चंडीगढ़ ; 17 मई ; आरके शर्मा विक्रमा ;—– बुरे वक़्त में साया भी साथ छोड़ जाता है फिर भला स्मृति ईरानी और सन्नी दियोल ठहरे उनकी क्या बिसात ! चुनाव की हवा अंतिम पड़ाव की और बढ़ रही है और 19 मई को थमेगी ! किस ने जनता और वोटरों का कितना प्यार दुलार और विश्वास हासिल किया कितना अपनापन कमाया है सब 23 मई को जगजाहिर हो जायेगा ! लेकिन चंडीगढ़ की इकलौती सीट की भाजपा नेत्री और बालीबुड अदाकारा तेवरों को और शाही ठाठ के फ्लेवर्स को चुनाव में विनती की जरूरत तक भी नहीं डिगा पाई है ! दूसरी और उनके पति बालीबुड के संभ्रांत अभिनेता अनुपम खेर अपने आदर्श पति होने के हर फर्ज के पायदान पर बड़ी मजबूती से खड़े नजर आ रहे हैं ! हालाँकि आधिकारिक घोषणा के बाद संतिति ईरानी और सन्नी दियोल ने किरण खेर के लिए चुनाव प्रचार से कन्नी काट ली पर खबर लिखे जाने तक कोई प्रतिक्रिया हस्तगत नहीं हुई है ! यानि किरण की किश्ती को सिर्फ अनुपम खेर ही खेवनहार बन कर पार लगाएंगे ! मोदी आये अमित शाह भी चले गए पर पैतरा सब का रुखा ही रहा किरण के प्रति ! जैसे कथित तौर पर किरण का व्यवहार स्थानीय बुजुर्गों और युवाओं के लिए रुखा और रूढ़ कहा जाता है ! चंडीगढ़ की सोहनी महिलाएं मोदी को जितवाने की प्रबल चाहत रखती हैं पर किरण खेर के प्रति शत प्रतिशत उदासीन हैं ! बजह सब जानते हैं किरण जानती है अब तो अनुपम खेर ने बीबी का मृदुल व्यवहार का परिणाम जनता की आँखों में खुद भी पढ़ लिए हैं ! मोदी ने रैली और विजय संकल्प रैली में 38 मिंट के भाषण में भूले से किरण खेर का नाम तक लिया ही नहीं ! उम्मीद बनी रही कि ये कमी इकाई अध्यक्ष संजय टंडन दूर करेंगे ! हजारों की भीड़ को हैरानी हुई जब संजय टण्डन ने भी किरण खेर का इक मर्तबा भी जिक्र नहीं किया ! यानि उनको किसी से अपने शब्दों के जरिये रूबरू और वाकिफ तक न करवाया ! तब शायद किरनखेर को अपने राजनीती के बड़े भाई हरमोहन धवन की जरूर याद तजा हुई होगी जिन्होंने किरनखेर को पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में अपने बलंबुते पर जितवा कर ये सीट मोदी की झोली में डाली थी ! लेकिन हरमोहन धवन को इस का अच्छा खासा इनाम मिला और आज वह आम आदमी पार्टी के टिकट पर खुद किरनखेर को टक्कर दे रहे ! पिछले चुनाव में हरमोहन धवन ने हर किसी वोटर और नागरिक से किरनखेर को आप[नई छोटी बहिन कह कर बतला कर मिलवाया था और उनके लिए झोली थे और वोटर्स ने उनको निराश भी नहीं किया था ! बालीबुड के और सितारे अब चंडीगढ़ खेर के हक में आएंगे उम्मीद खत्म ही समझो ! को बकौल हरमोहन धवन दूजे तीजे पायदान तक खींच ले जाएगी ! कांग्रेस को अपना ही साया साथ नहीं दे रहा है ! आजाद उम्मीदवार चंडीगढ़ में अपनी कितनी अहमियत रखते हैं ये नीले नोट और बोतल दो वोट लो के आधार निर्धारित करते हैं ! ये जनता सब चर्चे छेड़ कर चटखारे ले रही है !