चंडीगढ़ 28 जनवरी 2025 आर विक्रमा शर्मा अनिल शारदा — मुगलों और अंग्रेजों से मुक्ति दिलाने में भारत माता के देशभक्ति ने अपनी स्वैच्छिक कुर्बानियां दी है पूरी दुनिया में ऐसी और मिसाल नहीं मिलती।जहां देश भक्तों ने हंस-हंसकर फांसी के फंदे चूम कर गले डाले हों। अन्य देशभक्तों में अग्रणी रहे लाला लाजपत राय जिन्हें अंग्रेजों ने लाठियां मार मार कर मौत के घाट उतार दिया था। स्वतंत्रता संग्राम के लिए लाललाजपत की बलिदानी ने प्रथम बिगुलवादक बनने का श्रेय पाया है। लालजी का जन्म 28 जनवरी 1865 को और 17 नवंबर 1928 को उन्होंने बलिदानी पाई थी। लाला लाजपत राय जी हिंदू धर्म के महान आस्था वान थे।
