“साहित्य स्पर्श अवार्ड-2024” की “शीतु कौशल” है सुपात्र “अल्फा न्यूज़ इंडिया” ने दिया परामर्श व प्रोत्साहन

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चंडीगढ़ 15 अगस्त आर के विक्रमा शर्मा हरीश शर्मा:– शीतु कौशिक पुत्री रविंद्र शर्मा को साहित्य स्पर्श अवार्ड 2024 से अलंकृत किया गया है। शीतु कौशल का नाम अपने अर्थ और प्रभाव का पर्याय बनते हुए धर्मवत विनम्र स्वभाव व मृदुल व्यवहार का दर्पण है। शीतु कौशल के पिता रविन्द्र शर्मा देश की नामी अस्पताल पीजीआई चंडीगढ़ के कार्डियक डिपार्मेंट में अधिकारी पद पर कार्यरत हैं। और माता एक धरमवृति की सफल सुघड़ गृहिणी है। घर में एक शांत सभ्य और शिष्ट धर्म-कर्म और परोपकारी वातावरण होने का लाभ शीतु कौशल के लेखन ललक को कामयाब बनाता है।

कलम, कागज विचार चिंतन मर्म मंथन और फिर शब्दों को प्रकार आकार देना शीतु का बचपन से सफर शुरू होकर अभी तक जारी है। शीतु कौशल की लिखी पुस्तक “चूज योर डेस्टिनी योर वन लाइफ” आजकल खूब चर्चा बटोर रही है। हर ओर से प्रशंसा-संदेश मिल रहे हैं। उक्त पुस्तक में युवा वर्ग को आधुनिक परिवेश में खुद को तलाशना और तराशना और विभिन्न माध्यमों का चित्रण बखूबी मार्गदर्शन लिए हुए है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में नकारात्मक सकारात्मक भावों का विशेष स्थान और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के भेदने की अहमियत और अभिमन्यु सी दूरदर्शिता को शीतु कौशल ने बखूबी इंगित किया है। आज के स्वार्थी और धनलोलुपता के काल में काम और कमाई के अलावा भी जिंदगी अनेकों मायने मजबूत इरादों को लेकर कैसे चलायमान रहती है। यही तो शीतु कौशल की लेखनी ने अपनी भूमिका निभाई है।शीतु कौशल की लिखी पुस्तक “चूज योर डेस्टिनी योर वन लाइफ” में स्पष्ट लिखा है कि सीख अनुभव देती है। अनुभव को लेकर जीवन जीने का क्रम सफलता देता है। शीतु कौशल अपने उन भावों को उकेरने की सम्मत बढ़ती है। जो दूसरों का सटीक सरल सहज व सुलभ होने वाला मार्गदर्शन करती है। यही स्पष्टवादिता पुस्तक की और कलमकार की सामंजस्य व समन्वय का उदाहरण है।

शीतु कौशल “द लाइफ स्टाइल” में दिए अपने इंटरव्यू को अपनी लाइफ का टर्निंग पॉइंट मानती है। आजकल यूरोप में बतौर विनियामक रसायनज्ञ कार्यरत है। और इसी दौरान एक साथी द्वारा प्रेषित करने पर यह किताब लिखी है। इसके मुताबिक इंसान को कभी भाग्य के आश्रय नहीं रहना चाहिए। यानी हमारी मेहनत, एकाग्रता निष्ठा भरे कार्यों से भी भाग्य नई मंजिलें प्राप्त करता है। शीतु कौशल ने पंजाब के जिला पटियाला से फार्मास्यूटिकल साइंस और ड्रग रिसर्च में स्नातक की डिग्री की पढ़ाई के बाद, चितकारा विश्वविद्यालय में फार्माकोविजिलेंस और क्लिनिकल रिसर्च में स्नातकोत्तर अध्ययन किया। अपने स्नातकोत्तर कार्यक्रम के दौरान, कई शोध पत्र लिखे। जिससे खुद को अकादमिक क्षेत्र में एक उल्लेखनीय व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया। इन शोध पत्रों के अलावा, तीन अकादमिक पुस्तकों का लेखन भी किया ।”फार्माकोविजिलेंस सिस्टम को समझना: मूल बातें,” सिस्टम “क्लिनिकल रिसर्च के बुनियादी सिद्धांत,” और “मेडिकल राइटिंग बेसिक्स के माइंड मैप्स: स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए एक गाइड।”ये किताबें जटिल अवधारणाओं की स्पष्ट और सुलभ समझ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। यहां बौद्धिक कुशाग्रता प्रत्येक पृष्ठ पर चमकती है, जो पाठक वृंदों को बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और ज्ञान प्रदान करती है। विस्तार पर सावधानीपूर्वक ध्यान देने के साथ, कार्य ज्ञान और विद्वत्तापूर्ण उत्कृष्टता के स्तंभ के रूप में कार्य करते हैं।

अल्फा न्यूज़ इंडिया के साहित्य प्रभारी आरके विक्रमा शर्मा ने पाया कि शीतच कौशल ने कहीं भी कामयाबी को प्राप्त करने के लिए शॉर्टकट अपनाने का मार्गदर्शन ना करते हुए स्पष्ट किया है कि मेहनत लगन और धुन आपकी कामयाबी का पहले-पहल दर्पण है। और शीतु कौशल को भविष्य में लिखने की पद यात्रा जारी रखने का परामर्श और प्रोत्साहन दिया। और यही शीतु कौशल के लिए अवार्ड और रिवार्ड से भी कहीं ऊपर सम्मान सूचक शब्द हैं।

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