सभी से निस्वार्थभाव से प्रेम करना ही तो है सच्ची भक्ति ; श्री आत्म प्रकाश

Loading

सभी से निस्वार्थभाव से प्रेम करना ही तो है सच्ची भक्ति ; श्री आत्म प्रकाश 
चण्डीगढ़ : 4 सितंबर : आरके विक्रमा शर्मा /मोनिका शर्मा /एनके धीमान :— इस सृष्टि पर रहने वाला हर इन्सान  परमात्मा की सन्तान है चाहे वह धरती के किसी भी कोने में रह रहा है चाहे उसी जाति उसकी भाषा उसका खान-पान, रहन-सहन आदि अलग क्यों न हो हमें सभी से प्रेम करना चाहिए यही सच्ची भक्ति है ये उद्गार आज यहां चण्डीगढ़ क्षेत्र के सेवादल के क्षेत्रीय संचालक  आत्म प्रकाश जी ने  सन्त निरंकारी सत्संग भवन में हज़ारों की तादाद  में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए ।
श्री प्रकाश ने आगे बताया कि सभी को परमात्मा की सन्तान मानते हुए हम अपने मनों में द्वैत भाव को समाप्त कर सभी के प्रति अपनेपन का भाव स्थापित करें जब भी किसी से संपर्क स्थापित करें तो चेहरे पर मुस्कान हो ताकि हमारे से मिल कर वह भी मुस्कुराने लग जाए । इस सृष्टि पर छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा कार्य इस परमात्मा के आदेशानुसार हो रहा है इसलिए हम हर समय इस सिद्धान्त को मन में बसाए रखें तथा इस बारे में किसी अन्य प्रकार के विचार या दुविधाएं मन में उत्पन्न न होने दें ।
श्री प्रकाश ने कहा कि सत्गुरू बाबा हरदेव सिंह  जी भी हमें समय समय यही  दिशा निर्देश  देते रहते थे व वर्तमान समय में सत्गुरू माता सविन्द्र हरदेव जी महाराज भी यही चाह रहे हैं कि हमें किसी की निन्दा चुगली से हमेषा दूर रहना है और दूसरों की कमियां निकालने का भी हमें कोई अधिकार नहीं है इसलिए इस ओर भी हमें ध्यान देना है । 
आज यहां सेवादल का ट्रेनिंग कैंप की अध्यक्षता क्षेत्रीय संचालक श्री आत्मा प्रकाश जी ने की । इस अवसर पर सैकड़ों की तादाद  में सेवादल के सदस्य भाई व बहन और बाल सेवादल अपनी-अपनी सेवादल वर्दी में सेवादल अधिकारियों के साथ उपस्थित थे
इससे पूर्व यहां के संयोजक श्री मोहिन्द्र सिंह जी ने उनका स्वागत किया और परमात्मा से सभी के लिए अधिक से अधिक सत्संग-सेवा-सिमरन कर पाने व उन्हें हर तरह के तन-मन-धन के सुख प्रदान करने की कामना की ।
———————————————————————
 
कैप्शन ; श्री आत्मप्रकाश जी छात्राओं को नैतिकता का सबक सिखाते हुए —एनके धीमान 
==================================

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

131338

+

Visitors