पंचकूला:12 जनवरी 23 आरके विक्रमा शर्मा/ हरीश शर्मा+ अश्विनी शर्मा प्रस्तुति:—-उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ:बिजली बिल में जुड़कर आएगा नॉन एनर्जी चार्ज, एसीडी के नाम से हरीयाणा के लगभग 71 लाख उपभोक्ता व पचकुलां के 3 लाख से अधिक लोगों से वसूली जाएगी सिक्योरिटी राशि- चन्द्रमोहन
पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन न कहा है की हरीयाणा के लगभग 71 लाख उपभोक्ता व पचकुलां के 3 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर है। हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा इस माह से आ रहे नए बिजली बिलों के साथ एडवांस कंजप्शन डिपॉजिट (एसीडी, अग्रिम सुरक्षा राशि) जोड़कर भेजी जा रही है।
वो भी किसी को बिना बताए बिजली के बिल में लगा कर
भाई चन्द्रमोहन ने कहा है की मंहगाई,बेरोजगारी व आर्थिक संकट ने जनता की कमर तोड़ रखी है, वहीं गरीब से गरीब आदमी का बिजली बिल 2000 रुपये से कम नहीं आ रहा है, उसके बाद भी राज्य सरकार व बिजली निगम ने एकतरफा तौर पर मनमर्जी से नान अनर्जी चार्ज डालकर पहले से आर्थिक रूप से त्रस्त जनता पर और बोझ डाल दिया है, जो अवहनीय होगा। परिणामस्वरूप सरकार के इस एकतरफा निर्णय की जनता में भारी नाराजगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली निगमों में भारी अनियमितता के चलते भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर है, सरकार इसको काबू करने की बजाए इसका खामियाजा जनता को ही भुगतने पर मजबूर किया जा रहा है
चन्द्रमोहन ने कहा है जनता पर नान अनर्जी चार्ज डालने का कोई औचित्य नहीं है और यह मनमाना शुल्क तुरन्त सरकार व विभाग को वापिस लेना चाहिए, क्योंकि गरीब आदमी इसको सहन नहीं कर पाएगा। जबरदस्ती ऐसा करना जनता का अपमान है।
बिजली बिलों में नॉन एनर्जी चार्ज का कालम बनाकर उसे जोड़कर भेजा जा रहा है। इसके तहत पुरे हरीयाणा के लगभग 71 लाख उपभोक्ता व पचकुलां के 3 लाख से ज़्यादा अधिक उपभोक्ताओं को एक तरह से सिक्योरिटी राशि जमा करवानी होगी। यह सिक्योरिटी राशि पूरे साल के बिलों का औसतन निकालकर तय की जा रही है जो की यह लोग के साथ सरासर अन्याय है
अक्टूबर के अंतिम सप्ताह व नवंबर में आने वाले सभी बिलों में यह नॉन एनर्जी चार्ज जोड़कर भेजे जा रहै है । इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा। यानी उनको बिल के साथ-साथ नॉन एनर्जी चार्ज भी नए बिल की अंतिम तारीख तक भरना पड़ेगा। इस नियम के तहत बिजली निगम की ओर से एक उपभोक्ता के पूरे साल पूरे बिल राशि को जोड़कर महीने भर की उसकी एवरेज निकाल ली जाती है सरकार को यह सरकुलर को तुरंत वापस लेना चाहिए
उसके बाद उसके दो बिलों जितनी राशि को सिक्योरिटी के तौर पर रखा जाता है। एचईआरसी (हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन) के निर्देशानुसार सभी सक्रिय बिजली उपभोक्ताओं को वित्तीय वर्ष में दो औसत बिलिंग के बराबर अग्रिम सुरक्षा राशि (एसीडी) रखना अनिवार्य किया गया है। जो कि सरासर लोगों की जेबों पर डाका डाला जा रहा है
हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा बिजली उपभोक्ताओं की अग्रिम खपत जमा की समीक्षा स्थगित कर दी गई थी। अब इसे दोबारा शुरू किया गया है। यह अग्रिम सुरक्षा राशि सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के बिलों के साथ जोड़कर भेजी जा रही है
उपभोक्ता ने कितने किलो वाट का कनेक्शन लिया है। इससे अब निगम को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। उपभोक्ता द्वारा बिजली कितनी प्रयोग की जा रही है, बिजली निगम द्वारा केवल यह देखा जा रहा है इसी के आधार पर अब नए नियम के अनुसार हर साल सिक्योरिटी यानी अग्रिम सुरक्षा राशि उपभोक्ता के बिल के हिसाब से तय की जा रही है
पहले यह एक मुश्त ली जाती थी, मगर अब एक साल में आपके जितने बिल की राशि होगी, उनकी औसत के हिसाब से यह सिक्योरिटी राशि बढ़ाई जाएगी और उपभोक्ता के बिल में जुड़कर आएगी।जो लोगों के साथ बहुत बड़ा धोखा है
पहले मीटर लगने के दौरान ही सिक्योरिटी राशि जमा करवाई जाती थी।
निगम की तरफ से सर्कुलर जारी
निगम की तरफ से सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें एसीडी की राशि जमा करवाई जा रही है।
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