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चंडीगढ़ 11/6/25 आरके विक्रमा शर्मा अनिल शारदा प्रस्तुति —जब CBSE बोर्ड ने कक्षा 10वीं का रिजल्ट घोषित किया, तो पूरे देश की नज़र एक नाम पर जा टिकी — सृष्टि शर्मा। वजह भी कुछ ऐसी थी जिसे कोई नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता था — 500 में से पूरे 500 अंक, एकदम परफेक्ट स्कोर! जिस दिन लाखों छात्र अपने रिजल्ट से जूझ रहे थे, उस दिन सृष्टि ने इतिहास रच दिया।

ये सिर्फ अंक नहीं थे, ये उन रातों की जागी मेहनत, हर टेस्ट की तैयारी, और हर असफलता से सीखने की कहानी थी जो उसने चुपचाप खुद से कही थी। एक आम स्कूल की छात्रा से लेकर राष्ट्रीय सुर्खियों में आने तक का यह सफर आसान नहीं था। परिवार की सीमित आर्थिक स्थिति, संसाधनों की कमी और प्रतियोगिता का दबाव — सृष्टि ने हर चुनौती को अपने आत्मविश्वास से जवाब दिया।
परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, लेकिन इससे कहीं ज़्यादा लोगों को प्रेरणा मिली उस छोटी सी उम्र में बड़ी सोच रखने वाली लड़की से, जिसने दिखा दिया कि मेहनत और समर्पण के आगे कोई भी सिस्टम बाधा नहीं बन सकता।
सृष्टि आज लाखों छात्रों के लिए मिसाल बन चुकी है — कि नंबर एक परिणाम नहीं, बल्कि एक सोच की जीत है। और इस सोच का नाम है सृष्टि शर्मा। 🌟📚💪

