जापान के साकूरा प्रोजैेक्ट के लिए विज्डम वर्ल्ड स्कूल के दो छात्रों का हुआ चयन

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जापान के साकूरा प्रोजैेक्ट के लिए विज्डम वर्ल्ड  स्कूल के दो छात्रों का हुआ चयन  

कुरुक्षेत्र 23 अप्रैल-  राकेश शर्मा/अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;—- जापान सांईस और तकनीकी एंजैंसी (जसटा) के 10 दिनों के साकूरा प्रोजैेक्ट के लिए देश से केवल पांच छात्रों का चयन किया गया है। इन पांच विद्यार्थियों में दो छात्र कुरुक्षेत्र के विज्डम वल्र्ड स्कूल से है। इन छात्रों का भारत से जापान तक आने जाने, रहने, खाने और तमाम प्रकार का खर्च जापान सरकार की तरफ से किया जाएगा। इस स्कूल के दोनों विद्यार्थी जापान में दस दिनों तक शिजूका विश्वविद्यालय में साकूरा प्रोजैेक्ट के तहत सांईस विषय का ज्ञान लेंगे। इस प्रोजैक्ट से सभी एशियन देशों से विद्यार्थी शिरकत कर रहे है। इन में से दो विद्यार्थी हरियाणा कुरुक्षेत्र से भी होंगे।
विज्डम वर्ल्ड  स्कूल की निदेशिका अनिता रावल व ट्र्स्टी विनोद रावल ने स्कूल से जापान के लिए चयनित किए दसवीं कक्षा के विद्यार्थी वासू अग्रवाल व दस जमा दो की छात्रा प्रज्ञा कौशिक व उनके परिजनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश में पांच में से दो विद्यार्थियों के जापान साकूरा प्रोजैक्ट के लिए चयन होना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इन छात्रों को आल इंडिया लेवल पर जापान की जापान साईस और तकनीकी एंजैंसी  द्वारा बनाई गई मैरिट में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इन छात्रों का सारा खर्च जापान सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इन छात्रों के चयन से स्कूल के अन्य विद्यार्थियों को प्रेरणा मिलेगी और उत्साह के साथ अगले साल जापान जाने के लिए तैयारी करेंगे। दोनो विद्यार्थी दस दिनों तक जापान में रहकर सांईस की नई तकनीकी के साथ साथ विश्व में हो रहे अविष्कारों में ज्ञान हासिल करेंगे।
उन्होंने कहा कि दोनों विद्यार्थियों को इस मुकाम तक पहुंचाने में जापान से आए विद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय अफेयर के निदेशक सातोशी हाता ने अहम भूमिका अदा की हैै। इन दोनों छात्रों को निदेशक सातोशी हाता ने प्रशिक्षण और जापानी भाषा तथा तमाम बारीकियोंं का ज्ञान देने का काम किया। जिस के चलते छात्रों का जापान के लिए चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि स्कूल की तरफ से अब जापान के साथ सांस्कृतिक और सांईस के आदान प्रदान के लिए निरंतर कार्यक्रम चलाया जा रहा है। हर साल स्कूल से कम से कम दस छात्रों को जापान भेजा जा रहा है। इन छात्रों को जापान जाने के लिए 40 प्रतिशत खर्च स्कूल की तरफ से खर्च किया जाता है और 60 प्रतिशत बच्चों द्वारा वहन किया जाता है।
उन्होंने कहा कि जापान जैसे देश में जाने से विद्यार्थी अनुशासन, सांईस, कायदे कानून सहित शिक्षा ग्रहण करने के तौर तरीकों के बारे में जान सकते है। इस स्कूल में विशेष विषय विशेषज्ञों द्वारा प्राईमरी स्तर से बच्चों को तैयार किया जा रहा है। शिक्षा के साथ साथ अन्य गतिविधियों के बारे में प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर स्कूल के सभी शिक्षकों ने बच्चों व अभिभावकों को बधाई दी है !!

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