चंडीगढ़ ; 8 अप्रैल ; आरके विक्र्मा शर्मा /मोनिका शर्मा ;----भारत देश के सर्व प्रथम महान क्रांतिकारी आजादी के दीवाने मस्ताने मंगल पाण्डेय को भारत देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्रामी बनने का गौरव प्राप्त है ! तात्कालीन दौर में बच्चा बच्चा मंगल पाण्डे के कारनामों से वाकिफ था !जी हाँ ! ये वही मंगल पाण्डे था जिसने गुलाम भारत में आजादी की रणभेरी में पहली फूंक फूंकी थी और फिरंगियों को खुलेआम चुनौती देकर ललकारा था! मंगल पांडेय ने फिरंगी हकूमत के खिलाफ न बुझने वाली चिंगारी रूपी विद्रोह की मशाल को भभका बनाया था ! देश भर में ये आजादी बिगुल बजा तो फिर परिणाम ये रहा कि आज हम सब आजाद मुल्ख में जी रहे हैं ! भारत माता को रणबांकुरे देश भक्त मंगल पाण्डेय पर नाज है और कृतज्ञ राष्ट्र आज उनको श्रद्धापूर्ण सजल नेत्रों से गौरवमयी श्रद्धांजलि समर्पित करते हए स्मरण कर रहा है ! मंगल पांडे ने महज तीस बसंत ही देखे थे कि ईस्ट इंडिया कम्पनी का आम कर्मचारी सिपाही होते हुए देश धर्म को फिरंगी द्वारा बुरा बोलने पर उस पर बुरी तरह से आगबबूला होते हुए पिल्ल पड़े थे ! गौ मांस वाली टोपी युक्त गोला प्रयुक्त करने के मामले में मनाही भरने वाले और फिरंगी अफसर पर तनतना उठे मंगल पांडेय को फांसी देकर देश की आजादी की बलिबेदी पर कुर्बान किया गया था ! विदित रहे कि हिन्दू सिपाहियों को गौ मांस वाले कारतूस और मुस्लिम सिपाहियों को सूअर चर्बी वाले कथित कारतूस मुंह से खोलने से मनाही करने की कारनामे ने फिर तो मंगल पांडेय की शहादत के बार हजारों लाखों वीर देशभक्त मंगल पांडेय पैदा किये और फिरंगी हकूमत की अर्थी विदा करके दम लिया था ! भारत माता वीर पुत्रों को शहादत की कृतज्ञ राष्ट्र सजल नेत्रों से गौरवमयी सलामी देता है !