चंडीगढ़ : 31 जनवरी :आरके शर्मा विक्रमा :—मां तो मां है मां लाख जद्दोजहद कर कर भी अपनी संतान के उज्जवल भविष्य के लिए अपने आप को न्योछावर कर देती है ।यह संतान ही है जो अपनी मां को लाख बुरा बताकर झाड़ कर डांट कर अपमानित करके खुद को बड़ा समझती है। और मां है वह फिर भी उसी के ही गुणगान गाती है उसके अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छे कल के लिए दर्द पीड़ा सहकर भी दुआएं करती है।
मां की महिमा गुरु की महिमा से भी अपरंपार है। मां का ऋण तो भगवान भी अनेकों अवतार लेकर चुकता नहीं कर सके। फिर आजकल की संतान का तो कहना ही क्या है। सोशल मीडिया पर और कुछ अखबारों में एक खबर बहुत ही दिलचस्पी से लोगों ने पड़ी है इस खबर ने सबको कुछ ना कुछ सोचने पर तो विवश किया ही है।भले ही उस पर गंभीरता से विचार मंथन नहीं कर रहे हैं।
इस फोटो में साड़ी पहने एक सामान्य से दिखने वाली महिला के अगल-बगल में तीन अधिकारी जिनमें जिला कलेक्टर महेंद्र कुमार रेलवे के इंजीनियर और एक एमडी डॉक्टर बैठे दिखाई दे रहे हैं ।ये फोटो उस महिला की सेवानिवृत्ति की जलपान पार्टी का है तीनों अधिकारी इसी महिला के बेटे हैं ।जो समाज में प्रतिष्ठा वाले पदों पर आसीन हैं। खूब ख्याति है। धन धान्य की कमी नहीं है। फुले नहीं समा रहे हैं,अपनी मां की रिटायरमेंट पार्टी में शिरकत करते हुए। और मां भोली सी सूरत वही सादगी और सबको धन्यवाद करती हुई सबके लिए मंगलकामनाएं कर रही हैं। यह महिला सरकारी दफ्तर में झाड़ू लगाने का रोजगार पाए हुई थी जिससे उसकी रिटायरमेंट हो रही है ।और इसके साथ के कर्मचारी भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। झाडू थामे सफाई नौकरी को कामयाबी पूर्वक निभाते हुए उसी आमदन से अपने तीनों संतानों को उच्च पदों पर आसीन करवाने के लिए उन्हें बेहतरीन,महंगी शिक्षा अपने कर्मठ और निष्ठावान कर्म व तप से पूर्ण करवााई । मां को रिटायरमेंट के बाद भी अपने जीवन यापन के लिए अपनी तीन संतानों अधिकारी पुत्रों की ओर देखने तक की भी आवश्यकता नहीं है। वह अपना जीवन यापन बखूबी अपनी पेंशन से कर सकती हैं। और अपने दिनचर्या के कार्य खुद निपटा सकती हैं। यह मां, यह झाड़ू सफाई कर्मी समाज के लिए और सफाई कर्मचारियों के लिए ही नहीं बल्कि सभी लोगों के लिए अभिन्न उदाहरण है।
अल्फा न्यूज़ इंडिया इस जुझारू मां को और कर्मशील सफाई महिला कर्मचारी को नमन करता है और उम्मीद करता है कि सभी लोग ऐसे उदाहरणों से सबल प्रेरणा लेंगे।