चंडीगढ़ 01-02-2025– आरके विक्रमा शर्मा अनिल शारदा हरीश शर्मा —- सनातन धर्म संस्कृति आदि अनादि पौराणिक प्राचीनतम सभ्यता दर्शन है। यह उत्पत्ति और मोक्ष का ब्राह्म द्वार है। भगवान श्री विष्णु भगवान श्री राम जी भगवान श्री कृष्ण जी महाराज और भगवान शिव का सनातन स्वरूप मां गायत्री है। लेकिन आदिकाल से ही राक्षस नीच विचार और अधर्मी लोग सनातन संस्कृति को मिटाते मिटाते मिटते ही चले गये। आज भी भारत की पवित्र भूमि पर रहने वाले अधर्मी दोगले हिंदूओं ने जेहादियों वहशियों काफिरों की शरण लेनी शुरू कर दी हैं।। लेकिन यह भी सच है की अनेकों जिहादी अब सनातन धर्म की पराकाष्ठा को पहचान कर सनातन धर्म अपना रहे हैं। पश्चिमी देशों के लोग सनातन धर्म की और उन्मुख हो रहे हैं। सनातनी बनने की होड़ लगी हुई है।।