चंडीगढ़:- 22 अगस्त: आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा/ अनिल शारदा प्रस्तुति:- जननी तो सिर्फ अपने ही बच्चे को दूध पिलाती है। लेकिन गाय माता का दूध हर जननी का बच्चा बिना किसी भेदभाव के बिना किसी स्वार्थ के पीता है। और पालना अपने कुटुंब की करता है। यानी कि गौ माता उससे इसी प्रकार का विश्वास नहीं रखती हैं। फिर भला गौ माता जननी से बड़ी पूजा क्यों नहीं हो सकती। यह विचार अल्फा न्यूज़ इंडिया के माध्यम से समाज सेवक और धर्म पालक पंडित रामकृष्ण शर्मा ने व्यक्त किए। उन्होंने गाय माता की पालना और घर में गाय का स्थान और मानस जीवन में गांव प्रेम का फल आदि की व्याख्या भी की।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन सुअवसर पर गोपाल गोलोक धाम गौशाला कैम्बवाला में गौ- गंगा कृपाकांक्षी धेनु मानस ग्रंथ के रचयिता पूज्य श्री गोपाल मणि जी महाराज के पावन सानिध्य में बरसते धेनु मानस गौ कथा अमृत के पांचवें दिन गुरुजी ने बताया कि लोग गाय को समझें, गाय को जानना जरूरी है। “गावो विश्वस्य मातर:” गाय विश्व की माता है।
आज की बदलती पर्यावरण की परिस्थितियों में शुद्ध हवा की वातावरण में बहुत कमी हो रही है। जीवन जीने के लिए हमें ऑक्सीजन की जरूरत होती है। आज सबसे बड़ा देवता ऑक्सीजन है। गाय 24 घंटे ऑक्सीजन देती है। इस तरह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गाय में सबसे बड़े देवता का वास है। गाय के सम्मान के लिए हम सभी को खड़े होना चाहिए । गाय को हमारा प्रेम और सम्मान चाहिए। दूध ना देने वाली गाय का जब हम सम्मान करते हैं तो वह कामधेनु बन जाती है और हमारी हर इच्छा पूरी करते हैं। गाय को हमें रोजगार से भी जोड़ना चाहिए। गोबर प्लांट लगाकर उसकी गैस का घरों में प्रयोग किया जाए तथा वाहन चलाने में प्रयोग किया जाए। हमने यदि गाय के गोबर को आजीविका से जोड़ दिया तो नए समृद्ध भारत का निर्माण होगा।आज गो कथा में मुख्य अतिथि के रूप में बाल्मीकि शक्ति पीठ के पीठाधीश्वर नवीन सरहदी जी महाराज,संत शब्द विचारा नंद जी महाराज,गुरु राजेश्वरी देवी,महंत शक्ति नाथ, राजराजेश्वरी जी महाराज, साध्वी लता जी महाराज,महंत सुनील रावत सभी संतो ने मिलकर अपने व्यक्तव्य में संत गोपाल मणी जी महराज को गो माता राष्ट्रीय माता का दर्जा मिलना चाहिए का पुरजोर समर्थन किया इस अवसर पर
गौ कथा में पांच राज्यों एवम ट्राइसिटी हजारों गौ भक्तों के साथ एवं ट्राइसिटी से हजारों गौ भक्तों ने भाग लिया। कथा उपरांत प्रसाद और भंडारा वितरित किया