पांच साल बनाम सारी उम्र…….
सुखमयी जीवन,गाड़ी,बगलां,नौकरचाकर ओर ना जाने कितने प्रकार के एशोआराम जो हर व्यक्ति की चाहत होती है ओर वो इसको पूरे करने के सपने भी देखता है लेकिन इन सपनों को पूरा करने के लिए जरूरत है कड़ी मेहनत ओर कड़े परिश्रम की लेकिन आज हम सब के आस पास रहने वाले जो राजनीति में अपनी किस्तत को एक बार अजमा चूके है वो इन सपनों को कम समय में पूरे कर चूके है या फिर करने वाले है जी हां ये सच्चाई हमेशा कड़वी होती ओर ये लेख भी शायद उतना ही कड़वा है।
हम सब जानते है कि राजनीति में आने के बाद विधायक से लेकर मंत्री तक किस प्रकार इन एशों अराम के सनसधानों को केवल पांच साल में ही पूरे कर रहे है आज देश की प्रत्येक नागरिक जानना चाहता है कि किस प्रकार कोई आम आदमी से कम समय में इतना अमीर बन सकता है ओर जब विधायकों व मंत्रीयों से चल अचल सम्पति का ब्यौरा मांगा जाता है तो क्यों नही दे पाते क्यों नही बता पाते जनता को कि हमारे पास इतनी गाड़ीयां है नौकर चाकर है लेकिन ये सब धरा का धरा रहा जाता है क्या राजनीति में जनता के सपनों का कोई सरोकार नही होता जनता भी अब अपने प्रतिनिधियों को भलि भातिं जानने लग गयी है।
क्या राजनीति में पढ़ाई लिखाई,कद काठी,ओर उम्र की कोई सीमा नही है?
क्या राजनीति सेवा का माध्यम ना होकर अपने अपने सवार्थ की राजनीति बनती जा रही है?
जब एक चपड़ासी के लिए शिक्षा के मापदंड जरूरी है तो शिक्षा मंत्री बनने के लिए क्यों नही?
जब एक डाक्टर बनने के लिए मेडिकल डिग्रियों की जरूरत है तो स्वास्थमंत्री के लिए क्यों नही?
जिसके पास कृषि का कोई ज्ञान ही नही जो किसान ही नही उसको हम कैसे कृषिमंत्री बना सकते है?
ये देश का दुर्भाग्य है या सौभाग्य शायद हम सभी जानते है कि अब समय है राजनीति के मायने बदलने के राजनीति में बात हो कैसे हर परिवार तक शिक्षा पहुंचे कैसे हर किसी को स्वास्थय सेवाओं को लाभ मिले ताकि कोई व्यक्ति स्वास्थय के अभाव में अपनी अन्तिम सांस न ले कैसे हम महिलाओं केा सुरक्षा प्रदान करें कैसे हम अपने नौजवानों को विश्वास दिलाये कि वो पढ़े लिखे रोजगार की गारंटी हमारी कैसे देश के युवा अपने गांव से लेकर शहर तक समाजिक कार्यो में अपनी भागीदारी दे ओर कैसे बदले राजनीति के मायने……………………