– ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री बताते हैं की
– काम, आजीविका, नौकरी में तरक्की या अच्छे रोजगार की कामना है तो शिवलिंग का शहद की धारा से अभिषेक करें।
– सोमवार को शिवलिंग में आंकड़े का फूल या धतूरा चढ़ाने से पारिवारिक, कार्यक्षेत्र या अदालती विवादों से छुटकारा या मनचाहे नतीजे मिलते हैं।
– मान्यताओं में शिव को भांग प्रेमी भी माना जाता है। दूध में भांग मिलाकर मानसिक परेशानियों से मुक्ति पाएं।
– सोमवार कालसर्प दोष शांति के लिए बहुत शुभ है। इसलिए इसके लिए जिम्मेदार राहु ग्रह के 18000 मंत्र जप किसी विद्वान ब्राह्मण से जानकर अवश्य करें।
– इन सब उपायों में से कोई भी न कर सके तो कम से कम सोमवार शिव को पावन जल और बिल्वपत्र ही अर्पित कर दें। इससे जीवन में हो रही हर उथल-पुथल थम जाएगी।
इस 1 शिव मंत्र से ही बंध जाएगा परेशानियों का पुलिंदा भगवान शिव ‘हर’ नाम से भी पूजनीय है। जिसके पीछे धार्मिक आस्था से यही भाव है कि शिव भक्त की पुकार पर उसकी सभी कष्ट व पीड़ाओं को हर यानी हरण कर लेते हैं। पौराणिक प्रसंग भी उजागर करते हैं कि चाहे वह समुद्र मंथन से निकले हलाहल यानी विष को पीने की बात हो या स्वर्ग से उतरी देव नदी गंगा के वेग को थामने के लिए उसे अपनी जटाओं में स्थान देने की बात, शिव ने संसार के संकटों को कल्याण भाव से हर लिया।
यही कारण है कि सांसारिक जीवन में हर परेशानियों से मुक्ति या कामनासिद्धि के लिए हर यानी शिव का ध्यान बहुत ही मंगलकारी माना जाता है। शिव उपासना की विशेष घडिय़ों में सोमवार का दिन बहुत शुभ है।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री बताते हैं की सोमवार की मंगल घड़ी में अगर नीचे लिखे सरल मंत्र से शिवलिंग की सामान्य पूजा भी करें तो यह पीड़ा व कष्टों से जल्द निजात दिलाने वाला उपाय माना गया है। जानते हैं विशेष शिव मंत्र, जिसमें शिव की अद्भुत महिमा व स्वरूप की वंदना है –
– सोमवार को स्नान के बाद स्वच्छ व सफेद वस्त्र पहन शांत मन से शिवालय या घर पर स्फटिक या धातु से बनी शिवलिंग को खासतौर पर शांति की कामना से दूध व शुद्ध जल से स्नान कराएं।
– शिव को सफेद चंदन, वस्त्र, अक्षत, बिल्वपत्र, सफेद आंकड़े के फूल व श्रीफल यानी नारियल पंचाक्षरी मंत्र ऊँ नम: शिवाय बोलते हुए चढाएं व पूजा के बाद नीचे लिखे शिव का श्रद्धा से स्मरण या जप करें –
शिवो गुरु: शिवो देव: शिवो बन्धु: शरीरिणाम्। शिव आत्मा शिवो जीव: शिवादन्यन्न किञ्चन।।
इसमें शिव की महिमा है कि शिव से अलग कुछ भी नहीं है, यानी शिव ही गुरु है, शिव देव हैं, शिव सभी प्राणियों के बन्धु हैं, शिव ही आत्मा है और शिव ही जीव हैं।
– इस मंत्र स्मरण व पूजा के बाद दूध की मिठाई का भोग लगा शिव की आरती धूप, दीप व कर्पूर से करें। प्रसाद ग्रहण कर सुकूनभरे जीवन की कामना से सिर पर शिव को अर्पित सफेद चंदन लगाएं।
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