डॉ की लिखी दवाई पर्ची वैज्ञानिक भी नहीं पढ़ पाएं पर फार्मासिस्ट झटपट– वैद्य कौशल

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चंडीगढ़ 06.09.2025 आरके विक्रमा शर्मा हरीश शर्मा अनिल शारदा अश्विनी शर्मा रक्षत शर्मा प्रस्तुति—-आइये डाक्टर का उनकी पर्ची पर लिखे हुए को समझें:
Common Abbreviations जरुर पढ़ें…

Rx = Treatment.

Hx = History

Dx = Diagnosis

q = Every

qd = Every day

qod = Every other day

qh = Every Hour

S = without

SS = One half

C = With

SOS = If needed

AC = Before Meals

PC = After meals

BD = Twice a Day

TDS = Thrice a Day

QD = Four times a day

OD = Once a Day

BT = Bed Time

hs = Bed Time

BBF = Before Breakfast

BD = Before Dinner

TW = Twice a week

SQ = sub cutaneous

IM = Intramuscular

ID = Intradermal

IV = Intravenous

QAM = (every morning)

QPM (every night)

Q4H = (every 4 hours)

QOD = (every other day)

HS = (at bedtime)

PRN = (as needed)

PO or “per os” (by mouth)

AC (before meals)

PC = (after meals)

Mg = (milligrams)

Mcg/ug = (micrograms)

G or Gm = (grams)

1TSF (Teaspoon) = 5 ml

1 Tablespoonful =15ml

Kindly Share this Useful Information With
Everyone….

अपने दवाई के बिल पर बचत करने के लिये आप नीचे लिखे आसान तरीके से शुरुआत कर सकते हैं :-

  1. HEALTHKART PLUS software को अपने ANDROID फोन में Download करें !
  2. दवाई का नाम ढूँढे !
  3. अपनी दवाई का नाम जो आप इस्तेमाल कर रहे हैं लिखे (जैसे Pfizer कंपनी की गोली Lyrica 75 mg) !
  4. ये आपको दवाई का नाम, कंपनी, कीमत और दवाई की संरचना दिखायेगा !
  5. ध्यान रहे अब आपको “SUBSTITUTE” पर click करना है !
  6. आश्चर्य ना करें ये देख कर कि दूसरी प्रतिष्ठित कंपनी की यही दवाई बहुत ही कम कीमत पर उपलब्ध है !
    उदाहरण के लिये – Lyrica दवाई का 14 गोलियों का एक पत्ता Pfizer कंपनी का 768.56 रु. का है यानी एक गोली की कीमत 54,89 रू. हुई !
    जबकि इसी दवाई का 10 गोलियों का पत्ता Cipla (Prebaxe) कंपनी का सिर्फ 59 रू. (एक गोली की कीमत 5.90 रु.) में उपलब्ध है!

कृपया इसे बिना आगे भेजे या साझा किये ना मिटायें ! अपने सभी जानने वालों को भेजें !

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिये गये इस लाभ को सभी तक पहुंचाने की इस मुहीम को आगे बढायें और सफल बनायें !

ये दवाई कंपनी की बहुत बडी सोची समझी साज़िश है कि जेनेरिक दवाइयों को रोका जाये !

लेकिन कोर्ट ने जनहित व दवाइयों की जरुरत को ध्यान में रखा !

नेचुरोपैथ कौशल

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