भगवान शिवलिंग पर सावन मास में गंगा जल से जलाभिषेक का है पावन महातम :- महंत मनोज शर्मा

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चंडीगढ़ 26 जुलाई आरके विक्रमा शर्मा/ हरीश शर्मा प्रस्तुति:— सावन मास सब मास में उत्तम मास कहा गया है! और भगवान शिव भोलेनाथ का सबसे प्रिय मांस कहा गया है। इसमें भूले से भी अगर कोई भगवान शंकर का नाम ध्यान करता है। तो कई पापों से मुक्त हो जाता है। भगवान शंकर को रिझाने के लिए शिवभक्त नाना प्रकार की भक्ति पूजा अर्चना उपासना आदि करते हैं। इसी क्रम में भगवान भोलेनाथ के भक्त गोमुख से और दुर्गम पहाड़ों से गंगा के विभिन्न उद्गम स्थलों से गंगाजल लाकर अपने निवास क्षेत्रों में स्थापित भगवान शंकर के मंदिरों में शिवलिंग पर गंगाजल अर्पण करते हैं। और समस्त प्राणी जगत के कल्याण की पूजा अर्चना के साथ मंगल कामना करते हैं।

  ऑल इंडियन श्री परशुराम महादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत मनोज शर्मा कांवड़ियों संग हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने निवास क्षेत्र मणिमाजरा सेक्टर 13 पहुंचे।
महंत मनोज शर्मा जी ने कांवड़ियों संग मनीमाजरा के प्राचीन शिव ठाकुर द्वारा मंदिर में शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ा कर की शिव पूजा और भगवान भोलेनाथ से सभी देशवासियों के कल्याण हेतु प्रार्थन की। इस अवसर पर महंत मनोज शर्मा जी ने अल्फा न्यूज़ इंडिया को बताया कि भोलेनाथ पर साधारण जन अभिषेक करने से भी नाना प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। भगवान शंकर को इस मास में जल विशेष प्रिय रहता है। और अगर मां गंगा जी का पवित्र जल मिलाकर भगवान शंकर के मंदिर में शिवलिंग का जलाभिषेक गंगाजल से किया जाए तो कई वर्षों के पाप नष्ट हो जाते हैं।

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