पठानकोट ; 28 अप्रैल ; कँवल रंधावा ;—- रेल प्रशासन रेल कर्मचारियों की मांगो को लेकर लगातार अनदेखी की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारियों ने यदि अपनी नीतियों में बदलाव न किया तो कर्मचारी उनका घेराव करने का काम शुरू कर देंगे। यह बात एनआरएमयू शाखा पठानकोट की ओर से रेलवे अस्पताल परिसर में आयोजित गेट रैली के दौरान मंडल सचिव कामरेड अश्वनी कुमार ने कही।सहायक मंडल सचिव कामरेड अश्विनी कुमार ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन एवं आल इंडिया गार्ड कोंसिल एसोसिएशन द्वारा रनिंग स्टाफ की लंबित मांगों के तहत 36 घंटे की भूख हड़ताल रखी है उसका एनआरएमयू समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट के बाद बनाई गई कमेटियों ने चार महीने में रिपोर्ट देने की बात कही थी, परन्तु आठ महीने बीतने के बाद भी कमेटियों के रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी, जिसमें रेल कर्मचारियों में काफी नाराज़गी है।लोकल मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी फिरोजपुर का रवैया रेलवे अस्पतालों के प्रति सही नहीं है। मुख्य रूप से पठानकोट हेल्थ यूनिट के लिए तो आंखें बंद की हुई है। पठानकोट में एंबुलेंस का कान्ट्रैक्ट करना, नए डाक्टर को नियुक्त करना, सफाई वालों की भर्ती करना, अस्पतालों में दवाइयों का कोटा समय पर देना, बरसात से पहले नालों की सफाई करवाना आदि मांगों का मांग पत्र वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी पठानकोट को दिया। कामरेड दीपक गुप्ता ने केन्द्र सरकार ओर रेलवे बोर्ड की कड़े शब्दों मे निंदा की। उन्होंने कहा कि भारतीय ट्रेड यूनियन एक्ट 1926 की रेलवे बोर्ड का उल्लंघन करने का प्रयास किया। इसकी यूनियन कड़े शब्दों में निंदा करती है। उन्होंने रेल कर्मचारियों को अपने हकों की लड़ाई तेज़ करने की अपील करते हुए एक जुटता की अपील की। इस मौके पर त्रिभुवन सिंह, लखबीर सिंह, तरसेम लाल, रोहित शर्मा, नरिन्द्र बिट्टू, परमजीत सिंह, जसविंदर सिंह, रजिन्द्र कुमार, परमजीत सैनी, रमेश कुमार, राजेश आहुजा भी उपस्थित थे।