अमनीत पी. कुमार की दो टूक डीजीपी शत्रुजीत कपूर को हटाओ पोस्टमार्टम तभी होने देंगे आईपीएस अधिकारी का सुसाइड मामला

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चंडीगढ़ 13 अक्तूबर 2025 अल्फा न्यूज इंडिया प्रस्तुति—हरियाणा राज्य के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले ने पूरे राज्य के प्रशासनिक ढांचे को हिला दिया है। घटना को छह दिन बीत चुके हैं, मगर अब तक अधिकारी का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है। दिवंगत अधिकारी की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने साफ कहा है कि जब तक हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को हटाया नहीं जाता, तब तक पोस्टमार्टम नहीं होने दिया जाएगा.पोस्टमार्टम को लेकर टकराव जारीपूरन कुमार के शव को पहले चंडीगढ़ के GMSH-16 अस्पताल में रखा गया था, जिसे बाद में PGIMER ले जाया गया। लेकिन परिवार ने यह आरोप लगाया कि उन्हें इस बारे में पूर्व सूचना नहीं दी गई। परिजनों का कहना है कि पोस्टमार्टम तभी कराया जाएगा जब पूरी प्रक्रिया में मैजिस्ट्रेट, फॉरेंसिक व बॉलिस्टिक विशेषज्ञों की मौजूदगी सुनिश्चित की जाएगी।अमनीत पी. कुमार का आरोप है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि “संस्थागत हत्या” है। उन्होंने कहा कि उनके पति पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार मानसिक प्रताड़ना, जातिगत भेदभाव और अपमानजनक व्यवहार किया गया।परिवार के समर्थन में प्रशासनिक हलचलहरियाणा आईएएस एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर अमनीत कुमार के आरोपों की निष्पक्ष जांच और संस्थागत सुधारों की मांग की है। वहीं, पुलिस विभाग में भी भारी असंतोष पनप रहा है।रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरानिया, जिनका नाम पूरन कुमार के सुसाइड नोट में उल्लेखित बताया जा रहा है, को सरकार ने तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दबाव में सरकारचंडीगढ़ में 31 सदस्यीय समिति ने रविवार को सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। समिति ने कहा है कि अगर डीजीपी शत्रुजीत कपूर को हटाया नहीं गया, तो हरियाणा भर में प्रशासनिक ठप आंदोलन शुरू किया जाएगा।कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने भी डीजीपी की गिरफ्तारी और निलंबन की मांग उठाई है। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि “यह प्रशासनिक नहीं, बल्कि नैतिक जिम्मेदारी का मामला है — जिस पर मुख्यमंत्री को तुरंत निर्णय लेना चाहिए।”SIT जांच गठित, SC/ST एक्ट की धाराएँ जोड़ी गईंहरियाणा पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित की है। एफआईआर में अब एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की गंभीर धाराएँ भी जोड़ी गई हैं। परिवार की सहमति के बिना पोस्टमार्टम न होने के कारण पुलिस और प्रशासन फिलहाल संवेदनशील इंतज़ार की स्थिति में हैं।पृष्ठभूमि7 अक्तूबर को हरियाणा पुलिस के एडीजी रैंक अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने चंडीगढ़ स्थित आवास पर अपनी सर्विस पिस्तौल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। घटनास्थल से मिले नोट में उन्होंने लिखा था कि “विभागीय उच्च अधिकारियों द्वारा मानसिक उत्पीड़न और जातिगत अपमान” झेलते-झेलते वे टूट गए।.साभार भारत सारथी.

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