथी से बड़ रही अन बन दूर होंगी और रिश्तों में मधुरता आयेंगी।_*
🦂 *_वृश्चिक राशि आज आपका दिन पहले की अपेक्षा अच्छा रहेगा। आज ऑफिस में बड़े अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। आमदनी में इज़ाफ़ा होने के आसार नज़र आ रहे हैं। पूरे दिन खुद को तरोताज़ा महसूस करेंगे। इस राशि के राजनीति से जुड़े लोगों के लिये आज विदेश दौरे के चांस बन रहे हैं। घर परिवार का वातावरण शांतिदायक रहेगा। आध्यात्मिकता की ओर आपका रुझान रहेगा। जीवनसाथी के साथ कहीं हील स्टेशन पर घूमने की प्लांनिग करेंगे। जरुरतमंद को वस्त्र दान करें, जीवन में सभी लोगों का सहयोग मिलता रहेगा।_*
🏹 *_धनु राशि आज आपका दिन फेवरेबल रहेगा। आज आप परिवार वालों के साथ बेहतर समय बिताएंगे। इस राशि के जो लोग मार्केटिंग से जुड़े हुए हैं, उन्हें आज तरक्की के कई सुनहरे मौके मिलेंगे। किसी बड़े बुजुर्ग की मदद करने से मन को राहत महसूस होगी। कार्यक्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने में सक्षम रहेंगे। आपका खुशनुमा व्यवहार घर में रौनक का माहौल बना देगा। करियर में नए आयाम स्थापित करेंगे। आर्थिक मामलों में लाभ मिलेगा। माँ लक्ष्मी को सफेद पुष्प चढ़ाएं, आपकी सभी समस्याओं का समाधान निकलेगा।_*
🐊 *_मकर राशि आज आपका दिन मिला-जुला रहेगा। कोर्ट-कचहरी के मामलों में अड़चने आ सकती हैं। आप थोड़ी थकान महसूस कर सकते हैं। आप जो भी कार्य करने की सोचेंगे, उसे लेकर पॉज़िटिव नज़रिया रखने से सब काम अच्छे से होंगे। कामकाज की अधिकता सेहत पर असर डाल सकती है। ऑफिस के काम में सीनियर्स की हेल्प से रूके हुए काम पूरे होंगे। किसी रिश्तेदार के आने की खुशी में घर का माहौल पार्टी जैसा बना रहेगा। माँ दूर्गा को नारियल अर्पित करें, स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा।_*
⚱️ *_कुंभ राशि आज आपका दिन शानदार रहेगा। लोगों का विश्वास आप पर बना रहेगा। इस राशि के हाई एजुकेशन पाने की ख्वाहिश रखने वाले स्टूडेंट्स के लिये आज का दिन अनुकूल है। बच्चों की तरफ से शुभ समाचार मिलेगा। घर का माहौल खुशनुमा बना रहेगा। दाम्पत्य जीवन में आपसी सामंजस्य उत्तम रहेगा। रोजमर्रा के कामों से फायदा होगा। कारोबार में रूका हुआ पैसा वापस मिलेगा। नियमित कामकाज में आपका मन लगेगा। नए लोगों से मुलाकात भविष्य के लिए लाभदायक होगी। चींटियों को आटा डालें, रोके हुए कार्य पूरे होंगे।_*
🐬 *_मीन राशि आज आपका दिन अच्छा रहेगा। इस राशि के नौकरीपेशा लोगों के लिए अच्छे ऑफर्स आने के योग बन रहे हैं। घर में खुशी का माहौल बनेगा। संतान पक्ष से आज आपको खुशी मिलेगी। आप अपनी बेहतर सोच से हालात को संभालने में सफल रहेंगे। जीवनसाथी के साथ आज आपका तालमेल बढ़िया रहेगा। आपको व्यापार में मुनाफा होगा। ऑफिस में किसी सहकर्मी से आपकी अच्छी दोस्ती हो सकती है। मंदिर में दही का दान करें, बिजनेस में मुनाफा होगा।
शिवरात्रि, एक ऐसी रात्रि हैं, जहाँ सिर्फ जल और बिल्वपत्र से ही भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता हैं। अगर इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाए तो भगवान शिव की विशेष अनुकम्पा प्राप्त होती हैं।
आइए जानें किस राशि वालो को किस द्रव्य से अभिषेक करना चाहिए।
मेष, वृश्चिक* राशि वाले अष्टगंध मिश्रित जल से अभिषेक करें
*वृषभ और तुला* वाले दूध मिश्रित जल से
*मिथुन और कन्या* वाले शक्कर मिले जल से
*कर्क* वाले दूध से
*सिंह* वाले जल में चन्दन मिला कर
*धनु और मीन* वाले जल में कुशा डाल कर
*मकर और कुम्भ* वाले शिव जी पर तिल चढ़ा कर अभिषेक करें।
इन द्रव्यों से अभिषेक करने से राशि पर आने वाले सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
साथ ही जानिए किस कामना पूर्ति के लिए किस द्रव्य से अभिषेक करें
*आरोग्यता और मानसिक शांति* के लिए जल से
*लक्ष्मी प्राप्ति* के लिए गन्ने के रस से
*संतान प्राप्ति* के लिए गाय का दूध
*पापों के नाश* के लिए शहद से
*शत्रु नाश* के लिए सरसो का तेल
*पितर दोष* के लिए दूध में तिल मिला कर
अभिषेक करते समय ॐ नमः शिवाय का मानसिक जाप अवश्य करें साथ ही जो ब्राह्मण मंत्रो का पाठ कर रहा है उसे भी मनोयोग से सुनते रहें।
👉🏼 *_फाल्गुन कृष्ण पक्ष की उदया तिथि त्रयोदशी और शुक्रवार का दिन है| त्रयोदशी तिथि शाम 5 बजकर 22 मिनट तक ही रहेगी | उसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी और प्रत्येक वर्ष की फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव को अत्यंत ही प्रिय महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है | वैसे तो पूरे साल की प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शंकर को समर्पित मास शिवरात्रि का व्रत किया जाता हैं | लेकिन वर्षभर में की जाने वाली सभी शिवरात्रियों में से फाल्गुन कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व है।_*
🔱 *_उन खास शिव मंत्रों की, जिनका जाप महाशिवरात्रि के दिन करने से आपकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी, आपकी दिनों-दिन तरक्की होगी और आपकी सभी समस्याओं का हल निकलेगा पंडित कृषण मेहता से जानें विभिन्न राशि वालों को आज के दिन किस विशेष मंत्र का जाप करना चाहिए |
🐑 *_मेष राशि आज के दिन आपको भगवान शिव के इस मंत्र का जप करना चाहिए । मंत्र है -_*
*_‘ऊँ शं विश्वरूपाय अनादि अनामय शं ऊँ’_*
*_साथ ही आज के दिन आपको शिव मन्दिर जाकर पहले शिवलिंग पर जलाभिषेक करना चाहिए और फिर चन्दन का लेप लगाना चाहिए । आज के दिन ऐसा करने से आपके जीवन में खुशियां बनी रहेंगी |_*
🐂 *_वृष राशि आज के दिन आपको शिवजी के अघोर मंत्र का जप करना चाहिए । मंत्र है-_*
*_‘ऊँ अघोरेभ्यो अथघोरेभ्यो, घोर घोर तरेभ्यः’_*
*_सर्वेभ्यो सर्व शर्वेभ्यो, नमस्ते अस्तु रूद्ररूपेभ्यः’_*
*_साथ ही आज के दिन आपको दूध से हवन करना चाहिए । आज के दिन ऐसा करने से आपको मानसिक रूप से शांति मिलेगी ।_*
👨❤️👨 *_मिथुन राशि आज के दिन आपको शिवजी के इस मंत्र का जप करना चाहिए । मंत्र है -_*
*_‘ऊँ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ऊँ’_*
*_साथ ही आज के दिन आपको दूध चावल से बनी खीर से हवन करना चाहिए । आज के दिन ऐसा करने से आपको समाज में भरपूर यश, कीर्ति और सम्मान मिलेगा_*
🦀 *_कर्क राशि आज के दिन आपको भगवान शिव के इस विशेष मंत्र का जप करना चाहिए । मंत्र है -_*
*_‘ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं आं शं शंकराय मम सकल जन्मांतरार्जित पाप विध्वंसनाय श्रीमते_*
*_आयुःप्रदाय, धनदाय, पुत्रदारादि सौख्य प्रदाय महेश्वराय ते नमः कष्टं घोर भयं वारय_*
*_वारय पूर्णायुः वितर वितर मध्ये मा खण्डितं कुरु कुरु सर्वान् कामान् पूरय पूरय शं आं_*
*_क्लीं ह्रीं ऐं ऊँ सम संख्याम सावित्रीम् जपेत्-_*
*_ॐ तत्पुरुषाय च विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र प्रचोदयात’_*
*_साथ ही आज के दिन आपको दही से हवन करना चाहिए । आज के दिन ऐसा करने से आप विवादों से और षडयंत्र रचने वाले लोगों से बचे रहेंगे ।_*
🦁 *_सिंह राशि आज के दिन आपको शिवजी के इस मंत्र का जप करना चाहिए । मंत्र है –_*
*_‘ऊँ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊँ नमः’_*
*_साथ ही आज के दिन आपको तिल से हवन करना चाहिए और बेल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए । आज के दिन ऐसा करने से शिव जी के आशीर्वाद से आपके काम आसानी से और समय रहते जरूर पूरे होंगे ।_*
👰🏻 *_कन्या राशि आज के दिन आपको शिवजी के इस मंत्र का जप करना चाहिए । मंत्र है -_*
*_‘ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय’_*
*_साथ ही आज के दिन आपको शिवलिंग पर एक मुट्ठी बेर चढ़ाने चाहिए । आज के दिन ऐसा करने से आपके बच्चे करियर में खूब आगे बढ़ेंगे ।_*
⚖️ *_तुला राशि आज के दिन आपको शिवजी के त्र्यम्बक मंत्र का जप करना चाहिए ।_*
*_मंत्र है – ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्_*
*_उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’_*
*_साथ ही आज के दिन आपको दूध और घी के साथ अन्न से होम करना चाहिए । आज के दिन ऐसा करने से आपको निश्चित तौर पर राजनीति के क्षेत्र में सफलता मिलेगी ।_*
🦂 *_वृश्चिक राशि आज के दिन आपको शिवजी के इस मंत्र का जप करना चाहिए । मंत्र है -_*
*_‘ऊँ शिवाय नमः ऊँ’_*
*_साथ ही आज के दिन आपको शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए और साथ ही बेल के तने पर थोड़ा-सा घी चढ़ाना चाहिए । आज के दिन ऐसा करने से आपका वैवाहिक जीवन खुशहाल रहेगा ।_*
🏹 *_धनु राशि आज के दिन आपको शिव जी के इस मंत्र का जप करना चाहिए । मंत्र है -_*
*_‘निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं_*
*_चिदाकाश माकाश वासं भजेऽहं’_*
*_साथ ही आज के दिन आपको सुबह स्नान आदि के बाद भगवान शंकर के साथ ही माता पार्वती की भी पूजा करनी चाहिए और मन्दिर में नारियल चढ़ाना चाहिए । आज के दिन ऐसा करने से आपको जल्द ही कोई अच्छा रिश्ता मिलेगा ।_*
🐊 *_मकर राशि आज के दिन आपको शिवजी के इस मंत्र का जप करना चाहिए । मंत्र है –_*
*_‘नमामिशमीशान निर्वाण रूपं_*
*_विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं’_*
*_साथ ही अगर आप ऑफिस में अधिकारियों के साथ अच्छे रिलेशन बनाना चाहते हैं, तो आज के दिन आपको बालू, राख, गोबर, गुड़ और मक्खन मिलाकर एक छोटा-सा शिवलिंग बनाना चाहिए और उसकी विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए और पूजा के बाद पूरा दिन सारी चीज़ों को यथास्थान पर रखा रहने दें और अगले दिन शिवलिंग समेत उपयोग की गई सारी चीज़ों को किसी जलाश्य या तालाब में प्रवाहित कर दें । आज के दिन ऐसा करने से ऑफिस में अधिकारियों के साथ आपके अच्छे रिलेशन बनेंगे।_*
⚱️ *_कुंभ राशि आज के दिन आपको शिवजी के इस मंत्र का जप करना चाहिए । मंत्र है – ‘ऊँ शं शिवाय शं ऊँ नमः’ साथ ही आज के दिन आपको मंत्र जप के साथ ही बेलफल से हवन भी करना चाहिये । आज के दिन ऐसा करने से आपको खूब धन-सम्पत्ति मिलेगी ।_*
🐬 *_मीन राशि आज के दिन आपको शिव जी के इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है – ‘ऊँ शं भवोद्भवाय शं ऊँ नमः’ साथ ही अगर आप अपने घर पर आई किसी मुसीबत को दूर करना चाहते हैं, तो आजशाम को दिन ढलने के बाद आपको शिव मन्दिर जाकर दीपदान करना चाहिए । आज के दिन ऐसा करने से जल्द ही आपको घर पर आई मुसीबत से छुटकारा मिलेगा।_*
*शिव ध्यान मंत्र व अर्थ-
ध्याये नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारूचंद्रां वतंसं।
रत्नाकल्पोज्ज्वलांगं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम।।
पद्मासीनं समंतात् स्तुततममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं।
विश्वाद्यं विश्वबद्यं निखिलभय हरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम्।।
पञ्चमुखी, त्रिनेत्रधारी, चांदी की तरह तेजोमयी, चंद्र को सिर पर धारण करने वाले, जिनके अंग-अंग रत्न-आभूषणों से दमक रहे हैं, चार हाथों में परशु, मृग, वर और अभय मुद्रा है। मुखमण्डल पर आनंद प्रकट होता है, पद्मासन पर विराजित हैं, सारे देव, जिनकी वंदना करते हैं, बाघ की खाल धारण करने वाले ऐसे सृष्टि के मूल, रचनाकार महेश्वर का मैं ध्यान करता हूं।
शिव स्तुति :
शीश गंग अर्धंग पार्वती,सदा विराजत कैलासी।
नंदी भृंगी नृत्य करत हैं,धरत ध्यान सुर सुखरासी॥
शीतल मन्द सुगन्ध पवन बह,बैठे हैं शिव अविनाशी।
करत गान-गन्धर्व सप्त स्वर, राग रागिनी मधुरासी॥
यक्ष-रक्ष-भैरव जहँ डोलत,बोलत हैं वनके वासी।
कोयल शब्द सुनावत सुन्दर,भ्रमर करत हैं गुंजा-सी॥
कल्पद्रुम अरु पारिजात तरु, लाग रहे हैं लक्षासी।
कामधेनु कोटिन जहँ डोलत, करत दुग्ध की वर्षा-सी॥
सूर्यकान्त सम पर्वत शोभित, चन्द्रकान्त सम हिमराशी।
नित्य छहों ऋतु रहत सुशोभित, सेवत सदा प्रकृति दासी॥
ऋषि मुनि देव दनुज नित सेवत, गान करत श्रुति गुणराशी।
ब्रह्मा, विष्णु निहारत निसिदिन, कछु शिव हमकूँ फरमासी॥
ऋद्धि-सिद्धि के दाता शंकर, नित सत् चित् आनन्दराशी।
जिनके सुमिरत ही कट जाती, कठिन काल यमकी फांसी॥
त्रिशूलधरजी का नाम निरन्तर, प्रेम सहित जो नर गासी।
दूर होय विपदा उस नर की, जन्म-जन्म शिवपद पासी॥
कैलासी काशी के वासी, अविनाशी मेरी सुध लीजो।
सेवक जान सदा चरनन को, अपनो जान कृपा कीजो॥
तुम तो प्रभुजी सदा दयामय, अवगुण मेरे सब ढकियो।
सब अपराध क्षमाकर शंकर, किंकर की विनती सुनियो॥
शीश गंग अर्धंग पार्वती, सदा विराजत कैलासी।
नंदी भृंगी नृत्य करत हैं, धरत ध्यान सुर सुखरासी॥
ओम नमः शिवाय | ओम नमः शिवाय | ओम नमः शिवाय