चंडीगढ़ : 26 मई : अल्फा न्यूज इंडिया डेस्क :—दिवंगत पूर्व प्रधान सुरेंद्र_सिंह का 21 वर्षीय बेटा अभय नवनिर्वाचित सांसद स्मृति ईरानी को देख रो पड़ा तो उन्होंने उसे खुद से चिपका लिया। उसका हाथ अपने सिर पर रखकर कहा, ‘कसम खाओ मेरी कि तुम कुछ गलत नहीं करोगे’। बोलीं, तुमने अपने पापा को और हमने अपना भाई खोया है। इतना सुन वहां खड़ा हर शख्स सन्न रह गया। स्मृति अभय का हाथ पकड़ घर से बाहर आईं और कहा आओ कांधा देते हैं। एक तरफ स्मृति ने अर्थी में कांधा लगाया तो दूसरी ओर बेटे अभय ने। पिता के गम में सुधबुध बेटा कुछ कदम चलकर लड़खड़ाया तो भाजपा के दूसरे बड़े नेताओं ने अर्थी थाम ली।
स्मृति ने घर से श्मशान तक अपने चहेते भाई की अर्थी को उठाए रखा। तीन सौ मीटर की दूरी और हजारों की भीड़, तमाम लोगों ने कहा दीदी हटो हम पकड़ते हैं, लेकिन बिना कुछ बोले अर्थी थामे स्मृति चुपचाप श्मशान की ओर बढ़ती रहीं। उन्होंने अर्थी को हिंदू रीति रिवाज के अनुसार रास्ते में पांच जगह जमीन पर रखा और उठाया और अंतिम बार चिता के करीब ही उसे छोड़ा।
आज से मैं ही आपका बेटा हूं मां😢
अपने सबसे प्यारे कार्यकर्ता से अंतिम बार मिलने के बाद जब स्मृति घर के अंदर पहुंचीं तो सुरेंद्र की मां की गोद में अपना सिर रख दिया और कहा आज से मैं ही आपका बेटा हूं मां। बड़े भाई नरेंद्र के चरणों में शीश झुकाकर बहन होने का अहसास कराया तो दिवंगत कार्यकर्ता की पत्नी को बाहों में भर अपनत्व का मरहम लगाने की कोशिश की। शादीशुदा बेटी पूजा व प्रतिमा के सिर पर अपना हाथ फेरा और कहा हर पल साथ रहेगी तेरे पापा की दीदी।