लाखों स्कूली बच्चों के लिए खुशखबरी, 1 जुलाई से नो बैग नो बुक्स ऑन शोल्डर्स

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लाखों स्कूली बच्चों के लिए खुशखबरी, 1 जुलाई से नो बैग नो बुक्स ऑन शोल्डर्स  

जैसलमेर ; 1 मई ; चंद्रभान सोलंकी /अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;—स्कूली बच्चों के लिए बड़ी खुशखबरी, बीजेपी सरकार उनका बोझ कम करने जा रही है। एक जुलाई से अब नो बैग नो बुक्स ऑन शोल्डर्स। हरियाणा के सौ सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पहली कक्षा के नौनिहालों को पहली जुलाई से बैग का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
सरकार इन स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नो बुक्स, नो बैग सिस्टम शुरू करने जा रही है। इस प्रणाली को सभी 8889 प्राइमरी स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। पहले चरण में हर जिले के कम से कम पांच और अधिकतम सौ स्कूलों में सरकार इसे लागू करने जा रही है।
पहली कक्षा के नन्हे-मुन्नों को घर से स्कूल तक खेलते-कूदते आना होगा। उनकी पीठ पर बैग नहीं होगा। बैग रखने के लिए बच्चों को स्कूल में ही बॉक्स उपलब्ध कराए जाएंगे। इनमें बैग रखने में शिक्षक नौनिहालों की मदद करेंगे।
पहली कक्षा में छात्रों को हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषय ही पढ़ाए जाते हैं और शिक्षकों का मुख्य उद्देश्य नौनिहालों को अक्षर ज्ञान कराना होता है। इसलिए थोड़ा-बहुत अगर होमवर्क होगा तो उसे स्कूल में ही करा दिया जाएगा।
15 दिन में एक बार स्कूल बैग घर ले जाना होगा ! 
15 दिन में एक बार बच्चों को स्कूल बैग घर ले जाना होगा। इस दिन वे अभिभावकों को बताएंगे कि उन्होंने स्कूल में क्या-क्या पढ़ा है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के महासचिव दीपक गोस्वामी ने सरकार की इस पहल को सराहा है।
उन्होंने कहा कि बीते एक साल से स्कूलों में पहली कक्षा के विद्यार्थियों के लिए शनिवार नो बैग्स डे के रूप में चलता आ रहा है। इस दिन बच्चों को योगा, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियां बताने के साथ ही उनकी रुचि जानी जाती थी। इस योजना को सभी प्राइमरी स्कूलों में शुरू किया जाना चाहिए।
स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि ये व्यवस्था सरकारी स्कूलों में प्रयोग के तौर पर शुरू की जा रही है। सफल होने पर आने वाले समय में सभी स्कूलों में अमल में लाने का खाका खींचा जाएगा।

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